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मुलायम के सामने अपना उम्मीद्वार नहीं उतारेगी भाजपा

कांग्रेस से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के गठबंधन को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच जिस तरह सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने यह कहा कि अगर ऐसा हुआ तो अमेठी और रायबरेली में भी बसपा-सपा गठबंधन अपना उम्मीदवार उतारेगा। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि वो समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के सामने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।

Anoop Ojha
Published on: 26 Feb 2019 3:57 PM GMT
मुलायम के सामने अपना उम्मीद्वार नहीं उतारेगी भाजपा
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योगेश मिश्र

लखनऊ: कांग्रेस से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के गठबंधन को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच जिस तरह सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने यह कहा कि अगर ऐसा हुआ तो अमेठी और रायबरेली में भी बसपा-सपा गठबंधन अपना उम्मीदवार उतारेगा। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि वो समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के सामने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। यह फैसला मुलायम और मोदी के बीच के रिश्तों के बरअक्स होगा।

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पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी और मुलायम के बीच के रिश्तों की इबारत इस कदर पढ़ी जा सकती थी कि दौरे चुनाव नरेंद्र मोदी मुलायम सिंह को नेताजी कहते रहे और मुलायम सिंह मोदीजी।मुलायम के खिलाफ उम्मीद्वार नहीं उतारने का भाजपा का फैसला लोकसभा के अंतिम दिन उनके दिये गए भाषण के बाद का है, जिसमें उन्होंने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर कहा, "मेरी कामना है कि जितने माननीय सदस्य हैं, दोबारा फिर जीत जाएं। मैं ये भी चाहता हूं, हम लोग तो बहुमत से नहीं आ सकते हैं, प्रधानमंत्रीजी आप फिर बनें प्रधानमंत्री। हम चाहते हैं जितने सदन में बैठे हैं सब स्वस्थ रहें, सब मिलकर फिर सदन चलाएं।"

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मुलायम सिंह ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री जी को बधाई देना चाहता हूं। प्रधानमंत्री जी आपने भी सबसे मिलजुल करके और सबका काम किया है। ये सही है कि हम जब-जब मिले, किसी काम के लिए कहा तो आपने उसी वक़्त आर्डर किया। मैं आपका यहां पर आदर करता हूं, सम्मान करता हूं, कि प्रधानमंत्री जी ने सबको साथ लेकर चलने का पूरा प्रयास किया।"

मोदी और मुलायम के रिश्तों की तासीर समझ पाना आम आदमी के लिए मुश्किल है। मुलायम सिंह यादव मोदी के परिश्रमी होने की विशेषता को बार बार रेखांकित करते हैं।

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यह मुलायम सिंह का ही रसूख था कि उनके परिवार में तेज प्रताप के विवाह और रिसेप्शन दोनो कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री ने शिरकत की। वह भी तब जबकि विवाह लालू प्रसाद यादव के यहां हो रहा था। अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी किसी के भी आयोजन में दो बार शिरकत नहीं किये हैं। अपवाद के तौर पर अमित शाह और मुलायम सिंह यादव ही कहे जा सकते हैं। यह भी एक सच्चाई है कि तमाम जांचों में फंसे सपा के लोगों के लिए मोदी और मुलायम के रिश्ते ही रक्षा कवच का काम करते हैं। लोकसभा से पहले भी मुलायम सिंह यादव कई बार अपने मंचों से और पार्टी के नेताओं के सामने नरेंद्र मोदी के काम की तारीफ करते दिखे हैं।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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