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बीजेपी ने दिया था इन बाहरी नेताओं को टिकट, जीत दर्ज कर मोदी की उम्मीदों पर उतरे खरे
अब बात करते हैं दूसरे ऐसे जीते हुए बीजेपी प्रत्याशी की जो चुनाव से कुछ माह पहले तक बीएसपी सुप्रीमों मायावती की तारीफें करते नहीं थकते थे।
शाहजहांपुर: इस बार बीजेपी ने टिकट बंटवारे के चलते काफी सूजबूझ का परिचय देते हुए अपने प्रत्याशी घोषित किए। इस बार टिकट बंटवारे में बीजेपी पर भी पैसा लेकर टिकट देने का आरोप लगा। वजह थी कि बीजेपी ने सबसे ज्यादा उन प्रत्याशियों को आगे रखा, जो दूसरी पार्टियों से निकाले गए विधायक थे या किन्हीं कारणों से विधायकों द्वारा पार्टी को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा हो। ऐसे ही तीन प्रत्याशी यूपी के शाहजहांपुर में है, जिन्होंने बीजेपी का दामन थामा और जीत हासिल कर ली।
पहला नंबर है, तिलहर विधानसभा सीट से रौशन लाल वर्मा, दूसरे हैं ददरौल विधानसभा से मानवेंद्र सिंह और तीसरे प्रत्याशी हैं चेतराम, जिन्होंने चुनाव से कुछ दिन पहले ही पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए और टिकट मिल गया। जिसके बाद जीत भी हासिल कर ली। हालांकि जिस वक्त बीजेपी ने टिकट की घोषणा की थी, उस वक्त तीनों विधानसभाओं में पहले से बीजेपी को मजबूत करने वाले नेताओं ने बगावत भी कर दी थी। लेकिन पार्टी हाईकमान ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था।
बताते हैं आपको उस विधानसभा सीट से जीते हुए बीजेपी प्रत्याशी के बारे में, जो करीब 6 महीने पहले बीएसपी के विधायक हुआ करते थे। उनका नाम है रोशन लाल वर्मा। जिन्होंने तिलहर विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर अपनी जीत दर्ज की है। इन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद को हराया है। ये विधायक पिछले लगातार दो बार बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े और अपनी जीत दर्ज की थी। लेकिन कुछ आरोप रोशन लाल वर्मा पर लगे और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने रोशन लाल वर्मा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
इसके बाद रोशन लाल वर्मा ने बीजेपी नेताओ से संपर्क करना शुरू कर दिया और करीब 6 महीने पहले रोशन लाल वर्मा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के साथ खङे होकर बीजेपी का दामन थाम लिया और फिर से अपने क्षेत्र मे आकर आने वाले चुनाव की तैयारीयां शुरू कर दी। हालांकि इस दौरान तिलहर विधानसभा सीट से पार्टी के पुराने नेता भी अपनी टिकट की दावेदारी कर रहे थे। लेकिन जब टिकट की घोषणा हुई, तो उसमें रोशन लाल वर्मा पर पार्टी वे अपना भरोसा जताया।
इस दौरान जो पहले जनता के बीज पहुचे नेताओं ने पार्टी से बगावत करना शुरू कर दी और पार्टी हाईकमान पर पैसे लेकर टिकट देने तक का आरोप लगा दिया। इसी विधानसभा से पूर्व बीजेपी नेत्री ने रोशन लाल वर्मा पर सीधे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से लेकर लिख कर अपना विरोध जताया था, लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं ने विरोध को नजर अंदाज करते हुए अपने दिए हुए टिकट बंटवारे पर भरोसा दिखाया और उसमें कामयाब भी हुए। यहां बीजेपी से रोशन लाल वर्मा को 81770 वोट मि,ले कांग्रेस से दिग्गज प्रत्याशी जितिन प्रसाद को 73065 वोट मिले, तो वही बीएसपी से प्रत्याशी अवधेश वर्मा को 31418 वो मिले। जीत के आंकड़ों की बात करें, तो रोशन लाल वर्मा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद को 5705 वोट हरा कर अपनी जीत पक्की की।
आगे की स्लाइड में जानिए बसपा से बीजेपी में आए दूसरे प्रत्याशी के बारे में
अब बात करते हैं दूसरे ऐसे जीते हुए बीजेपी प्रत्याशी की जो चुनाव से कुछ माह पहले तक बीएसपी सुप्रीमों मायावती की तारीफें करते नहीं थकते थे। ये बीजेपी प्रत्याशी हैं, ददरौल विधानसभा से मानवेंद्र सिंह, जिन्होंने आज बीजेपी के टिकट पर अपनी जीत दर्ज कराई है। मानवेंद्र सिंह चुनाव से करीब चार माह पहले बीएसपी के पुराने नेताओ में शुमार रखते थे। चुनाव करीब आया तो टिकट की लालसा भी नेताओं में बढ़ने लगी। उस दौरान जब मानवेंद्र सिंह ने बीएसपी से टिकट की दावेदारी की, तो कुछ दिन तक तो मानवेंद्र सिंह को ऐसा लगा कि उनका टिकट अब कलियार हो चुका है और अब उनके टिकट की घोषणा हो जाएगी।
