TRENDING TAGS :
Priyanka Gandhi Birthday: प्रियंका में दिखती है दादी इंदिरा की छवि, जुझारू तेवर से कांग्रेस के लिए बन सकती हैं संजीवनी
Priyanka Gandhi Birthday: सोनिया गांधी के अस्वस्थ होने के बाद कांग्रेस में प्रियंका गांधी की भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है। गांधी परिवार से जुड़ी होने के कारण उनकी देश में स्वीकार्यता भी काफी ज्यादा है। सोनिया और राहुल की अनुपस्थिति में उन्होंने पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मोर्चा संभाला था।
Priyanka Gandhi Birthday: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी पहले राजनीति में आने को इच्छुक नहीं थीं मगर सियासी मैदान में उतरने के बाद अपने जुझारू तेवर से उन्होंने लोगों को काफी प्रभावित किया है। प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 को देश की सियासत में सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले गांधी परिवार में हुआ था। सियासी मैदान में सक्रिय होने के बाद प्रियंका आक्रामक तेवर दिखाती रही हैं और यही कारण है कि उनकी तुलना उनकी दादी और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से की जाती रही है। हालांकि प्रियंका गांधी का मानना है कि उनकी तुलना दादी इंदिरा गांधी से करना उचित नहीं है।
सोनिया गांधी के अस्वस्थ होने के बाद कांग्रेस में प्रियंका गांधी की भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है। गांधी परिवार से जुड़ी होने के कारण उनकी देश में स्वीकार्यता भी काफी ज्यादा है। सोनिया और राहुल की अनुपस्थिति में उन्होंने पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मोर्चा संभाला था। यही कारण था कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को मिली जीत में प्रियंका की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी गई थी। अब कांग्रेस को इस साल देश के नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद 2024 की बड़ी सियासी जंग लड़ने की है। ऐसे में आने वाले दिनों में प्रियंका की भूमिका और महत्वपूर्ण होगी और वे कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हो सकती हैं।
शुरुआती पढ़ाई और रॉबर्ट वाड्रा से विवाह
प्रियंका गांधी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मॉडल स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने जीसस एंड मैरी कॉलेज से साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया और फिर वही से बुद्धिस्ट स्टडीज में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। प्रियंका गांधी जब 13 साल की थी तब एक दोस्त के घर पर उनकी मुलाकात रॉबर्ट वाड्रा से हुई थी। पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई मगर धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई। आखिरकार दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया।
शुरुआत में दोनों के परिवार वाले इस विवाह के लिए तैयार नहीं थे मगर आखिरकार दोनों की जिद के बाद दोनों परिवारों ने शादी के लिए सहमति दे दी। 18 फरवरी 1997 को प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा विवाह के बंधन में बंध गए। प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा की शादी बेहद सादगी भरे अंदाज में हुई थी। प्रियंका और रॉबर्ट के दो बच्चे हैं। उनके बेटे का नाम रेहान और बेटी का नाम मिराया है।
शुरुआत में राजनीति में आने की इच्छा नहीं
देश के सबसे महत्वपूर्ण सियासी परिवार से ताल्लुक होने के कारण प्रियंका के शुरुआत से ही सियासत में सक्रिय होने के कयास लगाए जाने लगे थे। हालांकि प्रियंका शुरुआती दिनों में राजनीति के मैदान में सक्रिय होने की इच्छुक नहीं थीं। 2009 में एक इंटरव्यू के दौरान प्रियंका ने कहा था कि मौजूदा समय में मैं राजनीति में नहीं आना चाहती। उनका कहना था कि मैं अपने जीवन से पूरी तरह खुश और संतुष्ट हूं।
प्रियंका का कहना था कि राजनीति के कुछ ऐसे पहलू होते हैं जहां मैं खुद को फिट नहीं मानती। हालांकि प्रियंका राजनीति के मैदान से ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रह सकीं। कुछ समय बाद ही राजनीति के मैदान में उनकी सक्रियता दिखने लगी थी। बाद में उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाने के साथ उत्तर प्रदेश की कमान भी सौंपी गई। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रियंका ने कांग्रेस के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रियंका के अंदाज में इंदिरा गांधी की झलक
