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श्रीराम को ठंड लगती है, इसलिए उनको PMAY घर मिलना चाहिए : बीजेपी सांसद
घोसी सीट से बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर का कहना है कि जिस तरह से कारसेवा करके विवादित ढांचे को गिराया गया था, उसी तरह की कारसेवा राम मंदिर निर्माण के लिए भी होनी चाहिए। सांसद ने ये भी कहा है कि प्रभु श्रीराम तिरपाल में हैं, उन्हें ठंड लगती है, बारिश में भीगते हैं, इसलिए उनको प्रधानमंत्री आवास के तहत घर भी मिलना चाहिए।
लखनऊ : घोसी सीट से बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर का कहना है कि जिस तरह से कारसेवा करके विवादित ढांचे को गिराया गया था, उसी तरह की कारसेवा राम मंदिर निर्माण के लिए भी होनी चाहिए। सांसद ने ये भी कहा है कि प्रभु श्रीराम तिरपाल में हैं, उन्हें ठंड लगती है, बारिश में भीगते हैं, इसलिए उनको प्रधानमंत्री आवास के तहत घर भी मिलना चाहिए।
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आस्था का फैसला कोर्ट नहीं कर सकता है
बीजेपी सांसद राजभर ने कहा, लोगों की आस्था का फैसला सरकार या सुप्रीम कोर्ट नहीं कर सकता। राम मंदिर सौ करोड़ हिंदुओं की आस्था का मामला है, जिस प्रकार कारसेवा से विवादित ढांचे को गिराया गया था, उसी प्रकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार ना करते हुए कारसेवा के द्वारा मंदिर को बनाना चाहिए।
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जिलाधिकारी को लिखी चिट्ठी
सांसद ने कहा, फैजाबाद के जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखकर कहेंगे कि रामलला को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराया जाए। मोदी सरकार की मंशा है कि कोई बिना छत के ना रहे। प्रभु श्रीराम तिरपाल में हैं, उन्हें ठंड लगती है, बारिश में भीगते हैं, इसलिए उनको प्रधानमंत्री आवास के तहत घर मिलना चाहिए।
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राम मंदिर के लिए सरकार दबाव में
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हाल में ही ऐलान किया है कि अयोध्या में कुंभ मेले से पहले यदि राम मंदिर निर्माण पर निर्णय नहीं हुआ तो नागा संन्यासी अयोध्या के लिए कूच करेंगे। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने राम मंदिर पर निर्णय में देरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सबरीमाला व जलीकट्टू में कोर्ट इतनी जल्दी निर्णय सुना सकता है तो रामजन्मभूमि का मामला 70 साल से क्यों विचाराधीन है?
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सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट 4 जनवरी को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। मामला सीजेआई रंजन गोगोई और जस्टिस एस. के. कौल की बेंच में सूचीबद्ध है। उम्मीद है कि सीजेआई और जस्टिस कौल की बेंच सुनवाई के लिए 3 जजों की बेंच का गठन कर सकती है।