TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ चल रहे केस में मुकदमा वापसी की अर्जी 

Rishi
Published on: 8 Jan 2018 9:14 PM IST
पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ चल रहे केस में मुकदमा वापसी की अर्जी 
X

लखनऊ : राज्य सरकार ने एसटीएफ के पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ लंबित एक आपराधिक मुकदमा वापस लेने का निर्णय लिया है। 20 दिसंबर, 2017 को लिए गए इस निर्णय की बिना पर राजधानी की संबधित अदालत में मुकदमा वापसी की अर्जी दाखिल भी कर दी गई है। बीते शनिवार को अभियोजन की ओर से दाखिल इस अर्जी में अदालत से मुकदमा वापस लेने के संदर्भ में समुचित आदेश पारित करने की गुजारिश की गई है। इस अर्जी में अभियोजक कथानक की प्रमाणिकता को संदिग्ध करार दिया गया है। अदालत में अर्जी पर सुनवाई 13 फरवरी को होगी।

2009 में कांग्रेस के टिकट पर चंदौली लोकसभा तथा वर्ष 2012 में सैय्यद रजा से विधान सभा का चुनाव हार चुके शैलेंद्र सिंह ने वर्ष 2014 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।

यह है मामला

अदालती पत्रावली के मुताबिक 25 सितंबर, 2008 को उप्र सूचना आयोग के सचिव ने थाना हजरतगंज में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक अभियुक्त शैलेंद्र सिंह व अवधेश सचान के नेतृत्व में करीब 150 व्यक्तियों का समूह आयोग के दफ्तर व न्यायकक्षों में अपशब्दों का प्रयोग करते हुए घुस गया। राज्य सूचना आयुक्त के कक्ष में जबरिया प्रवेश करने का प्रयास किया। आयोग के कर्मियों व व्यक्तिगत सुरक्षाकर्मी द्वारा दरवाजा बंद करने पर इन्होंने लात से दरवाजे को तोड़ने का प्रयास किया। सूचना आयुक्त के न्यायकक्ष के बाहर लगी उनकी नामपट्टिका तोड़कर फेंक दिया गया। भद्दी भद्दी गालियां दी गई। इस तरह करीब एक घंटे तक आयोग के सरकारी कामकाज को बाधित रखा गया।

दो फरवरी, 2009 को इस मामले में अभियुक्त शैलेंद्र सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ। अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए अभियुक्त को मुकदमे के विचारण के लिए तलब किया। फिलहाल अभियुक्त शैलेंद्र सिंह इस मामले में जमानत पर रिहा हैं।

यह है अभियेाजन वापसी की अर्जी में दलील

6 जनवरी 2018 को मुकदमा वापसी के लिए दाखिल अर्जी में कहा गया है कि अभियुक्त शैलेंद्र सिंह का नाम वादी द्वारा दी गई तहरीर में अंकित नहीं है। विवेचक ने तहरीर में नामजद अभियुक्तों का नाम हटाकर उनकी जगह शैलेंद्र सिंह का नाम कतिपय गवाहों के बयान के आधार पर अंकित किया है। इस मामले में अपराध की धारा से संबधित सुसंगत साक्ष्यों का संकलन नहीं किया गया है। जिससे अभियोजक की प्रमाणिकता संदिग्ध प्रतीत होती है। इस मामले में लोक संपति की क्षति होने के संदर्भ में भी साक्ष्य संकलित नहीं किया गया है। जिससे अभियोजनक कथानक बलहीन हो जाता है। लिहाजा गुजारिश है कि इस मुकदमे को वापस लेने हेतु समुचित आदेश पारित किया जाए।



\
Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story