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CBI की टीम पहुंची सहारनपुर, तो क्या मायावती पर भी कसेगा शिकंजा !
बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी सीबीआई का शिंकजा कसता नजर आ रहा है। बसपा शासन काल में आवंटित हुए खनन पट्टों और बसपा के पूर्व विधान परिषद सदस्य हाजी मोहम्मद इकबाल द्वारा किए गए अवैध खनन की जांच करने के लिए सीबीआई टीम सहारनपुर पहुंच गई और खनन क्षेत्र का दौरान कर जांच पड़ताल में जुट गई है।
सहारनपुर: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती पर भी सीबीआई का शिंकजा कसता नजर आ रहा है। बसपा शासन काल में आवंटित हुए खनन पट्टों और बसपा के पूर्व विधान परिषद सदस्य हाजी मोहम्मद इकबाल द्वारा किए गए अवैध खनन की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम सहारनपुर पहुंची और खनन क्षेत्र का दौरान कर जांच पड़ताल में जुट गई।
नई दिल्ली से सीबीआई की एक टीम सोमवार (12 जून) की दोपहर करीब बारह बजे सहारनपुर पहुंची। इस टीम में सीबीआई के एक इंस्पेक्टर और कई अन्य सहायक शामिल थे। सबसे पहले ये टीम यहां जिला मुख्यालय पहुंची और डीएम प्रदीप कुमार पांडे से मुलाकात की। डीएम से मुलाकात और बंद कमरे में वार्ता करने के बाद यह टीम जिला खनन अधिकारी को साथ लेकर खनन क्षेत्र में निकल गई।
जिला मुख्यालय से निकलने के बाद टीम सीधे थाना मिर्जापुर क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे आवंटित खनन पट्टों को देखने के लिए निकल गई। टीम के अधिकारी फिलहाल यह पता लगाने में जुटे हैं कि बसपा शासन में किस मानकों के तहत हाजी इकबाल को खनन पट्टे आवंटित किए गए थे। आरोप है कि जितना क्षेत्रफल हाजी इकबाल और उसकी कंपनी को आवंटित हुआ था, उससे कई गुणा ज्यादा क्षेत्रफल से अवैध खनन हुआ और यमुना नदी को पूरी तरह से खाली कर दिया गया।
कौन है हाजी इकबाल?
हाजी इकबाल को खनन माफिया के रुप में जाना जाता है। वह काफी समय से बसपा से जुडें हैं। साल 2007 में बसपा की सरकार आने पर उन्हें सहारनपुर में यमुना नदी से खनन किए जाने के पट्टे आवंटित किए गए थे। इसके बाद 2012 में सपा सरकार आने के बाद भी खनन पट्टे हाजी इकबाल के ही नाम रहे। हाजी इकबाल ने खनन की बदौलत खरबों रुपए की संपत्ति अर्जित की। प्रदेश में सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन धनबल और राजनीतिक बल के कारण हाजी इकबाल खनन के पट्टे अपने नाम कराने में कामयाब हो जाते हैं।
दो साल पहले उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी में कई शिकायत दर्ज की गई तो उनकी जांच प्रारंभ हो गई। एनजीटी के अलावा अकूत संपत्ति रखने पर ईडी ने भी हाजी इकबाल पर अपना शिकंजा कसा था। 2017 में सत्ता परिवर्तन होने के बाद हाजी इकबाल की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। इसी के तहत सीबीआई की टीम सहारनपुर पहुंची। बताया जाता है कि सीबीआई की इस टीम द्वारा कई राजफाश किए जा सकते हैं, जिसके घेरे में बसपा सुप्रीमो मायावती भी आ सकती हैं।