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Delhi: कमलनाथ किनारे हुए, आंदोलन के लिए सोनिया की कमेटी की कमान दिग्विजय सिंह को

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रदर्शन पर निर्णय वाली कमेटी का चेयरमैन बनाया है।

Rahul Singh
Report Rahul SinghPublished By Deepak Kumar
Published on: 2 Sep 2021 2:01 PM GMT
Sonia Gandhi appointed Digvijay Singh as Chairman of Decision Committee on Protest on National Issues
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह। (Social Media)

दिल्ली: एमपी में कुछ कथित सियासी गलतियों की वजह से कांग्रेस में कमलनाथ की स्थिति कमजोर हुई है। 'कमजोर' कमलनाथ पर अब फिर से दिग्विजय सिंह भारी पड़ने लगे हैं। केंद्र में फिर से उनका ओहदा बढ़ा है। अगामी विधानसभा चुनावों के लिए सोनिया गांधी ने दो राज्यों में दिग्विजय सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही एमपी के पॉलिटिक्स में भी दिग्विजय सिंह जबरदस्त तरीके से एक्टिव हो गए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रदर्शन पर निर्णय वाली कमेटी का चेयरमैन बनाया है, इस टीम में प्रियंका गांधी वाड्रा, उदित राज समेत 9 नेता शामिल हैं, ये कमेटी देशभर में राष्ट्रीय विषयों पर धरना-प्रदर्शन की प्लानिंग के लिए बनाई गई है।

कमेटी में ये नेता हैं शामिल

कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी किये गए लेटर के मुताबिक, दिग्‍व‍िजय सिंह समिति के अध्‍यक्ष होंगे। पार्टी के अन्‍य आठ सदस्‍यों में प्रियंका गांधी, उत्‍तम कुमार रेड्डी (सांसद), मनीष चतरथ, बीके हरिप्रसाद, र‍िपुन बोरा, उदित राज, रागिनी नायक और जुबेर खान को सदस्य बनाकर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है।

विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस

अगले साल उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, इसी के तहत सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के मुद्दों को उठाने के लिए 9 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो आगे की रणनीति तैयार कर हुंकार भरने का कार्य करेगी।

असंतुष्टओं को मनाने की कवायद

बता दें इससे पहले कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे बड़े जी-23 के उन नेताओं को भी शामिल किया गया। इनके बारे में माना जाता रहा है कि ये पार्टी नेतृत्‍व से अंसतुष्‍ट चल रहे हैं। जी-23 के नेताओं ने कई मौकों पर नेतृत्‍व के फैसलों से असंतोष जताया है। ऐसे में मनमोहन सिंह की अध्‍यक्षता में बनी कमेटी में इन नेताओं को शामिल करने के कांग्रेस अध्‍यक्ष के फैसले को पार्टी में अंदरूनी कलह को दूर करने और सभी को साथ लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

Deepak Kumar

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