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चुनावी दंगल में सियासी बेफिक्रे: जमानत हो जाए जब्त, लेकिन ठोकेंगे ताल !

यूपी का मौहाल पूरी तरह सियासी रंग से रंगा हुआ है। उम्मीदवार और पार्टियां कुर्सी की जंग में जीत का परचम लहराने के लिए जोर आजमाइश में जुटी हुई हैं।

tiwarishalini
Published on: 31 Jan 2017 5:43 PM IST
चुनावी दंगल में सियासी बेफिक्रे: जमानत हो जाए जब्त, लेकिन ठोकेंगे ताल !
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लखनऊ: 'गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं' ... यह शेर यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बिल्कुल सटीक है। यूपी का मौहाल पूरी तरह सियासी रंग से रंगा हुआ है। उम्मीदवार और पार्टियां कुर्सी की जंग में जीत का परचम लहराने के लिए जोर आजमाइश में जुटी हुई हैं। कई निर्दलीय भी अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। यही वजह है कि कई बार ऐसा भी होता है कि राजनीतिक दलों के अलावा कई निर्दलीय भी मुकाबले में खड़े होते हैं। ऐसे में एक सीट पर कई-कई उम्मीदवार मैदान में ताल तो ठोक देते हैं, लेकिन अपनी जमानत बचाना उनके लिए बहुत मुश्किल हो जाता है, बावजूद इसके उनके लिए चुनाव लड़ने का हौसला कभी नहीं टूटता।

क्या कहते हैं आंकड़े ?

-यूपी विधानसभा चुनाव - 2012 के आंकड़ों पर नजर डालें तो यूपी विधानसभा की कुल 403 सीट में से 318 सीट सामान्य थीं और 85 सीट आरक्षित थीं।

-15 सीटों पर पर 6 से 10 प्रत्याशियों ने ताल ठोकी, 161 सीटों पर 11 से 15 उम्मीदवारों ने दावेदारी पेश की।

-वहीँ बाकि बची 227 सीटों पर 15 से ज़्यादा प्रत्याशी मैदान में थे।

-आकंड़ों के मुताबिक, चुनाव में 6,835 प्रत्यशियों ने ताल ठोकी थी।

-जिनमें से 5,756 उम्मीदवार ही अपनी जमानत बचा पाए।

-2012 के सियासी घमासान में 6,252 पुरुष और 583 महिला उम्मीदवार मैदान में थे।

-इनमें से 5,269 पुरुष प्रत्याशी और 487 महिला प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।

जमानत जब्त करने की फेहरिस्त में छोटी से लेकर बड़ी पार्टियों तक के नाम शामिल

-यूपी विधानसभा चुनाव-2012 में जमानत जब्त होने की फेहरिस्त में सबसे ऊपर नाम कांग्रेस का था।

-कांग्रेस पार्टी ने 355 सीटों पर चुनाव लड़ा।

-जिनमें से सिर्फ 28 सीट पर ही उनके नेता चुने गए।

-नतीजा कांग्रेस के 240 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

क्या रही बीजेपी की स्थिति ?

-यूपी विधानसभा चुनाव-2012 में बीजेपी ने 398 उम्मीदवारों पर दांव लगाया था।

-जीत सिर्फ 47 सीटों पर ही मिली। जबकि 229 प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके।

क्या रही बसपा की स्थिति ?

-यूपी विधानसभा चुनाव-2012 में बसपा ने 403 सीटों पर ताल ठोकी और 80 सीट हासिल की।

-जबकि 51 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।

क्या रही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) की स्थिति ?

-यूपी विधानसभा चुनाव-2012 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने 17 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे।

-जिनमें से एक के अलावा सभी 16 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

-नेशनल कांग्रेस पार्टी के तो सभी 51 उम्मीदवार अपनी ज़मानत जब्त होने से नहीं रोक पाए।

सात में आई समाजवादी पार्टी के 53 प्रत्याशियों की ज़मानत जब्त

-साल 2012 में यूपी में सत्ता हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी को भले ही शानदार जीत मिली हो, लेकिन इनके उम्मीदवारों की भी जमानत जब्त हो गई।

-सपा ने अपने 401 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। जिनमें 224 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की।

-जबकि 53 प्रत्याशियों की ज़मानत जब्त हो गई।

क्या रही आरएलडी की स्थिति ?

-यूपी विधानसभा चुनाव-2012 में राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने 46 सीट पर उम्मीदवार खड़े किए।

-जिनमें से 9 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। जबकि 20 सीट के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।

लालू नितीश और पासवान ने भी उतारे प्रत्याशी, जब्त हुई जमानत

कहते हैं कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। इस बात को समझते हुए लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने ने यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे।

जिनमे से जेडीयू के सभी 219 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई, तो वहीं आरजेडी से लालू के उतारे चारों प्रत्याशी भी अपनी जमानत बचाने में नाकामयाब रहे। लालू और नीतीश की तरह राम विलास पासवान ने भी लोक जनशक्ति पार्टी के 212 उम्मीदवारों के दम पर जीत हासिल करने का सपना देखा था। इन सभी उम्मीदवारों ने अपनी जमानत जब्त करवाते हुए पासवान के जीत के सपने को तोड़ दिया।



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