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मर्यादा भूले नीतीश के मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष से कहा- व्याकुल नहीं होना चाहिए
चुनाव के दौरान मतदाताओं के सामने नतमस्तक होने वाले नेता चुनाव जीतने के बाद इतने बेअंदाज हो जाते हैं कि वह कहीं भी अमर्यादित आचरण करने से बाज नहीं आते।
पटना। चुनाव के दौरान मतदाताओं के सामने नतमस्तक होने वाले नेता चुनाव जीतने के बाद इतने बेअंदाज हो जाते हैं कि वह कहीं भी अमर्यादित आचरण करने से बाज नहीं आते। आलम यह है कि सदन में जब उनको पूरा देश देख रहा होता है तब भी वह मर्यादा की सीमाएं लांघने से नहीं चूकते। ऐसा ही नजारा बुधवार को बिहार विधानसभा में देखने को मिला। यहां सदन की कार्रवाई के दौरान पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से उलझ गए। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का कहना था पंचायती राज विभाग की तरफ से 16 में से केवल 11 के जवाब दिए गए जबकि मंत्री सम्राट चौधरी का कहना था कि 16 में 14 सवालों के जवाब दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा— ऐसे सदन नहीं चलेगा
स्पीकर का जवाब सुनते ही मंत्री सम्राट चौधरी तैश में आ गए और कहा कि व्याकुल नहीं होना है चाहिए, आप दिखवा लीजिए। उनके इस जवाब को सुनकार विधासभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आप अपने शब्द वापस लीजिए। लेकिन मंत्री ने शब्द वापस लेने की जगह एकबार फिर अपनी बात दोहराते हुए कहा कि व्याकुल न हों, ऐसे सदन नहीं चलेगा।
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उनकी इस हरकत से नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। लेकिन 12 बजे के बाद भी वह सदन की कार्यवाही शुरू करने के लिए नहीं आए। इसके बाद वरिष्ठ विधायक नरेंद्र नारायण यादव ने कार्यवाही शुरू करते हुए सदन 2 बजे के लिए स्थगित कर दिया। वहीं सभाध्यक्ष ने कहा कि आसन निष्पक्ष है और सदन के अंदर आपके आचरण को जनता देख रही है। उन्होंने कहा कि आसन पर कोई भी दबाव नहीं बना सकता। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आप अपने व्यवहार को सुधारिए, मर्यादित आचरण करना सीखिए, जिससे किसी की भावना को ठेस न पहुंचे। फिलहाल काफी हंगामे के बाद मंत्री सम्राट चौधरी ने अपने कथन पर खेद व्यक्त किया है।
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