×

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान पर रार, संबित पात्रा ने खोला मोर्चा

sudhanshu
Published on: 18 Oct 2018 10:43 AM GMT
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान पर रार, संबित पात्रा ने खोला मोर्चा
X

लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद के बयान पर सियासी बवंडर खड़ा हो गया है। उन्‍होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि हिंदू भाईयों और नेता उन्‍हें कार्यक्रमों में बुलाने पर कतराते हैं। ऐसे लोगों की संख्‍या घट गई है, जो उनहें निमंत्रित करते थे। इस बयान पर बीजेपी प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने कड़ा हमला करते हुए कहा है उन्‍हें हिंदू पसंद ही कहां हैं।

हिंदुओं के लिए गाली है ये बयान

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आजाद के बयान को हिंदुओं के लिए अपमान बताते हुए कहा है कि गुलाम नबी आजाद का बयान हिंदुओं के प्रति गाली है। उन्होंने हिंदुओं का अपमान किया है और देश की धर्मनिरपेक्षता को चोट पहुंचाया है। कांगेस के बुरे दिन आ गए हैं। इसलिए उनको प्रचार के लिए नहीं बुलाया जा रहा है। इसको वो हिंदू मुस्लिम रंग देकर हिंदुओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कश्मीरी छात्रों का जिक्र करते हुए दिए गए उनके बयान को भी गलत बताया है। उनका मानना है कि अगर कोई राष्ट्रविरोधी गतिविधि करे तो उसकी आलोचना नहीं होगी क्‍या। एक तरफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की फोटो लगाते हैं, दूसरी तरफ हिंदुओं को टारगेट करते हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी जवाब दें कि हिंदुओं के साथ ये षड्यंत्र क्यों हो रहा है?

कांग्रेस चला रही मोदी हटाओ अभियान

संबित पात्रा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में पैसे खर्च कर 'मोदी हटाओ' अभियान चला रही है। देश में ये अभियान चलाया जाता है तो समझ में आता है, पर पाकिस्तान में क्यों? नवजोत सिद्धू का दक्षिण भारत की तुलना में पाकिस्तान को करीब बताना और गुलाम नबी आजाद व मणिशंकर अय्यर जैसे कई नेता इस तरह का बयान दे चुके हैं।

ये दिया था बयान

बता दें कि लखनऊ में बुधवार को सर सैय्यद डे पर हुए कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद का दर्द छलका था। उन्होंने कहा कि बीते चार सालों में मैंने पाया है कि अपने कार्यक्रमों में बुलाने वाले जो 95 फीसदी हिंदू भाई और नेता हुआ करते थे, अब उनकी संख्या घटकर महज 20 फीसदी रह गई है। वो जब यूथ कांग्रेस में थे, तब से ही अंडमान-निकोबार से लेकर लक्षद्वीप तक, देशभर के कोने-कोने में कैंपेन के लिए जाते रहे हैं और उन्हें बुलाने वालों में 95 फीसदी हिंदू भाई और नेता हुआ करते थे, जबकि सिर्फ 5 फीसदी ही मुसलमान उन्हें अपने कार्यक्रमों में बुलाया करते थे। ऐसा होना ये बताता है कि कुछ गलत हो रहा है। आज मुझे बुलाने से आदमी डरता है कि इसका वोटर पर क्या असर होगा? ये सोंचने वाली बात है।

sudhanshu

sudhanshu

Next Story