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चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है, नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा हो: कांग्रेस

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें दुख के साथ कहना पड़ा रहा है कि चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है। वह अपनी योग्यता, क्षमता, निर्भीकता और निष्पक्षता के लिए जाना जाता रहा है। आज जब प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लोकतंत्र पर हमला बोला जा रहा है तो चुनाव आयोग डरा, थका और असहाय नजर आ रहा है। वह प्रजातंत्र का चीरहरण होते हुए देख रहा है।’’

Roshni Khan
Published on: 16 May 2019 3:42 PM IST
चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है, नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा हो: कांग्रेस
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नयी दिल्ली: कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद चुनाव प्रचार की अवधि में कटौती के चुनाव आयोग के कदम को लोकतंत्र के लिए ‘काला धब्बा’ करार देते हुए बुधवार को दावा किया कि आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है तथा इस संवैधानिक संस्था के लिए नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता एवं निर्भीकता पर कब्जा कर लिया है ?

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सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें दुख के साथ कहना पड़ा रहा है कि चुनाव आयोग अपनी स्वतंत्रता खो चुका है। वह अपनी योग्यता, क्षमता, निर्भीकता और निष्पक्षता के लिए जाना जाता रहा है। आज जब प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लोकतंत्र पर हमला बोला जा रहा है तो चुनाव आयोग डरा, थका और असहाय नजर आ रहा है। वह प्रजातंत्र का चीरहरण होते हुए देख रहा है।’’

पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार की अवधि में कटौती के फैसले को लोकतंत्र के लिए ‘काला धब्बा’ करार देते हुए उन्होंने दावा किया, ‘‘ ऐसा लगता है कि चुनाव आचार संहिता अब मोदी जी प्रचार संहिता बन गई है। चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या कारण है कि गुंडों को सजा देने की बजाय चुनाव आयोग मूकदर्शक और असहाय बना हुआ है ? क्या मोदी और शाह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता या निर्भीकता पर कब्जा कर लिया है ?’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को उपहार भेंट कर रहा है। उसने यह सुनिश्चित किया कि प्रधानमंत्री की दो सभाएं प्रभावित नहीं हों।’’

सुरजेवाला ने दावा भी किया पश्चिम बंगाल पर चुनाव आयोग के आदेश में अनुच्छेद 14 और 21 के अंतर्गत जरूरी प्रक्रिया को धूमिल किया गया है तथा आयोग ने सबको समान अवसर देने के संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन भी नहीं किया। यह संविधान के साथ किया गया अक्षम्य विश्वासघात है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ चुनाव आयोग में 11 शिकायतें की गई हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा के द्वारा हिंसा की गई और अमित शाह द्वारा धमकाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव आयोग के लिए पूरी नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा होनी चाहिए।

गौरतलब है कि कोलकाता में अमित शाह के रोडशो के दौरान हुई हिंसा के कारण चुनाव आयोग ने बुधवार को फैसला किया कि बृहस्पतिवार रात 10 बजे के बाद पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। पहले चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम 5 बजे खत्म किया जाना था।

(भाषा)



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