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लोकतंत्र का महापर्व शुरू, चुनावी पर्व में युवा दिखाएंगे अपना रंग

लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है। हर पांच साल में होने वाला यह पर्व इस बार कुछ अनूठा होने के आसार हैं क्योंकि इस लोकसभा चुनाव में इस बार के चुनाव में युवा वोटरों की महत्वपूर्ण भूमिका किसी भी दल की किस्मत बदलने का काम करेगी। इसलिए हर दल युवाओं को फोकस कर अपनी रणनीति बनाने में जुटा है।

Anoop Ojha
Published on: 12 March 2019 5:50 PM IST
लोकतंत्र का महापर्व शुरू, चुनावी पर्व में युवा दिखाएंगे अपना रंग
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श्रीधर अग्निहोत्री

लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है। हर पांच साल में होने वाला यह पर्व इस बार कुछ अनूठा होने के आसार हैं क्योंकि इस लोकसभा चुनाव में इस बार के चुनाव में युवा वोटरों की महत्वपूर्ण भूमिका किसी भी दल की किस्मत बदलने का काम करेगी। इसलिए हर दल युवाओं को फोकस कर अपनी रणनीति बनाने में जुटा है।

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अभी तक राजनीतिक पार्टियां युवाओं का इस्तेमाल चुनाव प्रचार या पार्टी के कार्याे में करती रही हैं। लेकिन जब बात चुनाव लड़ने की आती है तो कम अनुभव का हवाला देकर इनकी अनदेखी कर दी जाती है। पर राजनीतिक दलों की इस सोच में अब बदलाव आया है। बड़ी राजनीतिक पार्टियां भी अपने साथ ज्यादा युवाओं को जोड़ रही हैं। अब हर दल इस बात को समझ रहा है कि युवाओं की उपेक्षा कर वह आगे नहीं बढ़ सकता। इसलिए पार्टियां विशेष रूप से इस वर्ग पर ध्यान दे रही हैं।

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पिछले लोकसभा चुनाव के बाद युवाओं में वोट देने का क्रेज बढ़ा है। अभी तक युवा मतदाता अन्य आयु वर्गों के मुकाबले मतदान केंद्र तक कम संख्या में ही पहुंचते थे। इस बार लोकसभा चुनाव में इस बात की पूरी संभावना है कि युवाओं के वोट प्रतिशत में और इजाफा होगा। चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका काफी बढ़ चुकी है और इसका सर्वाधिक इस्तेमाल भी युवा ही करते हैं। वहीं राजनीतिक दल भी सोशल मीडिया का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं। कई नेता ट्विटर पर सक्रिय हैं तो कई इसके जरिये वे अपनी बातें लोगों तक पहुंचा रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया वेबसाइटों पर अभियान भी चला रखा है। इस अभियान के जरिये पार्टी अपने अध्यक्ष राहुल गांधी की छवि को बेहतर करने में लगी है। सोशल साइटों पर युवाओं की सक्रियता के चलते चुनावी अभियान को काफी रिस्पांस मिल रहा है।

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वहीं बीजेपी भी सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाकर युवाओं को लुभाने का काम कर रही है। इन साइटों पर प्रचार अभियान के जरिये युवाओं के बीच पैठ बनाने की कवायद में सभी राजनीतिक दलों की नजर है।दो साल पहले विधानसभा चुनाव में पार्टियां ने सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल किया गया और युवाओं को बड़ी संख्या में जोड़ने में सफल रही। इसी लिए अब अन्य राजनीतिक दल युवाओं को अपने पाले में खींचने में जुटे हैं। पार्टियों को युवाओं की बढ़ती हैसियत का अंदाजा हो गया है और वे युवाओं को विभिन्न तरीके से आकर्षित करने में जुटे हैं। मौजूदा राजनीति को देखकर अब इस बात में कोई संशय नहीं है कि युवाओं की भूमिका को कोई भी राजनीतिक दल नजरअंदाज नहीं कर सकती है। युवा जिस भी दल की ओर अपना रुझान प्रदर्शित करेंगे तो निश्चित ही उस दल को फायदा पहुंचेगा।

