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अशोक गहलोत का बयान- सचिन पायलट को लेनी चाहिए मेरे बेटे की हार की जिम्मेदारी
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस की राजस्थान इकाई में अब कुछ ठीक नहीं दिख रहा है। पार्टी के अंदर की गुटबाजी और लड़ाई उस वक्त सतह पर आ गई।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस की राजस्थान इकाई में अब कुछ ठीक नहीं दिख रहा है। पार्टी के अंदर की गुटबाजी और लड़ाई उस वक्त सतह पर आ गई। जब राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पीसीसी चीफ और डिप्टी सीएम सचिन पायलट को उनके बेटे वैभव की हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सचिन पायलट ने गहलोत की टिप्पणी पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया हालांकि उन्होंने सीएम गहलोत के बयान पर अचरज जाहिर किया। एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में गहलोत से पूछा गया कि क्या यह बात सच है कि जोधपुर सीट से वैभव को टिकट दिलाने के लिए पायलट ने ही सलाह दी थी? इस पर गहलोत ने कहा कि अगर पायलट ने ऐसा किया तो यह अच्छी बात है। इससे हम दोनों के बीच मतभेद की खबरें खारिज हो जाती है।
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गहलोत ने कहा - पायलट ने यह भी कहा था कि वैभव बड़े अंतर से जीत हासिल करेंगे क्योंकि वहां हमारे 6 विधायक हैं और हमारी कैंपेनिंग अच्छी है। ऐसे में मुझे लगता है कि उन्हें वैभव के हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जोधपुर सीट पर पार्टी की हुई हार का पोस्टमार्टम होगा कि आखिर हम जीत दर्ज क्यों नहीं कर सके।
गहलोत से जब यह पूछा गया कि क्या वाकई पायलट को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.... इस पर गहलोत ने कहा कि उन्होंने (पायलट) कहा कि हम जोधपुर जीत रहे हैं, इसलिए उन्होंने टिकट लिया हैं कि हम सारी सीट हार गए। मेरा मानना है कि यह सामूहिक जिम्मेदारी है।
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23 मई को संपन्न हुए चुनाव में राजस्थान की जोधपुर सीट से गजेंद्र सिंह शेखावत ने वैभव गहलोत को चार लाख मतों के अंतर से हराया। इतना ही नहीं वैभव अपने पिता अशोक की विधानसभा सीट सारदापुरा से भी 19,000 वोट से पीछे थे।