करीब तीन माह पहले यहां जब बीएसपी नेता नसीमुद्दीन की जनसभा हुई, तो उसमें नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मानवेंद्र सिंह के नाम की घोषणा के बजाए रिजवान अली के नाम की घोषणा कर दी। इस बात से नाराज मानवेंद्र सिंह ने बसपा सुप्रीमों और नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया दिया और वो भी नई करेंसी मे जिसके बाद नाराज मानवेन्द्र सिंह ने बीएसपी को अलविदा कहे दिया और कुछ ही दिन बाद बीजेपी कि दामन थाम लिया। बीजेपी हाईकमान ने मानवेंद्र पर भरोसा जताते हुए उनको टिकट दे दिया और मानवेंद्र सिंह ने जनता के बीच जाना शुरू कर दिया।
हालांकि जब बीजेपी ने मानवेंद्र सिंह के टिकट का ऐलान किया था तब उसी दौरान पहले से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे बीजेपी नेता राकेश दुबे ने पार्टी से बगावत का ऐलान कर दिया और राकेश दुबे ने सीधे प्रदेशाध्यक्ष को आत्मदाह करने की धमकी दे डाली और साथ ही पार्टी पर पेसे लेकर टिकट देने के आरोप लगा दिया। लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं ने इस धमकी पर ध्यान नहीं दिया और अपना भरोसा मानवेंद्र सिंह पर कायम रखा, जिसके बाद मानवेंद्र ने बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज कराकर पार्टी के बड़े नेताओं का भरोसा कायम रखा।
बीजेपी प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह न सपा प्रत्याशी एवं प्रदेश सरकार ने मंत्री राम मूर्ति सिंह वर्मा को हराया है। यहां भी बसपा तीसरे नंबर पर रही। इस विधानसभा से बीजेपी प्रत्त्याशी मानवेंद्र सिंह को 86435 वोट मिले हैं, तो वहीं सपा के प्रत्याशी राममूर्ति सिंह वर्मा को 69037 वोट मिले। मानवेंद्र सिंह ने 7398 वोटों से सपा प्रत्याशी राममूर्ति सिंह वर्मा को हराया। यहां भी बीएसपी से प्रत्याशी रिजवान अली को 50762 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
अब बात करते हैं बीजेपी के टिकट पर जीतने वाले तीसरे ऐसे प्रत्याशी की, जिसने चुनाव से एक हफ्ता पहले पार्टी का दामन थामा और बीजेपी ने भरोसा दिखाया और टिकट देकर चुनाव मैदान मे उतार दिया। यहां भी बाहरी प्रत्याशी को अपने शरण में लेकर बीजेपी का टिकट देने का निर्णय एक बार फिर सही साबित हो गया। इस प्रत्याशी का नाम है चेतराम। जिसने पुवायां विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाई। इस प्रत्याशी ने कांग्रेस के सिवा कभी किसी पार्टी के बारे में नहीं सोचा।
चेतराम कांग्रेस के टाइम में चार बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे चुके हैं। लेकिन एक ऐसा टाइम आया, जब कांग्रेस का टाइम उत्तरप्रदेश में कुछ अच्छा नहीं रहा, तो वहीं चेतराम का भी टाइम खराब हो गया और फिर लगाकर चार बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और हार गए। लेकिन चेतराम ने भी सोच रखा था कि इस विधानसभा चुनाव में उन्हें विधायक बनना है। इसी बीच चुनाव से एक हफ्ता पहले चेतराम ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया और बीजेपी का दामन थाम लिया। हालांकि इस विधानसभा से बीजेपी में बगावत देखने को नहीं मिली क्योंकि ये सीट सुरक्षित थी।
बीजेपी का दामन थमाते ही पार्टी ने चेतराम पर भरोसा किया और टिकट देकर चुनाव मैदान ये उतार दिया। चेतराम ने भी पार्टी के भरोसे को कायम रखा और सबसे बड़ी जीत दर्ज कराई है। यहां से बीजेपी प्रत्याशी चेतराम को 1,26,569 वोट मिले तो वहीं सपा प्रत्याशी शकुंतला देवी को 54,073 वोट मिले तो। अगर यहां भी बीएसपी प्रत्याशी की बात करें तो यहां भी तीसरे नंबर पर रही बीएसपी प्रत्याशी गुरूवचन लाल को 38,750 वोट मिले। ये जीत सबसे बड़ी जीत है। बीजेपी प्रत्याशी चेतराम ने 72496 वोट से सपा प्रत्याशी शकुंतला देवी पीछे हराया।