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Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भड़के ओवैसी, गोवा को लेकर भाजपा पर बोला हमला

Uniform Civil Code: एआईएमआईएम के मुखिया ने कहा कि देश विभिन्न मोर्चों पर तमाम समस्याओं से जूझ रहा है मगर भाजपा के लोगों को यूनिफॉर्म सिविल कोड की ही चिंता सता रही है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Monika
Published on: 1 May 2022 9:22 AM IST
Asaduddin Owaisi
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असदुद्दीन ओवैसी (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)) 

Uniform Civil Code: देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) को लेकर शुरू हुई चर्चाओं के बीच एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने तीखा विरोध जताया है। उन्होंने भाजपा (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा इसे लेकर नाहक विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है। ओवैसी ने कहा कि भाजपा देश में मुसलमानों (Muslims) के खिलाफ नफरत का माहौल पैदा करने की साजिश में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि देश में इस तरह के कानून की कोई जरूरत ही नहीं है।

एआईएमआईएम के मुखिया ने कहा कि देश विभिन्न मोर्चों पर तमाम समस्याओं से जूझ रहा है मगर भाजपा के लोगों को यूनिफॉर्म सिविल कोड की ही चिंता सता रही है। देश की ध्वस्त होती अर्थव्यवस्था, बिजली और कोयले का संकट और बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भाजपा ने आंखें मूंद रखी हैं।

गोवा के कानून पर चुप्पी क्यों

ओवैसी ने समान नागरिक संहिता को पूरी तरह खारिज करते हुए गोवा के एक कानून का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि गोवा नागरिक संहिता के अनुसार अगर कोई महिला 30 साल की उम्र तक किसी बेटे को जन्म देने में विफल रहती है तो हिंदू पुरुषों को दूसरी शादी करने का अधिकार है।

उन्होंने कहा कि गोवा में तो लंबे समय से भाजपा की सरकार है और वहां हिंदू पुरुषों को दो बार शादी करने की इजाजत क्यों है। उन्होंने सवाल किया कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट की बात करने वाली भाजपा गोवा के इस कानून पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।

शराब पर पाबंदी क्यों नहीं लगाती भाजपा

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह गोवा के इस कानून को क्या पूरे देश में लागू करेगी। देश के लॉ कमीशन ने भी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट बात कही है। ला कमीशन का भी मानना है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की कोई जरूरत नहीं है मगर फिर भी भाजपा के नेता इसे पूरे देश में लागू करने पर उतारू हैं।

समान नागरिक संहिता की बात तो खूब की जाती है मगर शराब पर पाबंदी लगाने की कोई चर्चा नहीं की जाती। देश के कई बड़े राज्यों में भाजपा की ही सरकारें हैं मगर इन सरकारों की ओर से शराब पर रोक लगाने का कोई कानून नहीं बनाया जाता।

मुस्लिमों के खिलाफ नफरत का माहौल

ओवैसी ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि भाजपा मुस्लिमों के खिलाफ नफरत का माहौल पैदा करने की साजिश में जुटी है। केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने मुस्लिमों के खिलाफ अघोषित युद्ध छेड़ रखा है। मुस्लिमों के खिलाफ नफरत की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं जबकि सरकार की ओर से उन्हें रोकने का कोई प्रयास नहीं दिखता।

प्रधानमंत्री मोदी को इस दिशा में पहल करनी चाहिए क्योंकि इससे देश लगातार कमजोर हो रहा है। उन्होंने मुस्लिमों से नफरत के माहौल के खिलाफ धैर्य और साहस के साथ संघर्ष करने की भी अपील की।

बुलडोजर विवाद पर भी बरसे ओवैसी

एआईएमआईएम के मुखिया ने कहा कि मुस्लिमों का बहिष्कार करने और उनकी दुकानों से खरीदारी न करने का आह्वान कर मके मुस्लिमों को चोट पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। ओवैसी ने बुलडोजर विवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने मध्यप्रदेश के खरगोन शहर का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां बुलडोजर के जरिए मुस्लिमों के मकानों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को यह समझना होगा कि मुस्लिम देश के सम्मानित नागरिक हैं और उन्हें सम्मान के साथ जीने का हक है। उनसे यह हक नहीं छीना जाना चाहिए।

असम के सीएम ने की यूसीसी की वकालत

दूसरी ओर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वास सरमा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत की है। उन्होंने कहा कि देश में हर कोई यूसीसी के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि कोई भी मुस्लिम महिला यह नहीं चाहती कि उसका पति तीन अन्य पत्नियों को घर ले आए। इस बात की तस्दीक किसी भी मुस्लिम महिलाओं से पूछकर की जा सकती है। यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा हुआ मुद्दा है और तीन तलाक को खत्म करने के बाद अब इसे भी पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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