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RSS के करीबी BJP का ये चेहरा UP में CM पद की दौड़ में सबसे आगे, लगातार 8वीं बार बने हैं विधायक
यूपी में प्रचंड बहुमत के बाद अब बीजेपी में इस बात की के लिए उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि यूपी का सीएम कौन बनेगा। तमाम समीकरण इस सवाल को और भी पेचीदा बना रहे हैं।
लखनऊ: यूपी में प्रचंड बहुमत के बाद अब बीजेपी में इस बात के लिए उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है कि यूपी का सीएम कौन बनेगा। तमाम समीकरण इस सवाल को और भी पेचीदा बना रहे हैं। अगर सूत्रों पर भरोसा करें तो इन सारे सवालों का हल बीजेपी को अपने पुराने विधायक में मिल गया है। ये हैं बीजेपी विधायक सुरेश खन्ना।
सुरेश कुमार खन्ना लगातार 8वीं बार शाहजहांपुर से विधायक चुने गए हैं। यूपी विधानसभा चुनाव-2017 में सुरेश कुमार खन्ना को 1 लाख 7 हजार 34 वोट मिले हैं। उन्होंने सपा प्रत्याशी तनवीर खान को 19,203 वोटों से हराया। सपा प्रत्याशी तनवीर खान को 81,531 वोट मिले हैं। बता दें, कि 16 मार्च को यूपी बीजेपी के विधायक दल की बैठक होगी। उसी बैठक में सीएम पद का ऐलान किया जाएगा।
सुरेश खन्ना के पक्ष में हैं सारे समीकरण
सुरेश खन्ना को पहली पसंद बनाने के पीछे वही कारण हैं जिनकी वजह से सोलहवीं विधानसभा में कई बार ठहाके छूटे थे। सुरेश खन्ना अविवाहित हैं और ये बात उनके पक्ष में जा रही है।
सुरेश खन्ना को प्रशासनिक तौर पर दक्ष माना जाता है। बीजेपी विधान मंडल दल के नेता के तौर पर वह अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। सुरेश खन्ना आरएसएस के क़रीबी हैं। जो उन्हें इस पद के लिए मुफ़ीद बना रही है।
ये नाम भी सीएम की रेस में शामिल
सीएम पद की रेस में बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्य, मनोज सिन्हा, सिद्धार्थ नाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा और सतीश महाना जैसे दिग्गज नाम भी शामिल हैं, लेकिन सुरेश खन्ना की सीएम पद के लिए दावेदारी प्रबल मानी जा रही है।
क्या कहना है सुरेश खन्ना का ?
बीजेपी विधानमंडल दल के नेता एवं संभावित सीएम सुरेश कुमार खन्ना से जब सवाल किया कि अगर उनको सीएम की जिम्मेदारी दी जाती है तो क्या वह जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं, तो उनका कहना था कि ये काल्पनिक सवाल है। उनका कहना था कि सीएम कौन होगा ये संसदीय बोर्ड तय करता हैं। उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी वह उसे निभाने को तैयार हैं। चाहे वह जिम्मेदारी जितनी भी बङी हो। वहीँ उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही प्रदेश की जनता को तीन महीने के अंदर प्रदेश मे बदलाव दिखने लगेगा।
सुरेश कुमार खन्ना का कहना है कि पिछले 15 सालों में उत्तर प्रदेश मे सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं थी। सरकारी पैसे का दुरूपयोग, भ्रष्टाचार और कानून की धज्जियां उड़ाने का ही अभी तक काम चलता रहा, लेकिन प्रदेश की जनता ने पीएम मोदी पर अच्छी सरकार देने का भरोसा दिखाया। केंद्र मे सरकार बनने के तीन साल के बाद ही जनता ने प्रदेश मे 325 सीटे दिला कर विकास का रास्ता चुन लिया।
सुरेश कुमार खन्ना का कहना है कि हमने कभी भी जोड़तोड़ और सट्टे की राजनीति नहीं की है। इससे पहले उनको जब भी पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी उसका उन्होंने ईमानदारी से पालन किया। इस बार भी अगर उनको जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसको वो पूरे निष्ठा के साथ निभाएंगे। जिस स्तर का पद और जिम्मेदारी दी जाएगी उसका उसी स्तर से पालन करेंगे।