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अयोध्या पर मुलायम बोले- मस्जिद बचाने को 30 कारसेवकों की मौत भी सहता
लखनऊ: मुलायम ने एक बार फिर अयोध्या के मंदिर आंदोलन का नाम लेते हुए सपा के परंपरागत मुस्लिम वोट बैंक को साधने की शनिवार को कोशिश की। मुलायम ने कहा कि 1990 में अयोध्या में गोली चलवाने का अफसोस है। वहां तब 16 लोग मारे गए थे, लेकिन देश की एकता और मस्जिद बचाने के लिए अगर 30 लोगों की जान भी लेनी होती, तो ये कदम भी उठाता।
अयोध्या केस पर क्या बोले मुलायम
मुलायम ने कहा कि जब वह लोकसभा में पहुंचे और बोलने के लिए खड़े हुए तो बीजेपी के लोग बोले मानवता का हत्यारा। तो मैंने कहा कि यह मैंने देश की एकता के लिए किया। अटल जी खड़े हुए तो मैंने बोला कि आपने एक बार भी नहीं बोला तो अटल जी ने कहा कि जब मुलायम बोलेंगे तो कुछ न कुछ तो होगा ही।
फिर मैंने कहा कि मैं बोलूंगा और खड़ा रहूंगा जब तक बोलने नहीं दिया जाएगा। मैंने कहा कि देश की एकता के लिए गोलिया चलानी पड़ी। बहुत लोगों को पता नहीं की अयोध्या में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि आज देश के सामने गंभीर समस्या है आजादी के समय जितनी गरीबी अमीरी की खाई थी आज उससे ज्यादा है। पहले अंग्रेजी राज था पर लोग भूखे नहीं मारते थे आज भूखे मर रहे हैं। आप केवल अच्छे काम की इच्छा शक्ति रखिए। कोई नाराज होगा विरोध करेगा उसकी परवाह मत करना बस सोचना उचित है या अनुचित विचार कर आगे बढ़ना।
सपा मुखिया के जीवन सफर पर आधारित सचित्र पुस्तक 'बढ़ते गए साहसिक कदम' का लोकार्पण के दौरान मुलायम सिंह ने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ये बाते कहीं। ललितकान्त पांडेय ने यह पुस्तक लिखी है। इसमें सपा मुखिया मुलायम सिंह के जीवन सफर का सचित्र वर्णन किया गया है। कार्यक्रम में मुख्य आमंत्रित अतिथि के तौर पर सीएम अखिलेश यादव ने भी शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूपी भाषा संस्थान के अध्यक्ष डॉ गोपाल दास नीरज ने की। वरिष्ठ लेखक वेद प्रताप वैदिक भी मौजूद हैं।