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सपा-कांग्रेस गठबंधन पड़ा खटाई में, अखिलेश अकेले उतर सकते हैं मैदान में

aman
By aman
Published on: 20 Jan 2017 12:29 PM GMT
सपा-कांग्रेस गठबंधन पड़ा खटाई में, अखिलेश अकेले उतर सकते हैं मैदान में
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अनुराग शुक्ला/ शारिब जाफरी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समझौता खटाई में पड़ गया है। कांग्रेस की सभी मजबूत सीटों पर समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी उतार दिए हैं। दरअसल अब तक माना जा रहा था कि कांग्रेस और सपा विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। कांग्रेस की अपनी तरफ से 105 सीटें मांग रही है और सपा उसे अधिकतम 90 सीट देने को तैयार है। बीच के रास्ते वाले फार्मूले पर भी बातचीत चल रही है जिसके तहत 90 सीटें कांग्रेस को दी जाए और 15 कांग्रेसी सपा की साइकिल के सवार बने। यानी 15 कांग्रेस के प्रत्याशी सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। वहीं अखिलेश यादव ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करीब-करीब हर सीट पर अपने उम्मीदवार उतार कर इशारो में इस समझौता को टूट की ओर बढा दिया है। इतना ही नहीं उपचुनाव में कांग्रेस के जीते विधायक जिन्होंने सपा ज्वॉइन कर ली है, उन माविया अली को भी सपा की लिस्ट में जगह मिली है।

कांग्रेस की कई मजबूत सीटों पर उम्मीदवार उतारे

समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के नेता विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर को जगह अशोक अग्रवाल को उतार दिया है। वहीं सहारानपुर से कांग्रेस के उपाध्यक्ष की सीट समझी जाने वाली नकुड से समाजवादी पार्टी ने तब्बसुम हसन को उतार कर समझौता खत्म होने की तरफ इशारा किया है। शामली से कांग्रेस के मौजूदा विधायक पंकज मलिक की जगह समाजवादी पार्टी ने मनीष चौहान को उतार कर उनका खेल बिगाड़ दिया है। वहीं, कानपुर में कांग्रेस की पारंपरिक सीट किदवई नगर पर अजय कपूर की जगह ओमप्रकाश मिश्र को उतार कर अखिलेश ने कांग्रेस को चरखा दांव दे दिया है। खुर्जा से बंशीधर पडाहिया कांग्रेस के कई बार के विधायक हैं। उनकी जगह भी नंदकिशोर बाल्मीकि को अखिलेश ने सपा का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं हापुड से कांग्रेस विधायक गजराज सिंह की सीट पर सपा ने तेजपाल को उतार दिया है।

कांग्रेस के नेता सकते में, गुलाम नबी अजाद लखनऊ रवाना

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता इस फैसले से सकते में आ गए है। ज्यादातर इस मामले में प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। वहीं बहुत से नेताओं के फोन बंद हो गये है। पार्टी के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद दिल्ली से लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं।

क्या हो सकता है ?

कांग्रेस अखिलेश के इस राजनीतिक दांव को अभी तो सिर्फ समझने में लगे है पर माना जा रहा है कि अब गठबंधन टूट की ओर है। वहीं कांग्रेस नेता बातचीत से इसे सुलझाने की कोशिश में हैं। इस बीच सपा के कुछ नेता रालोद के भी संपर्क मे बताए जा रहे है। रालोद ने सपा से 30 सीटें मांगी थी पर कांग्रेस के विरोध की वजह से उसे ज्यादा से ज्याद 20 सीटें का ही प्रस्ताव मिला था। ऐसे में साफ है कि एक बार फिर सपा और रालोद से बातचीत कुछ नया गुल खिला सकती है। वैसे उन सभी सीटों पर सपा ने प्रत्य़ाशी उतार दिए हैं जिन पर रालोद का दावा था।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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