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राजनीतिक चंदे के लिए पुराने नोटों का स्वागत, कानूनी छूट से काला धन आने की आशंका
चुनाव आयोग को दी गयी जानकारी के अनुसार सभी राजनीतिक पार्टियों के पास आनेवाले कैश चंदे में इजाफा हुआ है। पिछले महीने 8 नवंबर से नोटबंदी के ऐलान के बाद आम लोगों को कैश की दिक्कत हो रही है वहीं इस दौर में भी ज्यादातर राजनीतिक दल कैश ही चंदा ले रहे हैं।
नई दिल्लीः राजनीतिक पार्टियां अब अपने खाते में 500 और 1000 के पुराने नोट जमा कर सकेंगी और इस पर उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा । राजनीतिक पार्टियों को इनकम टैक्स कानून के तहत पहले से ही छूट मिली हुई है।
बढ़ा है कैश चंदा
-गौरतलब है कि सरकार ने ऐलान कर रखा है कि अगर अघोषित आय से ज्यादा कोई व्यक्ति अपने खाते में 500-1000 के नोट जमा करता है तो उसकी जांच की जा सकती है और आयकर कानून के तहत उचित जुर्माना और टैक्स लगाया जा सकता है
-लेकिन राजनीतिक पार्टियां कितनी भी संख्या में 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करें उन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। क्योंकि पॉलिटिकल पार्टियों को इनकम टैक्स कानून के तहत छूट मिलती है।
-सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग को दी गयी जानकारी के अनुसार सभी राजनीतिक पार्टियों के पास आनेवाले कैश चंदे में इजाफा हुआ है।
-पिछले महीने 8 नवंबर से नोटबंदी के ऐलान के बाद आम लोगों को कैश की दिक्कत हो रही है वहीं इस दौर में भी ज्यादातर राजनीतिक दल कैश ही चंदा ले रहे हैं।
-जाहिर है इसमें पुराने नोटों में भी चंदा दिए जाने की पूरी उम्मीद है।
काले धन की आशंका
-तो अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक पार्टियों के पास पुराने नोटों की सूरत में काला धन आने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है और इसे बैंक में जमा करने पर उनसे कोई पूछताछ नहीं होगी।
-यह याद दिला दें कि अधिकांश राजनीतिक दल सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आने को तैयार नहीं हैं और न ही नगद चंदे का स्त्रोत बताने को तैयार हैं।
-लिहाजा उनके पास चंदा कहां से आया, ये पूरी तरह से पता नहीं लगाया जा सकता है।
-देश की सभी राजनीतिक पार्टियां कोर्ट से भी अपनी अज्ञात आय पर किसी तरह का इनकम टैक्स देने से इनकार कर चुकी हैं। उनके पास इनकम टैक्स कानून के तहत ये अधिकार है।