Bihar Politics: चिराग पर डोरे डालने में जुटे तेजस्वी, RJD मनाएगी रामविलास पासवान की जयंती

एलजेपी में टूट के बाद बिहार में सियासी घमासान तेज हो गया है। वहीँ आरजेडी चिराग पासवान को महागठबंधन में लाने की कोशिश में जुटी हुयी है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 26 Jun 2021 12:50 PM IST (Updated on: 26 Jun 2021 12:51 PM IST)
Bihar Politics: चिराग पर डोरे डालने में जुटे तेजस्वी, RJD मनाएगी रामविलास पासवान की जयंती
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Bihar Political News: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में चाचा और भतीजे के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई में राष्ट्रीय जनता दल गहरी नजर बनाए हुए है। चाचा पशुपति कुमार पारस की ओर से भतीजे चिराग पासवान को पार्टी में पूरी तरह अलग-थलग कर दिए जाने के बाद चिराग इन दिनों बिहार में आशीर्वाद यात्रा शुरू करने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

दूसरी और राजद नेता तेजस्वी यादव की ओर से चिराग को साथ आने का खास ऑफर पहले ही दिया जा चुका है। अब राजद ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए 5 जुलाई को अपने स्थापना दिवस के दिन लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती मनाने का भी फैसला किया है। चिराग पासवान भी इसी दिन हाजीपुर से अपनी आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं। राजद के इस कदम को पासवान वोटों पर पकड़ बनाने का बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है।

राजद-चिराग के लिए 5 जुलाई का दिन अहम

पांच जुलाई का दिन चिराग पासवान के लिए ही नहीं बल्कि राजद के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन पार्टी का स्थापना दिवस है। राजद के 25वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। अब पार्टी ने स्थापना दिवस कार्यक्रमों के पहले रामविलास पासवान की जयंती मनाने का भी फैसला किया है। सियासी जानकारों का मानना है कि इस कदम के जरिए राजद नेता तेजस्वी यादव चिराग पासवान को अपने साथ महागठबंधन में लाने की कोशिश कर रहे हैं।

दलित वोटों को साधने का सपना

बिहार में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चिराग सीटों के लिहाज से तो बड़ी कामयाबी नहीं हासिल कर सके थे मगर लोजपा की ओर से उतारे गए प्रत्याशियों को करीब 26 लाख वोट मिले थे। चिराग की अगुवाई में पार्टी सिर्फ एक विधानसभा सीट जीतने में कामयाब हुई थी और लोजपा के इस एकमात्र विधायक ने भी बाद में नीतीश में आस्था जताते हुए जदयू का दामन थाम लिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान बिहार में करीब छह फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब हुए थे। यही कारण है कि राजद की ओर से चिराग पर डोरे डाले जा रहे हैं ताकि दलित वोटों पर पार्टी की पकड़ मजबूत बनाई जा सके। राजद का मानना है कि चिराग के साथ आने से अगले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में विपक्षी महागठबंधन को फायदा हो सकता है।

तेजस्वी ने पहले भी दिया था चिराग को ऑफर

राजद नेता तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों चिराग को साथ आने का खास ऑफर दिया था। उन्होंने चिराग को याद दिलाया था कि कैसे लालू यादव की मदद से 2010 में रामविलास पासवान राज्यसभा पहुंचने में कामयाब हुए थे। उनका कहना था कि 2010 में लोजपा के पास कोई सांसद या विधायक नहीं था मगर लालू ने राज्यसभा के लिए रामविलास पासवान को मदद पहुंचाई थी। लोजपा में हुई टूट पर टिप्पणी करते हुए तेजस्वी ने कहा कि हर किसी को पता है कि लोजपा में हुई इस टूट का मास्टरमाइंड कौन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोजपा में इस टूट की सियासी पटकथा लिखी है और अब इस मामले में अनभिज्ञता जताने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश 2005 और 2010 में भी लोजपा को तोड़ने की कोशिश कर चुके हैं।

भाजपा से नहीं मिली चिराग को कोई मदद

दूसरी ओर चाचा पशुपति कुमार पारस ने लोजपा में बड़ा सियासी खेल करते हुए चिराग पासवान को पूरी तरह अलग-थलग कर दिया है। चिराग पासवान को इस मामले में भाजपा की ओर से सियासी मदद मिलने की उम्मीद थी मगर भाजपा ने पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है। चिराग के प्रति नीतीश की नाराजगी जगजाहिर है और नीतीश की नाराजगी की आशंका से ही भाजपा ने लोजपा के अंदरूनी मामले से पूरी दूरी बना रखी है।

चिराग पिछले विधानसभा चुनाव के पहले से ही नीतीश पर हमलावर हैं और उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू को काफी सियासी नुकसान भी पहुंचाया था। जदयू का कहना है कि चिराग की ओर से उम्मीदवार उतारे जाने के कारण जदयू को करीब तीन दर्जन सीटों पर नजदीकी मुकाबलों में हार का मुंह देखना पड़ा। अब चिराग पासवान ने अपने पिता और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के जन्मदिन पर 5 जुलाई को आशीर्वाद यात्रा निकालने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि इस यात्रा के जरिए चिराग अपनी सियासी ताकत दिखाने की पूरी कोशिश करेंगे।

मोदी के दखल न देने से चिराग निराश

लोजपा में मचे सियासी घमासान पर भाजपा की चुप्पी से चिराग पासवान काफी निराश बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी मध्यस्थता के जरिए इस विवाद को सुलझाने में मदद करेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव के समय चिराग ने खुद को मोदी का हनुमान बताया था। उन्होंने कहा कि भगवान राम हनुमान का वध होते नहीं देख सकते। चिराग का मानना है कि भाजपा के साथ उनका संबंध एकतरफा नहीं रह सकता। अगर भाजपा दूर से ही तमाशबीन बनी रहेगी तो हम भी भाजपा से अपनी दोस्ती पर पुनर्विचार करेंगे। उनका यह भी कहना है कि लोजपा सांसद के रूप में पशुपति पारस मोदी सरकार में उन्हें कतई मंजूर नहीं हैं।

Pallavi Srivastava

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