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शंकराचार्य से राहुल गांधी के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध की मांग कर, मचाई सनसनी
लखनऊ: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर नानवेज खाकर मंदिरों में दर्शन कर उनकी शुद्धता को दूषित करने का आरोप लगाने और उनके मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध की मांग करने वाले राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास अयोध्या के कथित महासचिव पंडित अमरनाथ मिश्रा को पहले ही न्यास से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। बुधवार को द्वारिका पीठाधीश्वर को लिखा गया उनका पत्र वायरल होते ही सियासी खेमों में खलबली मच गई। इसके जवाब में देर शाम तक न्यास के अध्यक्ष महन्त जनमेजय शरण का हस्तलिखित पत्र भी सामने आ गया। इसके मुताबिक बीते 17 नवम्बर को ही उनको न्यास से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।
मिश्रा ने द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज से राहुल गांधी के गुजरात के मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध की मांग की थी। पीठाधीश्वर को लिखे गए पत्र में उन्होंने अनुरोध किया है कि जब तक राहुल गांधी अपनी जाति, वर्ण, गोत्र प्रमाणित तौर पर प्रस्तुत नहीं करते हैं, तब तक इनको मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन करने पर प्रतिबंध लगाया जाए। अपने पत्र में उन्होंने मंदिर निर्माण को लेकर कोर्ट में कांग्रेस नेता और एडवोकेट कपिल सिब्बल की दलील पर नाराजगी जाहिर की है।
क्या है मामला?
राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास अयोध्या के कथित राष्ट्रीय महासचिव पं अमरनाथ मिश्रा ने पीठाधीश्वर को बुधवार को पत्र लिखा। इसमें वह उच्चतम न्यायालय में कांग्रेसी नेता और एडवोकेट कपिल सिब्बल के बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि राहुल गांधी के इशारे पर सिब्बल यह प्रकरण 2019 तक टालने का प्रयास कर रहे हैं। राहुल गांधी और सिब्बल न्यायिक प्रक्रिया को लम्बा खींचना चाहते हैं। सिब्बल ने कोर्ट में जो कहा यदि कांग्रेस की उससे असहमति हैं तो उन्हें इसका खण्डन जारी करना चाहिए। राहुल गांधी यदि जनेऊधारी हैं तो सिब्बल के खिलाफ कार्यवाही करें। यह योगी सरकार पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रही है। उन्होंने पत्र में राहुल गांधी को रोम राज्य का अनुयायी बताते हुए यह भी कहा है कि वह सुबह नाश्ते में अण्डा, मासं व मछली का सेवन कर मंदिरों में दर्शन पूजन कर उनकी शुद्धता को दूषित कर रहे हैं। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा कपिल सिब्बल हैं। उन्होंने पीठाधीश्वर से अनुरोध किया है कि जब तक राहुल गांधी अपनी जाति, वर्ण, गोत्र प्रमाणित तौर पर प्रस्तुत नहीं करते हैं, तब तक इनको मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन करने पर प्रतिबंध लगाया जाए।
जवाब में आया न्यास के अध्यक्ष का पत्र
पंडित अमरनाथ मिश्रा के पत्र के वायरल होते ही सियासी खेमों में सनसनी फैल गई। आनन फानन में रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण न्यास के अध्यक्ष महन्त जनमेजय शरण का पत्र सामने आ गया। इसके मुताबिक बीते 17 नवम्बर को न्यास की आपातकालीन बैठक में अमरनाथ मिश्रा के न्यास के उददेश्यों एवं भावनाओं के विपरीत काम करने और मनगढंत पदभार जोड़कर भ्रामक चर्चा में आने की पुष्टि हुई। उनके न्यास विरोधी गतिविधियों, व्यक्तव्यों के कारण अनावश्यक चर्चा में बने रहने के प्रयासों में रत होने के कारण सर्वसम्मति से तत्काल प्रभाव से पद से निष्कासित करने का फैसला लिया गया।