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लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीति का दिल कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश में इस बार 14.4 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें से इस बार करीब 16 लाख मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। प्रदेष में 14.4 करोड़ मतदाता हैं, उनमें से 7.79 करोड़ पुरुष जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 6.61 करोड़ है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेष्वर लू ने बताया कि थर्ड जेंडर के 8,374 मतदाता हैं जबकि दिव्यांग वोटरों की संख्या 7,86,542 है। संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान 45,05,970 मतदाताओं के नाम जोड़े गए जबकि 23,48,824 मतदाताओं के नाम काटे गए। प्रदेश में मतदान केंद्रों की कुल संख्या 91,709 है। जबकि बूथों की संख्या 1,63,331 है।

केन्द्रीय चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में नौ फीसदी युवा मतदाता पहली बार लोकसभा चुनाव में वोट डालेगें। कुल मिलाकर देश में 90 करोड़ लोग इस बार वोट डालेंगे। इनमें से 8.40 करोड़ नये मतदाता हैं जबकि 1.5 करोड़ युवा मतदाताओं की आयु 18-19 साल के बीच है। 25 करोड़ वोटर 24 साल से कम उम्र के अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। ये हर राजनीतिक दल के लिए खास बन गए हैं। क्योंकि यही वह वर्ग है जो चुनावों में सबसे अधिक बढ़-चढ़ कर भागीदारी कर किसी भी प्रत्याषी की किस्मत पलट सकता है। इस वर्ग पर सभी राजनीतिक दलों की नजरें हैं।

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बताया जा रहा है कि लगभग नौ फीसदी वोटर पहली बार इस बार मतदाता सूची में शामिल होंगे। जिनमें 8.40 करोड़ नये वोटर जोडे गए। खास बात यह है कि 1.5 करोड़ वोटर 18-19 साल के है। इस लोकसभा चुनाव में जो पहली बार वोटर बने युवा है उन युवाओं के हाथ 282 सांसदों की किस्मत जुडी है। एक अनुमान के अनुसार लोकसभा चुनाव 2019 में 29 राज्यों की 282 सीटों पर युवा निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। आंकड़ों के आधार पर पता चलता है कि इन सीटों पर 2014 में जितना जीत का अंतर था। 2019 में पहली बार वोट करने वालों की संख्या उससे कहीं ज्यादा हो सकती है। अनुमान है कि हर लोकसभा सीट पर औसतन 1.49 लाख वोटर ऐसे होंगे जो पहली बार मतदान करेंगे।

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यही कारण है कि लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां भाजपा सपा बसपा तथा कांग्रेस अधिक से अधिक युवाओं से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में लगी हैं। नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को युवाओं का ‘आइकन’ बनाया जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के युवाओं का राजनीति की ओर तेजी से रुझान बढ़ा है। इनमें से बड़ी संख्या ऐसे युवाओं की हैए जो राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं या निभाने की सोच रहे हैं। यूपी में विधान सभा चुनाव की दिशा तय करने में युवाओं की बड़ी भागेदारी होगी।

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इस बार कुल मतदाताओं में 19 से 29 साल के युवाओं की संख्या 30 फीसदी से भी ज्यादा है। नए मतदाताओं की संख्या भी कई गुना बढ़ी है। मतदाता सूची पुनरीक्षण से पहले पहली बार वोटर बनने वाले यानी 18-19 वर्ष की उम्र के मतदाताओं की संख्या 3.89 लाख थी। यह बढ़कर 24.25 लाख हो गई है। इस तरह 19 साल तक के 20.57 लाख मतदाता बढ़े हैं। कुल मतदाताओं में इस उम्र के वोटरों का प्रतिशत 1.86 प्रतिशत है। वहीं 20 से 29 साल तक के मतदाताओं की संख्या 3.82 करोड़ है जो कुल मतदाताओं का 28.38 प्रतिशत है। इस तरह 18 से 29 साल तक के युवाओं का कुल प्रतिशत 30.18 प्रतिशत हो जाता है। युवाओं की बढ़ती भागेदारी का असर चुनाव पर भी पड़ेगा। इस चुनाव में कुल वोटरों की संख्या 14.12 करोड़ है। इनमें पुरुष वोटर 7.68 करोड़ और महिला वोटरों की संख्या 6.44 करोड़ है। नए नाम जुड़वाने में महिला वोटरों का प्रतिशत 55 फीसदी है। इस तरह युवाओं के साथ महिला वोटर भी चुनाव को प्रभावित करेंगी।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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