सुष्मिता के इस्तीफे के बाद नेतृत्व की कार्यशैली पर फिर उठे सवाल,कुनबा नहीं सहेज पा रहे सोनिया-राहुल

Congress: महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व सांसद सुष्मिता देव के इस्तीफे के बाद एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Divyanshu Rao
Published on: 16 Aug 2021 7:08 AM GMT (Updated on: 20 Aug 2021 3:33 PM GMT)
Sushmita Dev
X

महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व सांसद सुष्मिता देव की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Congress: महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व सांसद सुष्मिता देव के इस्तीफे के बाद एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। सियासी हलकों में यह चर्चा जोरों पर हो रही है कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपना कुनबा संभालने में ही नाकाम साबित हो रहे हैं। सुष्मिता देव का इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि वे करीब 30 सालों से पार्टी से जुड़ी हुई थीं और उन्होंने असम में पार्टी को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।

सुष्मिता देव के अब तृणमूल कांग्रेस में जाने की संभावना जताई जा रही है। सुष्मिता देव के इस्तीफे के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्ति चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पार्टी नेतृत्व को इस बात पर मंथन करना होगा कि पुराने कांग्रेसी नेता क्यों पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री और और पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस की पूर्व सांसद सुष्मिता देव की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

पहले ही लगने लगी थीं इस्तीफे की अटकलें

महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव के इस्तीफे का अनुमान उसी समय से लगाया जा रहा था जब उन्होंने अपने ट्विटर बायो में बदलाव किया था। उन्होंने अपने ट्विटर बायो में बदलाव करते हुए अपने पद के आगे पूर्व जोड़ दिया था। अब उन्होंने खुद को कांग्रेस का भी पूर्व सदस्य बताया है।

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के दिन पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करके उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा है। सुष्मिता हाल के दिनों में भी पार्टी की गतिविधियों में काफी सक्रिय थीं। पिछले दिनों पेगासस जासूसी कांड को लेकर संसद में हुए हंगामे के बाद पार्टी की ओर से आयोजित प्रदर्शन में भी उन्होंने हिस्सा लिया था। राहुल गांधी ने अपने संबोधन के दौरान उनका नाम भी लिया था। ऐसे में उनका इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है

असम चुनाव के समय से ही नाराज थीं सुष्मिता

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सुष्मिता देव असम विधानसभा चुनाव के समय से ही पार्टी की कार्यप्रणाली को लेकर नाराज थीं। उन्होंने समय-समय पर अपनी नाराजगी से पार्टी नेतृत्व को अवगत भी कराया था मगर इस दिशा में कोई बड़ा प्रयास नहीं किया गया। असम और बंगाल में कांग्रेस के बड़े नेता रहे संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता लोकसभा चुनाव भी जीत चुकी हैं। उन्होंने असम की सिलचर सीट से जीत हासिल की थी।

नेत्री सुष्मिता देव की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

अब टीएमसी में जाने की अटकलें

सुष्मिता के भावी सियासी कदमों को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। जानकारों का कहना है कि सुष्मिता तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व के संपर्क में हैं और जल्दी ही वे कोलकाता जाकर तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर सकती हैं। तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के बाद त्रिपुरा और नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में मजबूती से पांव जमाने की कोशिश में जुटी हुई है और माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से सुष्मिता को असम में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

कई राज्यों में कांग्रेस नेताओं में मतभेद

सुष्मिता देव के इस्तीफे के बाद पार्टी नेतृत्व की कार्यशैली को लेकर पार्टी में ही एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। पार्टी नेतृत्व राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट का झगड़ा आज तक नहीं निपटा सका है। पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष जरूर बना दिया गया है मगर सिद्धू और कैप्टन खेमे में लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच खींचतान चल रही है।

चिदंबरम और सिब्बल ने उठाए सवाल

ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद के बाद अब सुष्मिता देव का इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने नेतृत्व से पार्टी से इस्तीफा को लेकर गंभीर होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इतने पुराने नेता और कार्यकर्ता पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं, इस पर पार्टी नेतृत्व को गहराई से मंथन करना होगा।

दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि जब भी कोई युवा नेता कांग्रेस छोड़कर जाता है तो पुराने नेताओं पर आरोप लगाया जाता है। उनका इशारा असंतुष्ट माने जाने वाले ग्रुप-23 की ओर था। सुष्मिता देव करीब 30 वर्षों से पार्टी से जुड़ी हुई थीं। इसलिए कांग्रेस हलकों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर इतने पुराने नेताओं को कुनबे में सहेजने में नेतृत्व क्यों विफल साबित हो रहा है।

Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

Next Story