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Etawah News : बीडीसी मेंबर को लेकर भाजपा-सपा कार्यकर्ता कोर्ट के सामने भिड़े, जमकर हुई मारपीट
बीडीसी मेंबर के लापता मामले में बढ़पुरा ब्लॉक के सपा प्रत्याशी आनंद यादव के विरुद्ध दर्ज हुआ था अगवा करने का मुकदमा
Etawah: बीडीसी मेंबर (BDC Member) को अपने पक्ष में करने को लेकर भाजपा (BJP) और सपा (SP) कार्यकर्ताओं के बीच कोर्ट के सामने जमकर मारपीट हुई। इस दौरान मौके पर पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई अंशुल यादव एवं भाजपा विधायक सरिता भदौरिया के बीच भी नोकझोक हुई। ज्ञात हो कि बीडीसी मेंबर तीन दिन पहले अचानक लापता हो गया था। इसके बाद बीडीसी मेंबर को अगवा करने को लेकर सपा ब्लाक प्रमुख पद के प्रत्याशी आनंद यादव के विरुद्ध बीडीसी मेंबर को अगवा करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। बीडीसी मेंबर ने कोर्ट में बयान दिया था कि वह अपनी मर्जी से बाहर गया था और वह बालिग हैं अब जिसके साथ चाहे जा सकता है उसके बाद ही भाजपा-सपा कार्यकर्ताओं में कोर्ट के बाहर भिड़ गए।
ब्लॉक प्रमुख चुनाव की तारीख आने से पहले ही इटावा में सपा-भाजपा में घमासान हुआ शुरू हो गया। बढ़पुरा ब्लॉक के बीडीसी को अपने पाले में करने के लिए कोर्ट के बाहर बीजेपी एवं सपा के कार्यकर्ताओं में जमकर घमासान हुआ। बताते चलें इटावा के बढ़पुरा ब्लॉक जो की इटावा सदर विधायक भाजपा की सरिता भदौरिया का गांव भी है, वहां से बीडीसी सदस्य तीन दिन पहले लापता हो गया था। मामले में बढ़पुरा ब्लॉक के सपा प्रत्याशी आनंद यादव पर बीडीसी को अगवा करने का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद गुरूवार की शाम अचानक बीडीसी सदस्य कोर्ट में हाजिर हो गया और कोर्ट में बयान दर्ज कराए कि वह अपनी मर्जी से बाहर गया था। उसको किसी ने अगवा नहीं किया था। वह बालिग है और जहां चाहे जा सकता है। इसके बाद माननीय न्यायधीश ने आदेश दिया कि वह अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकता है।
इस कारण शुरू हुआ विवाद
दरअसल भाजपा विधायक एवं कार्यकर्ता बीडीसी सदस्य को उसके घरवालों के सुपुर्द करना चाहते थे लेकिन समाजवादी पार्टी के लोगों का कहना था कि घर से बीडीसी सदस्य को बीजेपी वाले अपने साथ ले जाएंगे। इसी कश्मकश में दोनों पार्टियों के लोग के बीच कोर्ट के बाहर घमासान देखने को मिला। मामले की जानकारी मिलने पर भाजपा विधायक सरिता भदौरिया भी मौके पर पहुंच गई। वहीं अखिलेश यादव के चचेरे भाई और इटावा से जिला पंचायत अध्यक्ष जो कि निर्विरोध चुने गए हैं, वह भी मौके पर पहुंचे। दोनों लोगों में जमकर नोकझोंक हुई। उसके बाद किसी तरह मामला शांत हुआ तब जाकर प्रशासन ने सांस ली।