TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

गडकरी बोले- ‘माल्याजी’ को चोर कहना ठीक नहीं, 40 साल तक नियमित चुकाया लोन

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी देश को आर्थिक नुकसान पहुंचाकर विदेश भागने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या के बचाव में उतर आये है। वे विजय माल्या को चोर कहने पर इत्तेफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि ‘एक बार कर्ज नहीं चुका पाने वाले विजय माल्याजी’ को ‘चोर’ कहना सही नहीं है।

Aditya Mishra
Published on: 14 Dec 2018 10:02 AM IST
गडकरी बोले- ‘माल्याजी’ को चोर कहना ठीक नहीं, 40 साल तक नियमित चुकाया लोन
X

नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी देश को आर्थिक नुकसान पहुंचाकर विदेश भागने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या के बचाव में उतर आये है। वे विजय माल्या को चोर कहने पर इत्तेफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि ‘एक बार कर्ज नहीं चुका पाने वाले विजय माल्याजी’ को ‘चोर’ कहना सही नहीं है।

ये भी पढ़ें...पूर्वांचल को 6,517 करोड़ के सड़कों की सौगात, गडकरी ने मॉडल टर्मिनल का किया शिलान्यास

उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि विजय माल्या का चार दशक तक तय वक्त पर कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड रहा है। 40 साल बाद वह उड्डयन क्षेत्र में उतरा और परेशानी में घिर गया तो वह चोर हो गया। जो 50 साल ब्याज भरता है वह ठीक है, पर एक बार वह डिफॉल्ट कर जाए तो तुरंत सब फ्रॉड हो गया। यह मानसिकता ठीक नहीं है।

आगे कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी करने वालों पर सख्ती की बात करते हुए उन्होंने कहा, यदि नीरव मोदी या विजय माल्याजी ने वित्तीय धोखाधड़ी की है तो उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए, लेकिन यदि कोई परेशानी में आता है और हम उस पर धोखेबाज का लेबल दे देते हैं तो हमारी अर्थव्यवस्था प्रगति नहीं कर सकती।

ये भी पढ़ें...चाबाहार बंदरगाह 2019 तक पूरा करने को प्रयासरत : नितिन गडकरी

गडकरी ने कहा कि वह जिस कर्ज का जिक्र कर रहे हैं वह महाराष्ट्र सरकार की इकाई सिकॉम की ओर से माल्या को दिया गया था। यह कर्ज 40 साल पहले दिया गया था। यह कर्ज बिना किसी परेशानी के माल्या ने समय पर चुकाया था।

उन्होंने कहा कि किसी भी कारोबार में उतार-चढ़ाव आते हैं यदि किसी को दिक्कत आती है तो उसका समर्थन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कारोबार में जोखिम होता है, चाहे बैंकिंग हो या बीमा, उतार-चढ़ाव आते हैं। यदि अर्थव्यवस्था में वैश्विक या आंतरिक कारणों मसलन मंदी की वजह से गलतियां बुनियादी हों तो जो व्यक्ति परेशानी झेल रहा है उसका समर्थन किया जाना चाहिए।

गडकरी ने कारोबारी समस्या को चुनाव में हुई हार से जोड़ते हुए कहा कि कैसे वह 26 साल की उम्र में चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्होंने इस हार को इस तरह नहीं लिया जैसे कि उनका राजनीतिक करियर समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि जब कोई गंभीर बीमार होता है तो उसे पहले आईसीयू में रखा जाता है, लेकिन हमारे बैंकिंग सिस्टम में पहले बीमार कंपनी को आईसीयू में रखा जाता है और फिर तय कर दिया जाता है कि वह खत्म हो चुकी है ।

ये भी पढ़ें...केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सुझाए सीवेज के पानी को बेंचने के फंडे, योगी सरकार तैयार कर रही डीपीआर



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story