×

UP में कोरोना से बिगड़े हालात, अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर खड़े किए सवाल

अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने कोरोना को नियंत्रित करने में राज्य सरकार की असफल नीतियों की कठोर आलोचना की है।

Network
Newstrack Network NetworkPublished By Shreya
Published on: 20 April 2021 1:49 PM GMT (Updated on: 20 April 2021 1:55 PM GMT)
ajay kumar lallu - cm yogi
X

अजय कुमार लल्लू और योगी आदित्यनाथ (साभार- सोशल मीडिया)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस (UP Corona Virus) का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। राज्य में रोजाना रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आ रहे हैं। बीते 24 घंटे में यहां पर 29 हजार 754 नए संक्रमित मिले हैं। जिसके बाद प्रदेश में एक्टिव केस (Active Cases) की संख्या 23,544 हो गई है। वहीं, इस दौरान कुल 172 लोगों ने दम तोड़ा है।

इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में राज्य सरकार की असफल नीतियों की कठोर आलोचना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी से स्थितियां भयावह हो गई हैं। राजधानी लखनऊ (Lucknow) चीन का वुहान (Wuhan) बन चुका है, यहां के अधिकांश मोहल्ले मौत के मातम में डूबे हुए हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर हो रही मौतों के लिये कौन जिम्मेदार है?

अजय कुमार लल्लू (फोटो साभार - सोशल मीडिया)

अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर दागे ये सवाल

उन्होंने कहा कि सरकार के पास संक्रमण से हो रही मौतों को रोकने के लिए कोई स्पष्ट कार्ययोजना क्यों नहीं है। लल्लू ने कहा कि ब्रांडिंग और बड़ी-बड़ी बयानबाजी के लिए कुख्यात राज्य के मुखिया बताएं की राज्य में टीकाकरण अभियान निम्न स्तर तक सुस्त क्यों है? अब तक राज्य में सिर्फ चार फीसदी ही वैक्सीनेशन क्यों हो पाया है।

अजय कुमार लल्लू यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन और रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है। इन्हें पांच से 25 गुना तक ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है। ये भ्रष्टाचार कब बंद होगा? यहां ऑक्सीजन और रेमेडिसिविर इंजेक्शन की सुचारू आपूर्ति कब तक दुरुस्त होगी?

उन्होंने राज्य सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बताए की अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिये ऑक्सीजन, बेड, दवाइयां, आईसीयू और वेंटिलेटर की कमी इतनी भयावहता के बाद भी इतने लंबे समय तक दूर क्यों नहीं की गई, क्या ये कुछ संगठित गिरोहों को फायदा पहुंचाने के खेल प्रतीत नहीं होता है? ये कलंकित व्यापार कब रुकेगा?

लल्लू ने कहा कि जब विशेषज्ञों की ओर से दूसरी लहर की चेतावनी दी जा चुकी थी तो इससे लड़ने के लिए जरूरी प्रबंध सरकार ने क्यों नहीं किया। तब ये टीम 11 कर क्या रही थी? पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सकों की व्यापक कमी दूर करने के लिए भी सरकार ने आखिर कोई प्रबंध क्यों नहीं किया।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने के बजाय लंबी प्रक्रिया में उलझा देना सर्वथा अनुचित और अमानवीय है। कोविड पॉजिटिव अथवा नेगेटिव रिपोर्ट वाले कोरोना के लक्षण युक्त मरीजों को सीधे कोविड अस्पताल में भर्ती करने के स्थान पर सीएमओ की रेफरल पर्ची की अनिवार्यता के चंगुल में फँसाकर समय से इलाज से दूर करना बढ़ती मौतों का सबसे बड़ा कारण बन गया है।

व्यवहारिकता व चिकित्सक की सलाह के आधार पर तत्काल मरीज को इलाज देने में सरकार की यह बाध्यता सबसे बड़ी रुकावट है। उन्होंने रेफरल पर्ची की अनिवार्यता तत्काल समाप्त करने की मांग की है।

Shreya

Shreya

Next Story