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शिवसेना ने 'सामना' के जरिये उगली आग, जानिए किसे बताया 'प्यारी डार्लिग'
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह की मौत और एक्ट्रेस कंगना रनौत के घर पर तोड़फोड़ कराने के मामले में महाराष्ट्र सरकार की जमकर किरकिरी कराने के बाद भी शिवसेना के तेवर कम नहीं हुए हैं।
वर्ली: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह की मौत और एक्ट्रेस कंगना रनौत के घर पर तोड़फोड़ कराने के मामले में महाराष्ट्र सरकार की जमकर किरकिरी कराने के बाद भी शिवसेना के तेवर कम नहीं हुए हैं।
शिवसेना ने अब विपक्ष के हमले से बचने के लिए मराठा सम्मान का कार्ड खेला है। महाराष्ट्र की अस्मिता पर खतरा बताते हुए मराठियों से एकजुट हो जाने की अपील की है।
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आखिर ऐसा क्या छपा है सामना में?
बता दें कि सामना अखबार शिवसेना के मुखपत्र है। शिवसेना को जब भी कोई बात कहनी होती है या मराठियों तक कोई सन्देश पहुंचाना होता है तो वे इस अखबार का इस्तेमाल करती है। चुनाव के वक्त भी जनता तक शिवसेना का संदेश पहुंचाने का ये अखबार ही सबसे सरल माध्यम होता है।
सामना अखबार में लिखा गया है कि मुंबई को पाकिस्तान कहनेवाली एक नटी (अभिनेत्री) के पीछे कौन है? महाराष्ट्र के भूमिपुत्रों को एक हो जाना चाहिए। ऐसा ये मुश्किल दौर आ गया है।
कंगना रनौत और संजय राउत की फोटो(सोशल मीडिया)
शिवसेना ने किसे बताया प्यारी डार्लिंग
मुंबई के महत्व को कम करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है; मुंबई की लगातार बदनामी उसी साजिश का हिस्सा है। मुंबई भूमिपुत्रों की होगी लेकिन उसे धन-धान्य से संपन्न हम लोगों ने ही बनाया है, यह घमंड, अहंकार मुंबई के सेठ लोगों में पहले भी था, आज भी है ही।
शिवसेना ने सबसे पहले यही घमंड उतारने का काम किया। इसलिए शिवसेना के प्रति दिल्ली के मन में हमेशा द्वेष भावना रही है। जो शिवसेना के विरोध में बोलेगा, वह दिल्लीश्वर की ‘प्यारी डार्लिंग’ बन जाता है।
सामना में आगे लिखा है कि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को ग्रहण लगाने का प्रयास एक बार फिर शुरू हो गया है। ये ग्रहण ‘बाहरी’ लोग लगा रहे हैं।
मराठी अस्मिता का मुद्दा उठाते हुए अखबार में लिखा गया है कि आज फिर भूमिपुत्रों की तथा मराठी स्वाभिमान का योजनाबद्ध ढंग से दमन करने का प्रयास हो रहा है।
महाराष्ट्र के खून से मराठी कोशिकाओं को मिटाने साजिश रची जा रही है। सूर्य, चंद्र जब तक रहेंगे, महाराष्ट्र को मुंबई नहीं मिलेगी, ऐसे शब्दों के उच्चारण के साथ ही दावानल की तरह भड़कनेवाले भूमिपुत्र को हमेशा के लिए लाचार बनाने का षड्यंत्र नई पालिटिक्स में रचा गया है।
कंगना रनौत की फोटो(सोशल मीडिया)
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मुंबई पर पहला हक महाराष्ट्र के लोगों का
इतना ही नहीं बल्कि आगे ये भी लिखा है कि मुंबई देश की हो या दुनिया की लेकिन उस पर पहला हक महाराष्ट्र के लोगों का है। मुंबई को जब-जब दबाने की कोशिश हुई है तब-तब महाराष्ट्र ने प्रतिकार किया है।
जिस दिन 'ठाकरे' ब्रांड का पतन होगा उस दिन से मुंबई का पतन होना शुरू हो जाएगा। ‘ठाकरे’ महाराष्ट्र के स्वाभिमान का एक ब्रांड है। दूसरा महत्वपूर्ण ‘ब्रांड’ पवार नाम से चलता है। मुंबई से इन ब्रांड को ही नष्ट करना है व उसके बाद मुंबई पर कब्जा जमाना है। इस साजिश की पोल फिर खुल गई है।
सामना में ये भी लिखा गया है कि मुंबई का महत्व, मुंबई का वैभव कम कर देंगे तो महाराष्ट्र का अपने आप पतन हो जाएगा, ऐसा जिनके मन में है, वे भूमिपुत्रों को कम आंक रहे हैं।
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