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गुटबाजी और गलत गठबंधन से हारी कांग्रेस, कमेटी ने सोनिया को सौंपी रिपोर्ट

Congress Committee ने सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की मुख्य वजह बताई गई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 3 Jun 2021 10:55 AM IST
गुटबाजी और गलत गठबंधन से हारी कांग्रेस, कमेटी ने सोनिया को सौंपी रिपोर्ट
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Congress: पांच राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनावों (Assembly Elections 2021) में कांग्रेस (Congress) को मिली हार का कारण जानने के लिए गठित समिति (Committee) ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को सौंप दी है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट में चुनावी हार का मुख्य कारण पार्टी में व्याप्त गुटबाजी, अंदरूनी कलह और गठबंधन की खामियों को बताया गया है।

महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। समिति के सदस्यों में सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid), मनीष तिवारी (Manish Tewari), विन्सेट पाला (Vincent Pala) व जोथी मणि शामिल थे।

पांचों राज्यों में लगा था कांग्रेस को झटका

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद इस समिति का गठन किया गया था। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने असम और केरल में बड़े सपने पाल रखे थे मगर दोनों ही राज्यों में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा।

असम में भाजपा गठजोड़ एक बार फिर सत्ता पर अपनी पकड़ कायम रखने में कामयाब रहा तो केरल में मुख्यमंत्री विजयन की अगुवाई में वामदलों ने कांग्रेस को बैकफुट पर धकेल दिया। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की हार को पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसी कारण पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की ओर से इस समिति का गठन किया गया था।

चरम पर थी पार्टी में गुटबाजी

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी चुनावी राज्यों में पार्टी में गुटबाजी चरम पर थी और नेता एक-दूसरे की टांग खिंचाई में ही लगे हुए थे। इस सिलसिले में विशेष रूप से असम और केरल का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, केरल में ओमान चांडी और रमेश चेन्निथला के नेतृत्व में दो गुट बने हुए थे और दोनों गुट आमने-सामने थे।

इस कारण पार्टी का एकजुट होकर प्रचार अभियान नहीं चल सका। दूसरी ओर असम में एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन का भी पार्टी को खामियाजा उठाना पड़ा। एआईयूडीएफ के खिलाफ भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण का असर साफ तौर पर चुनावी नतीजों में दिखा।

ऊपरी असम के मुद्दों की हुई उपेक्षा

समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि राज्य के प्रभारी जितेंद्र सिंह अपने मन मुताबिक फैसले लेते रहे और उन्होंने अन्य नेताओं को विश्वास में नहीं लिया। चुनाव प्रचार के दौरान भी ऊपरी असम के मुद्दों की उपेक्षा की गई। समिति ने केरल में उम्मीदवारों के खराब चयन को भी हार का कारण माना है। पार्टी ने कई ऐसे चेहरों पर दांव लगाया है जिसके कारण पार्टी चुनावी नतीजों में पिछड़ गई।

पश्चिम बंगाल में दिखा ध्रुवीकरण का असर

पश्चिम बंगाल का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां गठबंधन काफी विलंब से किया गया। राज्य में ऐसी चुनावी फिजा बन गई जिसमें भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच जबर्दस्त ध्रुवीकरण का असर दिखा और पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी। बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से अन्य कांग्रेसी नेताओं की नाराजगी का भी रिपोर्ट में जिक्र किया गया है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि समिति की रिपोर्ट में पार्टी का मीडिया प्रबंधन ठीक न होने की भी बात कही गई है। समिति ने आगामी चुनावों के लिए कुछ सिफारिशें भी की हैं और नेतृत्व को इन सिफारिशों पर अमल करने की सलाह दी है।

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