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मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे नीतीश, देरी के लिए BJP को बताया जिम्मेदार
बिहार में मुख्यमंत्री का पद संभालने के काफी दिनों बाद भी नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर सके हैं। इसे लेकर सियासी हलकों में तमाम तरीके की चर्चाएं भी हो रही हैं। अभी तक इस मुद्दे पर खामोश रहने वाले नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।
पटना: बिहार में मुख्यमंत्री का पद संभालने के काफी दिनों बाद भी नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर सके हैं। इसे लेकर सियासी हलकों में तमाम तरीके की चर्चाएं भी हो रही हैं। अभी तक इस मुद्दे पर खामोश रहने वाले नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अभी तक भाजपा की ओर से उन्हें इस बाबत कोई प्रस्ताव ही नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि वे अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाहते हैं मगर भाजपा की वजह से यह काम पूरा नहीं हो पा रहा है।
पहली बार विस्तार में इतनी ज्यादा देरी
सचिवालय में समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार में उनके कार्यकाल के दौरान पहली बार मंत्रिमंडल विस्तार में इतनी देरी हुई है। उन्होंने कहा कि पहले के कार्यकालों के दौरान वे हमेशा शुरुआत में ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर देते थे।
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मंत्रियों के पास कई विभागों की जिम्मेदारी
दरअसल मौजूदा समय में नीतीश के मंत्रिमंडल में कुल 14 सदस्य हैं और कई मंत्री ऐसे हैं जिनके पास कई-कई विभागों की जिम्मेदारी है। इस कारण लगातार ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार क्यों नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर रहे हैं। भाजपा और जदयू के कई विधायक भी मंत्री बनने की जुगत में लगे हुए हैं मगर उनकी यह तमन्ना पूरी नहीं हो पा रही है।
भाजपा नेताओं से विस्तार पर चर्चा नहीं
गुरुवार को मुख्यमंत्री की भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल और दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी से मुलाकात भी हुई थी मगर नीतीश कुमार का कहना है कि इस मुलाकात के दौरान मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई चर्चा ही नहीं हुई। उन्होंने मीडिया में आई खबरों को गलत बताते हुए कहा कि इस मुलाकात के दौरान बिहार में किए जाने वाले कामों को लेकर चर्चा हुई है और नए मंत्रियों पर कोई विचार नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा की भाजपा की राय सामने आ जाने के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा और हम भाजपा की रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहे हैं।
जदयू की राज्य इकाई में बदलाव की तैयारी
इस बीच जदयू के राष्ट्रीय नेतृत्व में बदलाव के बाद अब पार्टी की राज्य इकाई में भी बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। आरसीपी सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी की राज्य इकाई में भी बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इस ओर इशारा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद संगठन में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है।
युवाओं को सौंपी जाएगी नई जिम्मेदारी
चुनाव के दौरान अच्छा काम करने वाले लोगों को संगठन की ओर से इनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही ऐसे लोग जिन्होंने पूरे समर्पण के साथ चुनाव के दौरान काम नहीं किया है, उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि पार्टी में युवाओं की भूमिका बढ़ाई जाएगी। सियासी जानकारों का कहना है कि 10 जनवरी को प्रस्तावित जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में कई पुराने चेहरों को हटाकर उनकी जगह नए चेहरों के नाम का एलान संभव है। इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी हिस्सा लेंगे।
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तेजस्वी का मध्यावधि चुनाव का दावा
दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कई दिनों बाद पटना पहुंचते ही नीतीश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार स्थायी नहीं है और बिहार में मध्यावधि चुनाव होना तय है। उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मध्यावधि चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा। उन्होंने जदयू के महागठबंधन में साथ आने की चर्चाओं को साफ तौर पर खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई संभावना नहीं है। कोरोना वैक्सीन की चर्चा करते हुए तेजस्वी ने कहा कि भाजपा नेताओं के बयानों से ऐसा लग रहा है कि यह वैक्सीन विशेषज्ञों ने नहीं बल्कि भाजपा ने ही बनाई है।
रिपोर्ट: अंशुमान तिवारी