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भाजपा अनुसूचित मोर्चा देगा सपा-बसपा गठबंधन का जवाब, जानिए कैसे?

Rishi
Published on: 28 July 2018 9:41 PM IST
भाजपा अनुसूचित मोर्चा देगा सपा-बसपा गठबंधन का जवाब, जानिए कैसे?
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लखनऊ : सपा और बसपा गठबंधन का असर हालिया महीनों में हुए उपचुनावों में दिखा। तभी से सत्ताधारी दल भाजपा के रणनीतिकार इसकी काट ढूंढने में जुटे हैं। पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियों में इसकी झलक दिख रही है। पार्टी मुख्यालय पर शनिवार को इसका एक नमूना भी पेश हुआ।

अनुसूचित मोर्चा के बैनर तले केंद्र से लेकर राज्य तक के अनुसूचित जाति-जनजाति से जुड़े आयोगों व निगमों में बिठाए गए कद्दावर नेताओं की प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, संगठन मंत्री सुनील बंसल के साथ बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि गठबंधन को उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा।

बैठक में बनी रणनीति के मुताबिक बसपा की ''जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी'' के जवाब में भाजपा ''दलितों की राजनीतिक भागीदारी बढाने'' के अस्त्र का इस्तेमाल करेगी। यह सिर्फ कहा ही नहीं जाएगा बल्कि दलित वोटरों को इसका एहसास भी हो। इसलिए नामचीन दलित चेहरों को जिलास्तर पर अभिनन्दन कार्यक्रम होगा जो पूरे एक महीने चलेगा। मोर्चा की बैठक में इसका खाका खींचा गया। तय किया गया कि केंद्र से लेकर प्रदेश में अनूसूचित जाति-जनजाति के कल्याण से जुड़े निगमों और आयोगों में बिठाए गए नामचीन चेहरों को आगे किया जाए। ताकि ऐन चुनाव के समय बसपा का बेस वोट बैंक समझे जाने वाले वोटरों को पार्टी के पक्ष में लामबंद करने में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े।

28 जुलाई से 31 अगस्त तक जिलों में दलित चेहरों का अभिनन्दन कार्यक्रम

प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल ने पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में इस रणनीति का खुलासा भी किया। हर जिले में अनुसूचित मोर्चा 28 जुलाई से 31 अगस्त तक अभिनंदन समारोह आयोजित करेगी। इसमें अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया, राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल, अनुसूचित जाति-जनजाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष लालजी निर्मल, राज्यसभा सदस्य कांता कर्दम, राज्यसभा सदस्य रामसकल, प्रदेश महामंत्री व विधान परिषद सदस्य विद्यासागर सोनकर और सदस्य सफाई कर्मचारी आयोग मंजू दिलेर शामिल होंगी। जिला स्तर पर अनुसूचित मोर्चा इनका अभिनंदन करेगी।

जिलों में मोर्चे की मजबूती में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती भाजपा

अनुसूचित मोर्चे को जिलों में संगठनात्मक रूप से मजबूत करने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। मोर्चा को जिला स्तर पर अभिनंदन समारोह के अलावा जिलास्तरीय कार्यशालाओं और बैठकों की भी जिम्मेदारी दी गई है। क्षेत्रीय स्तर पर सम्मेलनों के साथ जिला जिला स्तर कार्यशालाए होंगी।

अनुसूचित वर्ग की राजनीतिक भागीदारी का संदेश

प्रदेश अध्यक्ष डा महेन्द्र नाथ पांडेय ने साफ कहा कि केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार अनुसूचित वर्ग के सामाजिक व आर्थिक उन्नयन के साथ राजनीतिक भागीदारी तय कर रही है। 2019 की ऐतिहासिक विजय की इबारत लिखने में अनुसूचित मोर्चा के कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण योगदान होगा। राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) शिव प्रकाशजी ने कहा कि अनुसूचित वर्ग के उत्थान के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी अनुसूचित वर्ग तक पहुंचाना है। सामाजिक एकता को तोड़ने वाले षड़यन्त्रों से सचेत करने का काम भी अनुसूचित मोर्चे को ही करना होगा।

बैठक में इनकी थी मौजूदगी

बैठक में अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद सोनकर, प्रदेश अध्यक्ष अनुसूचित मोर्चा कौशल किशोर, राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग राम शंकर कठेरिया, प्रदेश महामंत्री व सदस्य विधान परिषद विद्यासागर सोनकर, प्रदेश महामंत्री व अनुसूचित मोर्चा प्रभारी गोविन्द नारायण शुक्ल, राज्यसभा सदस्य श्रीमती कांता कर्दम, प्रदेश सरकार के मंत्री रमापति शास्त्री, सुरेश पासी, मनोहर लाल ‘मन्नू कोरी’, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल, सदस्य सफाई कर्मचारी आयोग श्रीमती मंजू दिलेर, अनुसूचित मोर्चा प्रदेश महामंत्री अशोक वर्मा, शेषनाथ आचार्य, डीपी भारती, जुगल किशोर व ओम प्रकाश शामिल थे।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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