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पिता की गिरफ्तारी से बघेल ने साधे कई निशाने, बड़ा संदेश देने में कामयाब, विरोधी खेमे की निकाली हवा
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल की गिरफ्तारी के बाद कहा था कि कानून से ऊपर कोई भी नहीं है।
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल की गिरफ्तारी सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। ब्राह्मणों पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में हुई इस गिरफ्तारी के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। पिता के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद बघेल ने कहा था कि कानून से ऊपर कोई भी नहीं है। अब उन्होंने इस मामले में पिता की गिरफ्तारी कराकर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है।
उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके लिए सबसे ज्यादा डोरे ब्राह्मण समाज पर ही डाले जा रहे हैं। बघेल ने इस गिरफ्तारी के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है कि ब्राह्मणों के खिलाफ कोई भी टिप्पणी कांग्रेस को किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है।
इस गिरफ्तारी के जरिए बघेल ने अपना सियासी कद भी काफी ऊंचा कर लिया है क्योंकि वह यह साबित करने में कामयाब रहे हैं कि गलती पर वे किसी को भी बख्शने वाले नहीं हैं। चाहे वे उनके अपने पिता ही क्यों न हों। बघेल अपनी छवि को चमकाने में भी कामयाब रहे हैं जिसके कारण टीएस सिंह देव खेमे के लिए उन्हें अब सीएम की कुर्सी से उतारना आसान नहीं होगा। सिहदेव खेमा ढाई-ढाई साल के फार्मूले के आधार पर बघेल को हटाने की मांग पर अड़ा है मगर बघेल ने अब इस खेमे की मुहिम की हवा निकाल दी है।
इस मामले में हुई पिता की गिरफ्तारी
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने लखनऊ में मीडिया से बातचीत के दौरान ब्राह्मण समाज के संबंध में विवादित टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि अब वोट हमारा, राज तुम्हारा नहीं चलेगा। हम ब्राह्मणों को गंगा से वोल्गा भेजेंगे क्योंकि वे विदेशी हैं। उनका कहना था कि अंग्रेज आए और चले गए। उसी तरह ब्राह्मण भी सुधर जाएं नहीं तो वोल्गा जाने के लिए तैयार रहें। ब्राह्मण समाज के खिलाफ की गई इस विवादित टिप्पणी के लिए बघेल के पिता के खिलाफ रायपुर के डीडी नगर थाने में केस दर्ज किया गया है।
यह मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री बघेल का कहना था कि मेरे पिता की टिप्पणी से एक वर्ग की भावनाएं और सामाजिक सद्भाव को चोट पहुंची है। मुझे भी अपने पिता के बयान से दुख हुआ है। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के पिता होने के कारण कोई कार्रवाई न होने की चर्चा पर बघेल का कहना था कि मेरी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। चाहे वह मुख्यमंत्री के पिता ही क्यों ना हों। उनका कहना था कि इस मामले में पुलिस की ओर से विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
सीएम के वादे पर पुलिस का अमल
मुख्यमंत्री बघेल के बयान पर अमल करते हुए छत्तीसगढ़ की पुलिस ने उनके पिता नंद कुमार बघेल को आगरा से गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को उन्हें रायपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
नंद कुमार बघेल के बयान के खिलाफ पिछले दिनों रायगढ़ में भी प्रदर्शन किया गया था। नाराज लोगों ने सिटी कोतवाली का घेराव किया था। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की शिकायत लेने के बाद उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।
ब्राह्मणों के खिलाफ टिप्पणी बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री की ओर से अपने पिता के खिलाफ की गई कार्रवाई की सियासी हलकों में खासी चर्चा हो रही है। हालांकि भाजपा की ओर से इसे मुख्यमंत्री की नौटंकी बताया जा रहा है मगर इतना जरूर है कि पिता की गिरफ्तारी कराकर मुख्यमंत्री बघेल ने एक तीर से कई निशाने साधने में कामयाबी हासिल की है।
उत्तर प्रदेश और उत्तर उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस सियासी जंग को जीतने के लिए सभी दलों ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। सियासी दलों की तैयारियों में सबसे खास बात ब्राह्मण समाज को लुभाने की है। सियासी जानकारों का मानना है की मुख्यमंत्री ने अपने पिता के खिलाफ कार्रवाई करके यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस को ब्राह्मणों के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी स्वीकार नहीं है।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान ब्राह्मणों की बड़ी भूमिका होगी। ऐसे में बघेल ने ब्राह्मण समाज को बडा संदेश देने की कोशिश की है। हालांकि इस तरह की भी चर्चा है कि प्रियंका के कहने पर यह कदम उठाया गया है ताकि उत्तर प्रदेश के चुनावों में इसका सियासी फायदा उठाया जा सके।
अपनी छवि चमकाने में कामयाब रहे बघेल
इस कदम के जरिए बघेल एक बार फिर अपनी छवि चमकाने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने यह बात साबित करने की कोशिश की है कि कानून की नजर में दोषी होने पर उन्हें अपने पिता के खिलाफ भी कार्रवाई करने से कोई परहेज नहीं है। उन्होंने गिरफ्तारी से पहले भी बयान दिया था कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। बाद में अपने पिता को गिरफ्तार कराकर उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की है कि वे सिर्फ बातें नहीं किया करते बल्कि उन पर अमल भी करते हैं। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के पिता की गिरफ्तारी काफी देर तक ट्रेंड करती रही और काफी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री के कदम की सराहना की।
सिंहदेव के अभियान की हवा निकाली
सियासी जानकारों का मानना है कि पिता की गिरफ्तारी से बघेल ने व्यक्तिगत स्तर पर भी फायदा उठाया है। राज्य के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव ने इन दिनों बघेल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पिछले दिनों दिल्ली में बघेल और सिंहदेव की नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर राहुल और प्रियंका के साथ बैठक भी हुई थी। बघेल ने गत 17 जून को मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अब सिंहदेव खेमे की ओर से ढाई-ढाई साल के फार्मूले के आधार पर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की जा रही है।
बैठक के बाद बघेल ने अपने समर्थक विधायकों के साथ शक्ति प्रदर्शन भी किया था। जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी बघेल को हटाकर सिंहदेव को कमान सौंपने के पक्ष में थे मगर प्रियंका की ओर से वकालत किए जाने पर बघेल को अभयदान मिल गया। अब पिता की गिरफ्तारी के प्रकरण के जरिए बघेल ने अपना सियासी कद काफी ऊंचा कर लिया है। माना जा रहा है कि वे अब सिंहदेव खेमे पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। उन्होंने अपने कानून के तरफदार की छवि बनाई है। इससे उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर भी बड़ा सियासी फायदा मिलता दिख रहा है।