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UP चुनाव 2017: पति की राजनैतिक विरासत बचाने के लिए मैदान में उतरी ये सपा कैंडि‍डेट

यूपी विधानसभा चुनाव-2017 में कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। बहराइच सदर विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के लिए काफी महत्व रखती है। इस सीट को पार्टी का अभेद किला माना जाता है।

tiwarishalini
Published on: 4 Feb 2017 8:19 PM IST
UP चुनाव 2017: पति की राजनैतिक विरासत बचाने के लिए मैदान में उतरी ये सपा कैंडि‍डेट
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बहराइच: यूपी विधानसभा चुनाव-2017 में कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। बहराइच सदर विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी के लिए काफी महत्व रखती है। इस सीट को पार्टी का अभेद किला माना जाता है। इस सीट पर 23 सालों से लगातार समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता डॉ. वकार अहमद शाह का कब्जा है। मगर इस चुनाव में स्वास्थ्य खराब होने के कारण डॉ. वकार अहमद शाह चुनाव मैदान से बाहर हैं। पार्टी ने इस बार उनकी पत्नी और पूर्व सांसद रुवाब सईदा को टिकट दिया है। वो पार्टी के इस अभेद दुर्ग और पति की विरासत बचाने के लिए लगातार लोगों से अपने पति द्वारा किए गए विकास कार्य और उनकी साफ सुथरी छवि के आधार पर समर्थन मांग रही हैं।

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बता दें, कि यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री यासर शाह और उनकी मां रूवाब सईदा ने बेटी अलवीरा के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर शनिवार (4 फरवरी) को बहराइच सदर विधानसभा सीट से नामांकन पर्चा दाखिल किया। कैबिनेट मंत्री ने नामांकन से पहले सैय्यद सालार मसऊद गाजी की दरगाह पर चादरपोशी की और जीत के लिए दुआ मांगी। कलेक्ट्रेट में नामांकन के दौरान जब मीडिया ने रुवाब सईदा से इस संबंध में बात की तो उनकी आँखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि ये सीट हमेशा सपा की अभेद दुर्ग के रूप में जानी जाती है व आगे भी रहेगी।

इसके बाद उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री यासर शाह ने मटेरा विधानसभा से अपना नामांकन पर्चा भरा। यासर शाह ने कहा कि छूटे काम अगले कार्यकाल में पूरे होंगे। प्रदेश में सपा और कांग्रेस के गठबंधन की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।

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जिले की सदर विधानसभा सीट पर साल 1993 में सपा-बसपा गठबंधन के रूप में उतरे डॉ. वकार अहमद शाह ने पहली बार जीत दर्ज की। उसके बाद से अपने राजनैतिक कौशल और मिलनसार स्वभाव के कारण उन्होंने पलट कर पीछे नहीं देखा। 23 सालों से वो लगातार इस सीट से विधायक हैं। देखते ही देखते वो सपा के कद्दावर नेता के रूप में स्थापित हो गए और मुलायम सिंह यादव के खास लोगों में उनकी गिनती होने लगी।

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सूबे में उनके रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो दो बार सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री होने के साथ ही उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष और कार्यवाहक विधानसभा अध्यक्ष का भी पद संभाला, लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव के एक साल के बाद उनका स्वास्थ्य खराब हो गया। जिसके बाद से वो लगातार अस्पताल में भर्ती हैं। इस बार पार्टी ने उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पत्नी और पूर्व सांसद रुवाब सईदा को बहराइच सदर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इनके बेटे यासर शाह सपा सरकार में मंत्री हैं। वो भी अपनी परंपरागत सीट मटेरा विधानसभा से चुनाव मैदान में हैं।

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वहीं प्रत्याशी घोषित होने के बाद रुवाब सईदा अब पति की विरासत और पार्टी के इस किले को बचाने के लिए लोगों से उनके काम और उनकी सादगी की बदौलत जन समर्थन मांग रही हैं। हमेशा से सपा का अभेद किला मानी जाने वाली ये सीट पर एक बार फिर से समाजवादी पार्टी का परचम लहराता है या नहीं ये तो जनादेश ही तय करेगा, लेकिन इस वीआईपी सीट पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।

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UP चुनाव 2017: पति की राजनैतिक विरासत बचाने के लिए मैदान में उतरी ये सपा कैंडि‍डेट कलेक्ट्रेट में नामांकन करने के बाद रुवाब सईदा (दाएं) और उनके बेटे कैबिनेट मंत्री यासर शाह (बाएं)

UP चुनाव 2017: पति की राजनैतिक विरासत बचाने के लिए मैदान में उतरी ये सपा कैंडि‍डेट डॉ. वकार अहमद शाह



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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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