कांग्रेस में साजिश: अब इन्होने खोले राज, पार्टी कार्यकर्ताओं में मची अफरा-तफरी

कांग्रेस में लेटर बम फोडने वाली टीम के प्रमुख चेहरों में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने क्या उन साजिशों से परदा हटा दिया है जो कांग्रेस में सत्ता शीर्ष पर काबिज होने के लिए की जा रही हैं।

Newstrack
Published on: 3 Sep 2020 9:59 AM GMT
कांग्रेस में साजिश: अब इन्होने खोले राज, पार्टी कार्यकर्ताओं में मची अफरा-तफरी
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कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने खोल दिए कांग्रेस के सभी सियासी राज (file photo)

लखनऊ: कांग्रेस में लेटर बम फोडने वाली टीम के प्रमुख चेहरों में शुमार पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने क्या उन साजिशों से परदा हटा दिया है जो कांग्रेस में सत्ता शीर्ष पर काबिज होने के लिए की जा रही हैं। युवा संगठनों में सीधे चुनाव का विरोध और कांग्रेस अध्यक्ष चयन के लिए लोकतंत्र का समर्थन कर रहे आनंद शर्मा की भूमिका पर कांग्रेस पार्टी के अंदर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेसी पूछ रहे हैं कि आखिर वह कौन से राजनीतिक दल अथवा राजनेता के साथ मिलकर सत्ता की चाबी तलाश रहे हैं।

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congress-party member rahul gandhi and anand sharma (file photo)

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने नए सिरे से विवाद को ताजा करने की कोशिश की है

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के ताजा साक्षात्कार ने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सुलगी चिंगारी को फिर से हवा दे दी है। पार्टी नेतृत्व के स्पष्ट तौर पर मना करने के बावजूद उन्होंने नए सिरे से विवाद को ताजा करने की कोशिश की है। कांग्रेस नेतृत्व को कठघरे में खडा करने की कोशिश करते हुए दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी आज जितनी कमजोर है उतनी इससे पहले कभी नहीं रही। उनका यह भी कहना है कि युवा मतदाताओं से कांग्रेस लगातार दूर होती जा रही है।

उनके समर्थन में तो कांग्रेसी बोलने को तैयार नहीं

उनके दावे और तर्क को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चर्चा का दौर तेज हो गया है। उनके समर्थन में तो कांग्रेसी बोलने को तैयार नहीं लेकिन उनके तर्क और दावों पर सवाल उठाने वाले कई हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता मान रहे हैं कि आनंद शर्मा अपनी बातों का खुद खंडन कर रहे हैं। एक ओर वह कांग्रेस अपने पत्र में आंतरिक लोकतंत्र की दुहाई देकर कांग्रेस कार्य समिति और अध्यक्ष पद पर चुनाव का समर्थन कर रहे हैं दूसरे ओर युवा कांग्रेस और छात्र संगठन में इसका विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव का कहना है कि आनंद शर्मा स्वयं भ्रमित हैं

उनका कहना है कि कांग्रेस का आधार युवा संगठन और छात्र संगठन है जहां नेतृत्व का निर्धारण आधार मेरिट और आम सहमति हुआ करता था, जिसे राहुल गांधी ने खत्म कर दिया। कांग्रेस के प्रदेश प्रशासन प्रभारी सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव का कहना है कि आनंद शर्मा स्वयं भ्रमित हैं। वह अपनी बातों का खंडन खुद कर रहे हैं। वह लंबे समय तक यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। कांग्रेस कार्य समिति से लेकर सभी निर्णायक मंच पर उनकी मौजूदगी रही है। केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं इसके बाजवूद अगर कांग्रेस को चुनाव में नाकामी मिली तो इसके जिम्मेदार भी वही लोग हैं जो प्रमुख पदों पर बैठे हैं। राहुल गांधी ने इस्तीफा दिया तो भी इन लोगों ने पद क्यों नहीं छोडा? इन लोगों के शीर्ष पर रहते हुए कांग्रेस हारी है तो इन्हें पद छोडकर दूसरों को मौका देना चाहिए?

क्या साजिश का होगा परदाफाश

कांग्रेस कार्यसमिति की पिछले महीने हुई बैठक के बाद जब गुलाम नबी आजाद ने अपने साक्षात्कार में कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र को लेकर सवाल खड़े किए थे तो उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ निर्मल खत्री ने उन पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने आजाद पर कांग्रेस को रसातल में पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में जब कांग्रेस कार्यकर्ता अकेले दम पर विधानसभा चुनाव लडना चाहते थे। राहुल गांधी भी खुलकर समर्थन कर रहे थे तो गुलाम नबी आजाद ने ही प्रदेश में सपा के साथ जबरिया गठबंधन कराया।

उन्होंने यह भी बताया था कि किस तरह गुलाम नबी आजाद ने एआईसीसी और पीसीसी के कार्ड उन लोगों को बांटे थे जो कांग्रेस कार्यकर्ता भी नहीं थे। उनका इशारा है कि एआईसीसी और पीसीसी कार्ड धारक अधिकांश लोग बडे नेताओं के जेबी वर्कर हैं। ऐसे में कार्यसमिति सदस्य चुनाव से लेकर अन्य पदाधिकारियों के चयन में फर्जीवाडा किया जाता है।

डॉ खत्री ने अपने पत्र के आखिरी हिस्से में संकेत किया है

डॉ खत्री ने अपने पत्र के आखिरी हिस्से में संकेत किया है कि कांग्रेस से बाहर हुए एक पूर्व मुख्यमंत्री के इशारे पर कांग्रेस में हंगामा किया जा रहा है। उन्हें कांग्रेस में वापस लाकर पार्टी को हवाले करने की साजिश की जा रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता कह रहे हैं कि डॉ निर्मल खत्री ने जिस साजिश की ओर इशारा किया है उसका खुलासा आनंद शर्मा के साक्षात्कार से हो रहा है। कांग्रेस की राजनीतिक वापसी के लिए उन्होंने तमाम प्रगतिशील और प्रजातांत्रिक दलों के एक साथ आने की वकालत की है। उनका कहना है कि ऐसा होने पर भाजपा और मोदी के मुकाबले में एक विकल्प दिखाई देगा।

congress-party member congress-party member (file photo)

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उनके साक्षात्कार के बिंदुओं का पार्टी कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि एक ओर आनंद शर्मा खुद मान रहे हैं कि कार्यसमिति के केवल चार- पांच सदस्यों के पास ही राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र की कॉपी थी दूसरी ओर दावा करते हैं कि सभी 23 सदस्य पत्र में उठाए गए मुद्दों के समर्थन में हैं। दावे और तर्कों में मौजूद विरोधाभास से स्पष्ट है कि सब कुछ किसी गहरी साजिश का हिस्सा है जिससे परदा उठने का इंतजार करना होगा।

अखिलेश तिवारी

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