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Congress President Election: पायलट की राह में गहलोत बोने लगे कांटे, इसको बनाना चाहते हैं राजस्थान का अगला सीएम
Congress President Election: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान गहलोत ने अपने बाद विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी को अगला मुख्यमंत्री बनाने की सलाह दी है।
Congress President Election: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर से एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत की वकालत किए जाने के बाद अब यह तय हो गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने की स्थिति में अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा। अभी तक मुख्यमंत्री का पद छोड़ने से इनकार करने वाले गहलोत को भी अब इस बात का एहसास हो गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) बनने पर वे दोनों पदों पर एक साथ नहीं रह पाएंगे। ऐसे में उन्होंने सचिन पायलट (Sachin Pilot) की दावेदारी को कमजोर बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि बुधवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान गहलोत ने अपने बाद विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी को अगला मुख्यमंत्री बनाने की सलाह दी है। सचिन पायलट की काट के रूप में उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के सामने सीपी जोशी का नाम आगे बढ़ाया है। 2020 में सचिन पायलट की बगावत के समय सीपी जोशी गहलोत के बड़े मददगार बनकर उभरे थे। तभी से दोनों नेताओं के रिश्ते में काफी आत्मीयता दिखती रही है।
राहुल की ना के बाद बदला नजरिया
अभी तक राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की खुलकर इच्छा जताने वाले गहलोत ने राहुल गांधी की ओर से दो पद के लिए ना कहे जाने के बाद अपना स्टैंड बदल लिया है। मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए एक व्यक्ति-एक पद के फैसले पर हमारी प्रतिबद्धता कायम रहेगी। राहुल गांधी के इस रुख से गहलोत को बड़ा झटका लगा है जो कांग्रेस के अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री पद पर भी बने रहने का ख्वाब देख रहे थे। राहुल गांधी की ओर से इस बाबत स्पष्ट रुख अपनाए जाने के बाद अब गहलोत ने भी अपना नजरिया बदल लिया है।
अब गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष को पूरे मुल्क में काम करना होगा और वह दो पदों के साथ अन्याय नहीं कर पाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष का पद बड़ी जिम्मेदारी है और उसे पूरे देश को देखना होगा। ऐसी स्थिति में न्याय करने के लिए एक पद पर ही रहना उचित होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पहले ही कह दिया था कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने की स्थिति में गहलोत को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा। उन्होंने गहलोत को उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए फैसले की याद भी दिलाई थी।
सीपी जोशी का नाम बढ़ाया आगे
सीएम पद छोड़ने की स्थिति में गहलोत किसी भी सूरत में सचिन पायलट को राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते। इसी कारण उन्होंने पहले से ही सियासी चालें चलने शुरू कर दी हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान उन्होंने विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी का नाम आगे बढ़ाया है। सीपी जोशी को आगे करके गहलोत सचिन पायलट की काट पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
अशोक गहलोत को इस बात का एहसास है कि सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने पर राजस्थान कांग्रेस में उनकी पकड़ कमजोर हो जाएगी। दूसरी ओर सीपी जोशी के जरिए वे राजस्थान कांग्रेस में अपनी पकड़ मजबूत रख सकेंगे और अगले विधानसभा चुनाव के दौरान अपने ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब हो सकेंगे। इसी कारण उन्होंने हाईकमान के सामने सीपी जोशी के नाम का सुझाव दिया है। हालांकि अभी तक इस मुद्दे पर कांग्रेस का कोई नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
जोशी के जरिए सचिन की काट
सीपी जोशी (CP Joshi) से भी गहलोत के रिश्ते पहले सहज नहीं थे मगर 2020 में सचिन पायलट की बगावत के बाद दोनों नेताओं में निकटता काफी बढ़ गई है। दरअसल सचिन पायलट की बगावत के समय सीपी जोशी गहलोत के बड़े मददगार बने थे। उन्होंने सचिन पायलट खेमे के 19 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी कर दिया था।
इस नोटिस के पीछे गहलोत की ही बड़ी भूमिका थी। इस नोटिस के जरिए पायलट खेमे पर दबाव बनाने में काफी मदद मिली थी। तब से दोनों नेताओं के रिश्ते की डोर काफी मजबूत हो गई है। इसके साथ ही गहलोत के बेटे वैभव को राजस्थान क्रिकेट बोर्ड में एंट्री दिलाने में भी सीपी जोशी ने मददगार की भूमिका निभाई थी।
राजस्थान में कांग्रेस का बड़ा चेहरा है जोशी
सीपी जोशी (CP Joshi) का नाम आगे करने के पीछे गहलोत की सोची समझी रणनीति है। जोशी राजस्थान में कई बार मंत्री रहने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वे केंद्रीय मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं। मौजूदा समय में वे विधानसभा के अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। राजस्थान में उन्हें कांग्रेस का बड़ा चेहरा माना जाता रहा है। गहलोत को उम्मीद है कि सीपी जोशी के जरिए वे सचिन पायलट की राह मुश्किल बनाने में कामयाब हो सकेंगे।