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यूपी चुनाव: सपा 'जंगलराज' तो BJP के खिलाफ नोटबंदी और मंदिर मुद्दा BSP का हथियार

बसपा ने सपा पर जंगलराज का आरोप तो बीजेपी के खिलाफ नोटबंदी और लोकसभा चुनाव के दौरान किए वादों की असफलता गिनाकर उन्हें अपना हथियार बना लिया है।

tiwarishalini
Published on: 27 Jan 2017 4:04 PM GMT
यूपी चुनाव: सपा जंगलराज तो BJP के खिलाफ नोटबंदी और मंदिर मुद्दा BSP का हथियार
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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती 2014 के लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खुलने के बाद सियासी चर्चाओं से दूरर हीं। जैसे-जैसे प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तिथियां नजदीक आती गईं ठीक उसी अनुपात में उनकी सक्रियता भी बढती गईं और अब उन्होंने विपक्षी दलों सपा और खासकर बीजेपी पर हमले तेज कर दिए हैं। सपा पर जंगलराज का आरोप तो बीजेपी के खिलाफ नोटबंदी और लोकसभा चुनाव के दौरान किए वादों की असफलता गिनाकर उन्हें अपना हथियार बना लिया है। हाल ही में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के मंदिर मुद्दे पर दिए गए बयान को भी वह मुस्लिम मतदाताओं के बीच भुनाना चाहती हैं। राजधानी से लेकर कस्बों तक मतदाताओं के बीच इसका प्रचार किया जा रहा है।

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बता दें कि बसपा सुप्रीमों जब राजधानी में मीडिया से मुखातिब होती हैं तो इसका बाकायदा प्रत्याशियों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में प्रचार किया जाता है और तय समय पर टीवी चैनलों पर उनके भाषण को सुनने की ताकीद की जाती है। नेताओं के मुताबिक, उनके यह बयान प्रत्याशियों और पदाधिकारियों के लिए चुनाव में विरोधियों पर हमला करने के लिए कच्चे माल की तरह होते हैं। जिसे आधार बनाकर क्षेत्र में विरोधियों के हमलों का जवाब दिया जाता हैं।

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इतना ही नहीं पार्टी की तरफ से सुप्रीमों मायावती के बयान और व्यक्तव्यों की पुस्तिका भी छपवाई गई है। प्रत्याशियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह स्थानीय सभाओं में जनता के बीच यह पुस्तिका बंटवाएं। इससे वह अपने एजेंडे को घर—घर पहुंचाना चाहती हैं। अपने हर बयान में वह इन बातों को भी दोहराना नहीं भूलतीं।

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बसपा सुप्रीमों ने शुक्रवार (27 जनवरी) को दिए बयान में यह बात कही

-बीजेपी और मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण जनता में नाराजगी और आक्रोश है।

-इस कारण इनके सहयोगी दल क्षुब्ध नजर आ रहे हैं।

-वे लोग भी अपना पल्ला इनसे धीरे-धीरे झाड़ते जा रहे हैं।

-इनके साम्प्रदायिक रवैये के कारण समाज के हर वर्ग में बेचैनी है।

-नोटबंदी के फैसले ने देशभर में उथल-पुथल मचाई है।

-इसका खामियाजा इन्हें प्रदेश सहित पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

-बीजेपी का भाई-भतीजावाद और परिवारवाद का वीभत्स चेहरा उभर कर सामने आया है।

-बीजेपी ने चुनाव में भी अल्पसंख्यक समुदायों की घोर उपेक्षा की है।

tiwarishalini

tiwarishalini

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