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जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो... जब गहलोत के सामने ही भिड़ गए दो मंत्री

अशोक गहलोत की कैबिनेट बैठक में शांति धारीवाल और गोविंद सिंह डोटासरा के बीच फ्री वैक्सीन को लेकर नोकझोंक देखने को मिली।

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 3 Jun 2021 4:12 AM GMT
जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो... जब गहलोत के सामने ही भिड़ गए दो मंत्री
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गोविंद सिंह डोटासरा-शांति धारीवाल (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Shanti Dhariwal Vs Govind Singh Dotasara: राजस्थान की गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) के अंदर अक्सर कोई न कोई बवाल होता देखा जाता है। अब गुरुवार को हुई गहलोत मंत्रिपरिषद् (Gehlot Council of Ministers) की बैठक में दो वरिष्ठ मंत्रियों के बीच बहस हो गई। खास बात ये रही कि दोनों कांग्रेस मंत्री मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने ही एक दूसरे से भिड़ गए और यहां तक कि यह कह दिया कि जो बिगाड़ना है वह बिगाड़ लेना।

मिली जानकारी के मुताबिक, गहलोत मंत्रिपरिषद् की बैठक के दौरान यह विवाद स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Kumar Dhariwal) और शिक्षा राज्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के बीच हुआ था। बताया जा रहा है कि दोनों मंत्रियों में यह बहस फ्री वैक्सीन (Free Vaccine) के मसले को लेकर हुई थी। उसके बाद गहलोत के अन्य मंत्रियों ने मामले को शांत कराने का काम किया। हालांकि बैठक के बाद इन दोनों ही नेताओं के बीच एक बार फिर से बहस हो गई थी।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बैठक में फ्री वैक्सीन अभियान को लेकर शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सुझाव दिया था कि मंत्रियों को सभी जिला कलेक्टर को ज्ञापन देना चाहिए। हालांकि इसका शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि कलेक्टर तो हम से वैक्सीन मांगते हैं, उन्हें क्यों ज्ञापन दिया जाना चाहिए? यह ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा जाना चाहिए।

गोविंद सिंह डोटासरा-शांति धारीवाल (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इस पर डोटासरा ने धारीवाल को बीच रोकते हुए कहा कि आप बीच में न बोलें, लेकिन धारीवाल ने पलटते हुए कहा कि वह अपनी बात रखेंगे। इसी के बाद दोनों नेताओं में तकरार बढ़ गई। दोनों ही मंत्री सीएम अशोक गहलोत के सामने ही बहस करते रहे। जिसे देखते हुए अन्य वरिष्ठ मंत्रियों में मोर्चा संभाला और दोनों के बीच विवाद को शांत कराया।

डोटासरा ने की कार्रवाई की मांग

वहीं, धारीवाल के टोके जाने से नाराज होकर डोटासरा ने मुख्यमंत्री से शिकायती लहजे में कहा कि आपके सामने सब कुछ हुआ है। पार्टी संगठन के मुद्दे पर अध्यक्ष को बोलने तक नहीं दिया गया, इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि डोटासरा कैबिनेट की बैठक से उठ कर जा रही रहे थे तो सीएम ने उन्हें झगड़ा खत्म करते हुए अपनी बात रखने के लिए कहा।

जो बिगाड़ना है वह बिगाड़ लेना...

हालांकि सीएम के कहने के बाद भी दोनों नेताओं में नोकझोंक कम नहीं हुई। धारीवाल ने डोटासरा से यहां तक कह दिया कि जो बिगाड़ना है वह बिगाड़ लेना, मैंने बहुत अध्यक्ष देखे हैं। हालांकि डोटासरा ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है। जबकि धारीवाल का पक्ष अब तक सामने नहीं आया है।

बता दें कि यह मीटिंग वर्चुअली हो रही थी। बताया जा रहा है कि बीते काफी समय में ऐसा पहली बार है जब मुख्यमंत्री के सामने दो मंत्री आपस में ही भीड़ गए हों।

इसलिए बुलाई गई थी मीटिंग

गौरतलब है कि गहलोत मंत्रिपरिषद् की यह बैठक बोर्ड परीक्षाओं को कराने या रद्दे करने के ऊपर फैसला लेने के लिए बुलाई गई थी। साथ ही इस मीटिंग में कोरोना प्रभावित परिवारों को राहत पैकेज देने के मसले पर चर्चा होनी थी। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राजस्थान सरकार ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की मंजूरी दे दी है। साथ ही कोरोना के चलते अपने माता पिता को खोने वाले बच्चों को सम्बल देने के लिए पैकेज देने पर सहमति दे दी गई है।

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Shreya

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