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सपा परिवार में दरार हुई और चौड़ी, अगले दो दिन पार्टी के लिए होंगे और भारी

aman
By aman
Published on: 22 Oct 2016 1:12 PM GMT
सपा परिवार में दरार हुई और चौड़ी, अगले दो दिन पार्टी के लिए होंगे और भारी
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vinod kapoor vinod kapoor

लखनऊ: पिछले डेढ़ महीने से देश के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे में चल रही रार में शनिवार को साफ हो गया कि समाजवादी पार्टी टूटी भले न हो लेकिन दो हिस्से में जरूर बंट गई है।

एक हिस्से की कमान सपा के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, उनके भाई और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के हाथ तो, दूसरे हिस्से की कमान सीएम अखिलेश यादव के हाथ है। लगातार हो रही बातचीत से भी मामला हल होता नहीं दिखाई दे रहा है। कभी अखिलेश मुलायम से मिलते हैं तो कभी शिवपाल से। कभी शिवपाल अखिलेश से बात करते हैं तो कभी मुलायम से। लेकिन पूरा परिवार कभी भी साथ बैठकर बात नहीं करता, ताकि यदि कोई समस्या है तो उसका समाधान निकल आए।

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सपा परिवार नदी के दो किनारे

लगता है कि बात इतनी दूर तक जा चुकी है कि हल निकलना आसान नहीं दिखाई दे रहा। लगता है कि परिवार के लोग नदी के दो किनारे की तरह हो गए हैं जो कभी आपस में नहीं मिलते। दिलचस्प है कि मीडिया के साथ बातचीत में सभी दरियादिली दिखाते हैं कि उन्हें पद का कोई लालच नहीं और वो सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हैं। एक खबरिया चैनल के साथ बातचीत में सीएम अखिलेश यादव ने कहा था कि असली झगड़ा सीएम की कुर्सी का है और वो नेताजी (मुलायम सिंह) के आदेश पर इसे छोडने को हर वक्त तैयार हैं।

शिवपाल ने भतीजे के प्रति दिखाया प्रेम

शुक्रवार 21 अक्तूबर को प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सपा जिलाध्यक्षों की बैठक में कहा कि 'अखिलेश उनके कलेजे का टुकड़ा है। चुनाव के बाद बहुमत मिलने पर अखिलेश ही सीएम होंगे। यदि वो कहें तो आज ही प्रदेश अध्यक्ष पद का त्याग करने को तैयार हूं।'

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शिवपाल-अपर्णा के समर्थन में लगे नारे

त्याग की मूर्ति बने तो सब दिख रहे हैं लेकिन त्याग करने को कोई तैयार नहीं है। सपा मुख्यालय में शनिवार को जब प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हो रही थी तब बाहर 'शिवपाल यादव और अपर्णा यादव जिंदाबाद' के नारे लग रहे थे। अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव की बहू हैं।

वरिष्ठ नेता भटकते रहे दरवाजे-दरवाजे

सपा के वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार की सुबह मुलायम सिंह यादव से बात की, तो दोपहर बाद सीएम अखिलेश से मिले ताकि समाधान खोजा जा सके। मुलायम और अखिलेश से किरनमय नंदा, बेनी प्रसाद वर्मा, नरेश अग्रवाल, माता प्रसाद मिले।

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शिवपाल बने मोहरा!

सपा से निकाले गए विधायक उदयवीर ने मुलायम को पत्र लिखकर कहा था कि अखिलेश की सौतेली मां उसी दिन से उनके खिलाफ षडयंत्र कर रही हैं जिस दिन वो सीएम बने थे। अब तो अपने षडयंत्र में उन्होंने शिवपाल यादव को 'मोहरा' बना लिया है। हालांकि अखिलेश ने ये कह कर अपने समर्थकों को शांत करने की कोशिश की कि कोई भी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को पत्र नहीं लिखे ।

आने वाले दो दिन पार्टी पर होंगे भारी

जाहिर है आने वाले दो दिन 23 और 24 अक्तूबर पार्टी पर भारी पड़ने वाले हैं। दो दिन में ये तय होगा कि सपा का अब क्या होगा। पार्टी इसी स्वरूप में रहेगी या इसके दो टुकड़े होंगे। 23 अक्तूबर को सीएम अखिलेश विधायकों से मिलेंगे तो मुलायम सिंह यादव भी अगले दिन 24 अक्तूबर को विधायकों से बात करेंगे।

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कई सवालों के जवाब नहीं

विधायकों को बैठक के लिए बुलाना तो सीएम का विशेषाधिकार है लेकिन मुलायम विधायकों से किस हैसियत से मिल रहे हैं। विधायकों को बैठक के लिए बुलाने के वास्ते सीएम सचिवालय से पत्र जारी किया जाता है। क्या अखिलेश ने मुलायम सिंह के साथ विधायकों की बैठक का कोई पत्र जारी किया है।

पार्टी दो फाड़ भले ना हो लेकिन चौड़ी होती दरार साफ दिखाई दे रही है। दरार इतनी बढ़ गई है कि इसके पट जाने के आसार तो कम ही दिखाई दे रही है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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