प्रियंका गांधी का आक्रामक तेवर उनके भाषणों में हमेशा दिखता रहा है। अपनी सभाओं के दौरान प्रियंका भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आक्रामक अंदाज में हमले करती रही हैं। प्रियंका का आक्रामक अंदाज और लोगों के साथ घनिष्ठता बनाने का उनका गुण उनकी दादी इंदिरा गांधी की झलक देता रहा है। प्रियंका गांधी ने भी एक इंटरव्यू के दौरान स्वीकार किया था कि उनके व्यक्तित्व पर दादी इंदिरा गांधी का काफी असर रहा है। हालांकि इसके साथ ही उनका यह भी कहना था कि मुझे लगता है कि मेरे भाई राहुल गांधी में इंदिरा गांधी जैसे गुण ज्यादा हैं और मैं अपने पिता राजीव गांधी जैसी ज्यादा हूं। अपने पिता पर गर्व जताते हुए एक बार प्रियंका गांधी ने कहा था कि मुझे इस बात का बहुत गर्व है कि मैं राजीव गांधी की बेटी हूं जिन्होंने देश के लिए अपनी शहादत दे दी।
भाई राहुल के साथ अच्छी ट्यूनिंग
प्रियंका गांधी की अपने भाई राहुल गांधी के साथ अच्छी ट्यूनिंग दिखती रही है। अभी हाल में उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गाजियाबाद की सभा में राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका पर प्यार लुटाते हुए दिखे थे। कांग्रेस की ओर से ट्विटर पर भाई-बहन के बीच जबर्दस्त बॉन्डिंग का यह वीडियो भी जारी किया गया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इस वीडियो के साथ पार्टी की ओर से लिखा गया कि भाई-बहन का निश्छल प्रेम। बैकग्राउंड में चल रहे गाने चारों दिशाओं जैसी तुम हो,ने इस वीडियो को और आकर्षक बना दिया।
राहुल और प्रियंका के बीच अतीत में भी कई मौकों पर जबर्दस्त सामंजस्य दिखता रहा है। बाद में प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन के दौरान भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ करते हुए कहा कि मेरे बड़े भाई मुझे तुम पर गर्व है। सरकार की तमाम एजेंसियों के जरिए मेरे भाई को परेशान करने की कोशिश की गई मगर फिर भी मेरा भाई नहीं घबराया। अडाणी और अंबानी ने देश में सबकुछ खरीद लिया मगर वे मेरे भाई को खरीदने में कामयाब नहीं हो पाए। ये दोनों लोग चाहे जितनी भी कोशिश कर लें मगर वे अपने मेरे भाई को कभी नहीं खरीद सकते।
हिमाचल में मिला जीत का श्रेय
अभी हाल में हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत का सेहरा प्रियंका गांधी के सिर पर ही बांधा गया था। राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के कारण प्रियंका ने हिमाचल प्रदेश के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपनी चुनावी सभाओं के दौरान उन्होंने भाजपा पर तीखे हमले किए थे और इसके साथ ही कांग्रेस की रणनीति बनाने में भी उनकी अहम भूमिका थी। राजस्थान में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की जंग के दौरान संकट सुलझाने में भी प्रियंका ने अहम भूमिका निभाई थी।
देश के विभिन्न हिस्सों में प्रियंका की सभाओं के दौरान भारी भीड़ उमड़ती रही है जिससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। वैसे इससे पहले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रियंका काफी सक्रिय रहने के बावजूद कांग्रेस को अपेक्षित सफलता नहीं दिला सकी थीं। हालांकि इसका बड़ा कारण प्रदेश में कांग्रेस संगठन की कमजोरी को भी माना गया था।
प्रियंका की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में प्रियंका की सियासी भूमिका और महत्वपूर्ण होगी। अब कांग्रेस को इस साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव के साथ 2024 की बड़ी सियासी जंग भी लड़नी है। प्रियंका का अगले लोकसभा चुनाव के दौरान रायबरेली सीट से चुनाव लड़ना भी करीब-करीब तय माना जा रहा है।
ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रियंका से ढेर सारी उम्मीदें हैं। आने वाले दिनों में प्रियंका के सियासी असर की अग्निपरीक्षा होनी है। अब यह देखने वाली बात होगी कि प्रियंका भाजपा के खिलाफ जंग में खुद और पार्टी को कितना मजबूती से स्थापित कर पाती हैं।