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Ramchandra Khuntia Biography: श्रमिकों के अधिकारों के पैरोकार बन संघठन को मजबूत करने में बड़ा योगदान रहा है राजनेता रामचंद्र खुंटिया का

Indian Politician Ramchandra Khuntia Biography: क्या आप रामचंद्र खुंटिया के जीवन से जुड़ी इन बातों के बारे इन जानते हैं आइये आपको बताते हैं कि कैसे उन्होंने श्रमिकों के अधिकारों के पैरोकार बन संघठन को मजबूत करने में अपना योगदान दिया।

Jyotsna Singh
Published on: 9 Feb 2025 12:27 PM IST
Ramchandra Khuntia Biography
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Ramchandra Khuntia Biography (Image Credit-Social Media)

Ramchandra Khuntia Wikipedia in Hindi: ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर श्रमिकों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद कर रामचंद्र खुंटिया ने एक श्रमिक नेता के तौर पर पहचान कायम की है। जिन्हें आमतौर पर आरसी खुंटिया के नाम से जाना जाता है। ये भारतीय राजनीति में 1998 से 2004 और 2008 से 2014 तक ओडिशा से राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। रामचंद्र खुंटिया तेलंगाना के प्रभारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव के रूप में कार्य करते हैं और जिनेवा स्थित बीडब्ल्यूडब्ल्यूआई के अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक कार्य समूह के वर्तमान अध्यक्ष हैं। उन्होंने कई बार प्रवासी श्रमिकों के लिए कार्य योजना पर संयुक्त राष्ट्र , आईएलओ , एमएफए, बीडब्ल्यूआई और सॉलिडैरिटी सेंटर की बैठकों में प्रतिनिधित्व किया है । उन्होंने भारत , जर्मनी , यूके और ब्रुसेल्स में एशियाई प्रवासी श्रमिकों को भी संगठित किया है। इन्होंने उत्कल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में कानून की पढ़ाई की। इनका 10 फरवरी 1953 को बेगाना , ओडिशा में एक कृषक परिवार में हुआ था।

आर. सी. खुंटिया की राजनैतिक छवि

खुंटिया ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य बने। बाद में, वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और पार्टी के विभिन्न पदों पर कार्य किया। वह 1998 से 2004 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने विभिन्न संसदीय समितियों में योगदान दिया और सामाजिक न्याय, श्रम और रोजगार से संबंधित मुद्दों पर सक्रिय रहे।राजनीतिक उपलब्धियों में, खुंटिया ने श्रमिकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई और ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर श्रमिकों के मुद्दों को प्रस्तुत किया। इसके अलावा, उन्होंने ओडिशा में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आर. सी. खुंटिया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहचान एक वरिष्ठ नेता के तौर पर एक प्रतिबद्ध, अनुभवी और मेहनती राजनीतिज्ञ के रूप में की जाती है। वे विशेष रूप से श्रमिक वर्ग के अधिकारों की रक्षा, संगठनात्मक कौशल और कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए जाने जाते हैं। उनका राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ और धीरे-धीरे उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक मजबूत पहचान बनाई।

खुंटिया को संगठनात्मक कार्यों में दक्ष माना जाता है। कांग्रेस पार्टी के भीतर विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उन्होंने नेतृत्व कौशल का परिचय दिया। वे पार्टी के संकट के समय एक भरोसेमंद नेता साबित हुए हैं, जो रणनीतिक निर्णय लेने में सक्षम हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई चुनौतियों का सामना किया और कई बार सफल रणनीतियाँ अपनाईं।

संसदीय योगदान और नीतिगत कार्य

आर. सी. खुंटिया राज्यसभा की अपनी सदस्यता के रहते उन्होंने विभिन्न संसदीय समितियों में भाग लिया और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उन्होंने श्रमिकों, किसानों और वंचित वर्गों से जुड़े मुद्दों को संसद में उठाया और उनके कल्याण के लिए सरकार पर दबाव बनाया। श्रम कानूनों में सुधार, न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि और श्रमिक संगठनों को मजबूत करने के लिए उनके योगदान को सराहा गया। खुंटिया की छवि एक सामाजिक न्याय समर्थक राजनेता की रही है। वे श्रमिक संघों और ट्रेड यूनियनों के साथ गहराई से जुड़े रहे हैं और उनके अधिकारों के लिए निरंतर संघर्षरत रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर श्रमिकों की समस्याओं को उठाया, जिससे उनके प्रति उनकी प्रतिबद्धता साफ झलकती है। खुंटिया की छवि एक समर्पित कांग्रेसी नेता की रही है, जिन्होंने पार्टी के अंदरूनी मामलों में संतुलन बनाए रखने और नेतृत्व को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने ओडिशा और अन्य राज्यों में कांग्रेस संगठन को मजबूती देने के लिए मेहनत की, जिससे उन्हें पार्टी का एक भरोसेमंद नेता माना जाता है। इस दौरान हर राजनेता की तरह, खुंटिया को भी कुछ चुनौतियों और आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। कई बार उन पर यह आरोप लगे कि वे जमीनी स्तर पर अधिक सक्रिय नहीं हैं और पार्टी संगठन में केवल अंदरूनी रणनीतियों पर ध्यान देते हैं। हालांकि, उनके समर्थक इसे उनकी प्रशासनिक क्षमता और संगठनात्मक अनुभव का हिस्सा मानते हैं।

आर. सी. खुंटिया का राजनैतिक सफर

उन्हें 1999 से 2000 तक आईएफबीडब्लूडब्लू के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया और साथ ही आईएफबीडब्लूडब्लू की एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष भी। वह आईएफबीडब्लूडब्लू के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी बोर्ड के सदस्य थे ( जिम्बाब्वे में आईएफबीडब्लूडब्लू की विश्व कांग्रेस में चुने गए)। वह व्यावसायिक स्वास्थ्य पर आईएलओ-डब्लूएचओ के संयुक्त समिति के सदस्य थे । वह 1993 से आईएफबीडब्लू एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय समिति के नाममात्र सदस्य हैं। वह 30 मई 1998 को जिनेवा में आयोजित बाल श्रम के वैश्विक मार्च के समापन समारोह में एक प्रतिनिधि रहे हैं। आर. सी. खुंटिया की छवि एक अनुभवी, निष्ठावान और श्रमिकों के हितों के प्रति संवेदनशील राजनेता की रही है। उनकी संगठनात्मक क्षमताएं और कांग्रेस पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनाती हैं। हालाँकि वे व्यापक जनाधार वाले नेता नहीं हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक सूझबूझ और नीतिगत पकड़ उन्हें भारतीय राजनीति में एक अहम स्थान दिलाती है।खुंटिया की शैक्षिक पृष्ठभूमि और कानूनी ज्ञान ने उन्हें सामाजिक और आर्थिक न्याय से संबंधित नीतियों के निर्माण में सक्षम बनाया। उनकी नेतृत्व क्षमता और समर्पण ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक सम्मानित स्थान दिलाया है।



Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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