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2017-18 में भाजपा का चंदा अन्य दलों के मुकाबले 12 गुना अधिक रहा

बीस हजार रुपये से अधिक चंदा हासिल करने वाले राष्ट्रीय दलों की 2017-18 वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट नेशनल इलेक्शन वाच ने जारी कर दी है। डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के लिए एसोसिएशन द्वारा तैयार रिपोर्ट राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चंदे पर आधारित है।

राम केवी
Published on: 16 Jan 2019 2:02 PM GMT
2017-18 में भाजपा का चंदा अन्य दलों के मुकाबले 12 गुना अधिक रहा
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बीस हजार रुपये से अधिक चंदा हासिल करने वाले राष्ट्रीय दलों की 2017-18 वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट नेशनल इलेक्शन वाच ने जारी कर दी है। डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के लिए एसोसिएशन द्वारा तैयार रिपोर्ट राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चंदे पर आधारित है। रिपोर्ट में राष्ट्रीय दलों भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), बहुजन समाज पार्टी (BSP), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (RCP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय दलों को वित्तीय वर्ष 2017-18 में देश भर से 20,000 रुपये से ऊपर कुल 469.89 करोड़ का चंदा मिला जो कि इन दलों द्वारा घोषित आंकड़ों के अनुसार 4201 दानदाताओं से मिला था। इनमें भाजपा ने 437.04 करोड़ रुपये का चंदा कुल 2977 दानदाताओं से घोषित किया।

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जबकि कांग्रेस ने 777 दानदाताओं से 26.658 करोड़ रुपये प्राप्त करने की घोषणा की। रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस, राकांपा, भाकपा, सीपीएम और AITC द्वारा इसी अवधि में घोषित चंदे से भाजपा का चंदा 12 गुना अधिक है। बसपा ने घोषणा की कि पार्टी वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान 20,000 रुपये के ऊपर किसी भी चंदे को प्राप्त नहीं किया था।

वित्तीय वर्ष 2016-17 और वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान राष्ट्रीय दलों द्वारा प्राप्त दान की तुलना

वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान राष्ट्रीय दलों द्वारा प्राप्त कुल चंदे में 2016-17 के मुकाबले कुल 119.49 करोड़ रुपये की कमी हुई जो कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 20% रही।

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भाजपा ने 2017-18 में 437.04 करोड़ रुपये चंदा प्राप्त किया जो कि पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान मिले 532.27 करोड़ रुपये से 18% कम रहा। वहीं कांग्रेस को मिला दान वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान 26.658 करोड़ रुपये रहा जो कि वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान 41.90 करोड़ रुपये से घटकर 36% की कमी दिखा रहा था।

राष्ट्रीय दलों के लिए राज्यवार दान

राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग को दिये गए विवरण के अनुसार राजनीतिक दलों को 208.56 करोड़ रुपये दिल्ली से, 71.93 करोड़ रुपये , महाराष्ट्र से और 44.02 करोड़ रुपये गुजरात से चंदा मिला है।

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इसी तरह से राजनीतिक दलों को वित्तीय वर्ष 2017-18 तक प्राप्त कुल चंदे का 9.07% जो कि लगभग 42.60 करोड़ रुपये होता है अधूरी जानकारी के कारण किस राज्य/संघ राज्य से मिला स्पष्ट नहीं हो सका।

राष्ट्रीय दलों के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 के शीर्ष दानदाता

प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा और कांग्रेस दोनो को 164.30 करोड़ रुपये की कुल राशि दान की और दोनो दलों के शीर्ष 2 दाताओं में से एक है। ट्रस्ट ने भाजपा के लिए 154.30 करोड़ रुपये का दान दिया और कांग्रेस के लिए 10 करोड़ रुपये का दान किया जो कि कांग्रेस द्वारा प्राप्त कुल धन का 38% व भाजपा द्वारा प्राप्त कुल धन का 35% है।

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इसी तरह राकांपा को बीजी शिर्के निर्माण प्रौद्योगिकी प्राइवेट लि. से 50 लाख रुपए और Jankalyan निर्वाचन ट्रस्ट मुंबई से 50 लाख रुपये मिले।

रिपोर्ट ने यह पाया कि दलों द्वारा 2017-18 में दी गई रिपोर्ट अपूर्ण व आधी अधूरी थी।

रिपोर्ट में यह पाया गया कि 7 राष्ट्रीय दलों, 4 पार्टियों भाजपा, कांग्रेस, CPI और CPM ने 219 दानदाताओं का ब्योरा घोषित नहीं किया। यद्यपि राजनीतिक दलों ने 4.95 करोड़ रुपये की कुल दानराशि एकत्र की थी। जिसमें भाजपा ने 119 दानदाताओं से 4.01 करोड़ रुपये, भाकपा ने 70 दानदाताओं से रुपये 75.50 लाख, कांग्रेस ने 26 दानदाताओं से 16.40 लाख रुपये और सीपीएम ने 4 दानदाताओं 2.30 लाख रुपए लिये लेकिन किसी ने भी किसी का पैन विवरण नहीं दिया। 4 राष्ट्रीय दलों (भाजपा, कांग्रेस, सीपीएम और AITC) 60 दानदाताओं से 80 लाख रुपए 2017-18 में लिए लेकिन पैन विवरण देने में असफल रहीं।

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AITC ने अपने 33 दाताओं से 20.25 लाख रुपए प्राप्त किये लेकिन वह उस चेक संख्या, बैंक का ब्योरा देने में असफल रही जिस पर वह तैयार किया गया था और वह तिथि जब चेक प्राप्त किया गया था। इसके चलते आय का स्रोत ज्ञात करना एक लंबी प्रक्रिया हो गई। सीपीआई भी 82 दाताओं से प्राप्त 44.35 लाख रुपए के लिए डीडी, चेक नंबर, बैंक जिस पर वह तैयार किया गया था और तारीख का विवरण घोषित नहीं कर सकी। इसी तरह भाकपा अपने राज्य सचिवों और जिला इकाइयो से प्राप्त 53.57 लाख की राशि व पार्टी को मिली 75.50 लाख की राशि में दानदाताओं का पैन कार्ड डिटेल देने में असफल रही है।

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सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितम्बर 2013 को एक निर्णय दिया था, कि उम्मीदवार के शपथ पत्र का कोई हिस्सा खाली नहीं छोड़ा जाना चाहिए। इसी तरह, फार्म 24A के जरिये 20,000 रुपये से ऊपर दान का ब्यौरा उपलब्ध कराने वाले राजनीतिक दलों द्वारा फार्म का कोई हिस्सा नहीं खाली नहीं होना चाहिए। सभी दानदाताओं का पूर्ण विवरण आरटीआई के तहत सार्वजनिक जांच के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए। कुछ देशों में जहां यह व्यवस्था है उनमें भूटान, नेपाल, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्राजील, बुल्गारिया, अमेरिका और जापान शामिल हैं। इन देशों में धन का स्रोत अज्ञात होने की आशंका 50% है, लेकिन वर्तमान में यह भारत में हो रहा है।

राम केवी

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