×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

खलील के बच्चों की सीएम योगी से गुहार, मदद करे सरकार...

sudhanshu
Published on: 28 Oct 2018 6:17 PM IST
खलील के बच्चों की सीएम योगी से गुहार, मदद करे सरकार...
X

गोरखपुर: शराबी फिल्म में किशोर कुमार द्वारा गाया ये गाना ''रास्ते अपनी जगह हैं, मंजिलें अपनी जगह, जब कदम ही साथ न दें, तो मुसाफिर क्या करे''। कुछ इसी तरह का वाकया यूपी के महराजगंज जिले के फरेंदा तहसील के रतनपुर निवासी मोहम्मद खलील और उनके परिवार का है। खलील अंसारी फरेंदा क़स्बे में ठेले पर फल बेचते हैं। खलील के दो लड़के और 4 लड़कियां हैं। सबसे छोटी बेटी को छोड़कर खलील की तीनों बेटियां शरीर से अपंग हैं। तीनों चलने फिरने लायक नहीं हैं लेकिन इन तीनों को कोई भी सरकारी मदद नही मिल रही है। काफी इलाज़ के बाद भी नहीं ठीक होने के बाद और प्रशासन द्वारा अनदेखी के बाद रविवार को ये तीनों लड़किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगा रही हैं। वही मीडिया के हस्‍तक्षेप के बाद अब प्रशासन जांच के बाद सरकारी मदद देने की बात कह रही है।

ये भी देखें:योगी जी! एक साल में ही गड्ढायुक्‍त हो गया आपका स्‍टेट हाइवे…

मुफलिसी की जिंदगी जी रहा परिवार

सरकार और प्रशासन जब जन समस्याओं से मुंह फेर ले तो जन सरोकार से जुड़े मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। कुछ यही हुआ है फरेंदा तहसील के रतनपुर निवासी मोहम्मद खलील के परिवार के साथ जो मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर है। खलील के तीन दिव्यांग बच्चियों के साथ कुदरत ने ऐसा मजाक किया कि आज ये चलने फिरने या दैनिक क्रिया से लाचार व दूसरे पर निर्भय है। यह तीनों बहने 12 वर्ष की उम्र तक तो एकदम स्वस्थ और सामान्य थी। खेलना कूदना और पढ़ना इनका भी शौक था। लेकिन इन तीनों को यह बिल्कुल पता नहीं था कि उम्र बढ़ने के साथ साथ इनका पैर जवाब देने लगेगा। किसी अज्ञात बीमारी की चपेट में आने की वजह से इन तीनों बहनों और खलील के परिवार की खुशियां गम में बदल गई। वक्त और बीमारी ने एक एक करके इन तीनों बहनों के कमर से लेकर पैर सूखा दिया। जिससे आज ये चल फिर नहीं सकती और मजबूर हैं। दूसरे के सहारे के लिए आज जब ये किसी से बात करती हैं तो इनका दर्द इनके आखों में देखा जा सकता है। प्रशासन की अनदेखी के बाद इन तीनों बच्चियों को ये आशा है कि योगी सरकार इनके दर्द का समझ कर इनकी मदद करेंगी।

ये भी देखें:आ गई अहोई अष्‍टमी, इस विधि से करें पूजन तो दूर होंगे पुत्र के सारे कष्‍ट

पीजीआई तक कराया इलाज

मोहम्मद खलील की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है बावजूद इसके खलील ने पिता होने का फर्ज निभाया। बेटियों का इलाज गोरखपुर से लेकर पीजीआई तक कराया। लेकिन पीजीआई के डॉक्टर भी अफ्रीका से रिपोर्ट आने के बाद इस बीमारी के आगे हाथ खड़ा कर दिए। एक कमरे के मकान में करीब एक दर्जन से ज्यादा सदस्यों के साथ मुफलिसी में खलील का जीवन गुजर रहा है।

ये भी देखें:शरीर के इस हिस्से में हो असहनीय दर्द तो ऐसे करें इलाज, मिलेगा जल्द निदान

एक भी सरकारी योजना के नहीं है लाभार्थी

सरकार भले ही प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास, अंत्योदय अन्न योजना समेत कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही हो, लेकिन इस परिवार के लिए इन योजनाओं का कोई अर्थ नहीं है। ऐसे में इस परिवार के मुकद्दर को संवारने के लिए किसी सिकंदर को मदद के हाथ बढ़ाने होंगे। सबसे दुखद बात यह है कि इन बच्चियों का दिव्यांग प्रमाण पत्र होने के बावजूद इन बच्चियों को किसी तरह की कोई सरकारी सहायता मयस्सर नहीं हुई। यहां तक की इनके पास राशन कार्ड नहीं है। राशन जैसी जरूरी सुविधा से महरूम इन दिव्यांग बेटियों को वर्तमान की मोदी और योगी सरकार से विशेष उम्मीद है। देखने वाली बात यह होगी कि हालात के आगे बेबस खलील के परिवार को सरकार किस तरह का मदद करती है। वहीं अब जिला प्रशासन जांच के बाद मदद की बात कही है।



\
sudhanshu

sudhanshu

Next Story