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भारत को हमेशा तोड़ने की बात करने वाले इस दिग्गज नेता पर ED ने कसा शिकंजा

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला अभी कुछ दिनों पहले ही रिहा किये गये हैं। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 समाप्त करने के दौरान वहां के कुछ बड़े नेताओं को सरकार की तरफ से सुरक्षा कारणों से नजरबंद किया गया था। उनमें से एक वह भी हैं।

Newstrack
Published on: 19 Oct 2020 3:59 PM IST
भारत को हमेशा तोड़ने की बात करने वाले इस दिग्गज नेता पर ED ने कसा शिकंजा
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अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला शुरू से ही इन आरोपों को नकारते आये हैं। करीब 8 हजार पन्नों के इस आरोपपत्र में धारा 120-बी, 406 और 409 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। ईडी की टीम श्रीनगर स्थित अपने कार्यालय में पूर्व सीएम से आज सवाल जवाब कर रही है।

बताया जा रहा है कि ये पूछताछ जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में की जा रही है। ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए पहले भी तलब किया था।

फारूक अब्दुल्ला से ईडी की पूछताछ पर उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर की है। उमर का आरोप है कि ये पूछताछ गुपकार समझौते को लेकर राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की जा रही है।

उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए लिखा-नेशनल कॉन्फ्रेंस शीघ्र ही ईडी समन को लेकर जवाब देगी। यह गुपकार समझौते के लिए हुए अलायंस के गठन को लेकर राजनीतिक प्रतिशोध के लिए की जा रही है। बताना चाहता हूं कि डॉ साहब के आवास पर छापा नहीं मारा जा रहा है।

Farooq Abdullah जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला की फोटो(सोशल मीडिया)



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क्या है ये पूरा मामला

बताते चलें कि ये पूरा मामला बीसीसीआई से जुड़ा हुआ है। दरअसल 2002 से 2011 के बीच बीसीसीआई ने जम्मू कश्मीर में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ की रकम जारी की थी लेकिन आरोप है कि इस राशि में से 43.69 करोड़ रुपये का गबन कर लिया गया था।

जिसके बाद से इस केस में रणजी ट्राफी कोच और सेलेक्टर व कश्मीर के क्रिकेट खिलाड़ी माजिद अहमद ने 2015 में जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) पर घोटाले का आरोप लगते हुए हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की थी।

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Court File Photo कोर्ट की प्रतीकात्मक फोटो(सोशल मीडिया)

हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच करने का दिया था आदेश

जिसके बाद से हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच करने का आदेश जारी किया था। उसके बाद सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था।

सीबीआई ने जांच कर जेकेसीए अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद सलीम खान (महासचिव), एहसान अहमद मिर्जा (खजांची) और बशीर अहमद मिसगर (बैंक में एग्जीक्यूटिव) के खिलाफ षड्यंत्र और विश्वास के आपराधिक उल्लंघन के आरोप लगाते हुए अदालत में चार्जशीट दायर की थी।

बता दें कि करीब 8 हजार पन्नों के इस आरोपपत्र में धारा 120-बी, 406 और 409 के तहत आरोप लगाए गए हैं। लेकिन अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला शुरू से ही इन आरोपों को नकारते आये हैं।

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