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कोरोना और तीन राज्यों में घमासानः प्रवासी मजदूरों का हितैषी कौन, मची है होड़

इससे पहले राबड़ी देवी ने लिख चुकी है कि कैसे नीतिश सरकार मजदूरों को सूखा भात और नमक खिला रही है।  बेशर्म उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि विपक्ष मजदूरों को मेवा खिला दें। सारा काम विपक्ष करेगा तो 15 साल से नीतीश-मोदी क्या सिर्फ बिहार को लूटने और विपक्ष को गाली देने ही गद्दी पर बैठे है?

राम केवी
Published on: 19 May 2020 6:15 PM IST
कोरोना और तीन राज्यों में घमासानः प्रवासी मजदूरों का हितैषी कौन, मची है होड़
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ। वैसे तो इस समय देश व प्रदेश में लोग कोरोना संक्रमण से जंग लड़ रहे हैं लेकिन इन सबके बीच राजनीतिक दलों के निशाने पर विधानसभा चुनाव की रणनीति भी है। आने वाले समय में देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए राजनीतिक दल कोरोना के मौके का लाभ उठाने में भी पीछे नहीं हैं। कोरोना के बहाने सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने सिसासी दांव खेलने में पीछे नहीं हैं।

बिहार में इस वर्ष अक्टूबर और पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं यूपी में मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इसलिए इन तीनों राज्यों में सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव अभी से शुरू हो गया है।

विपक्षी दल जहां सत्ता पक्ष पर संवेदनहीन होने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि सत्ता पक्ष विपक्ष पर राजनीति रोटियां सेकने का आरोप लगा कर अपनी असफलताओं को छिपाने में जुट गए हैं।

यूपी में कांग्रेस भाजपा के सियासी दांव

लाकडाउन के दौरान जिस तरह श्रमिकों की घर वापसी को लेकर आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हुआ उसमें श्रमिकों का भले ही लाभ न हुआ हो पर राजनीतिक दल खुद को बेहतर साबित करने की कोशिशों में जुटे हैं।

यूपी में पिछले दो दिनों से कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक दांव पेंच का खेल चल रहा है उसके पीछे श्रमिकों की चिंता कम और अपने वोट बैक को साधने की चिंता अधिक है।

सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर झूठा आरोप लगाने की बात कह रहे है। कांग्रेस की एक हजार बसों को चलाने का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है।

प्रियंका आक्रामक

प्रियंका वाड्रा ने शासन को लिखे पत्र में कहा है कि प्रवासी मजदूर यूपी की सीमाओं पर गाजियाबाद और नोएडा में फंसे हैं। लाखों की संख्या में मजदूरों की भीड़ और उनकी विकट हालत को टीवी के जरिए पूरा देश देख रहा है तो ऐसे में खाली बसों को लखनऊ में मंगाने का औचित्य क्या है।

उन्होंने कहा है कि यह न केवल संसाधनों की बर्बादी है बल्कि हद दर्जे की अमानवीयता और गरीब विरोधी मानसिकता है। प्रियंका ने सरकार के इस रुख को पूरी तरह से राजनीति प्रेरित बताते हुए आरोप लगाया कि गरीबों की मदद में शायद यूपी सरकार की रुचि नहीं।

योगी सरकार का पलटवार

उधर योगी सरकार ने भी कांग्रेस पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कांग्रेस ने जो बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर दिए हैं, उनमें टू व्हीलर और थ्री व्हीलर के नंबर हैं। कांग्रेस फर्जीवाड़ा कर रही है।

पश्चिम बंगाल में ममता और शाह की रार

जहां तक पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की बात है तो सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केन्द्र में भाजपा सरकार के बीच कोरोना को लेकर आरोप प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की चुप्पी पर सवाल उठा चुके है। अमित शाह ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर पूछा था कि प्रवासी मजदूरों पर ममता बनर्जी चुप क्यों हैं? दूसरे राज्यों में फंसे बंगाल के मजदूरों की ट्रेन से वापसी क्यों नहीं हो रही है। ममता सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए कदम उठाएं।

वहीं केंद्र की भाजपा सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा कि ऐसे वक्त में केंद्र को राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारी सरकार अच्छा काम कर रहा है। केंद्र को समझना चाहिए कि बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है, बंगाल को लिखी केंद्र की चिट्ठी पहले ही लीक हो जाती है।

बिहार में नीतिश पर हमलावर विपक्ष

ऐसा ही कुछ हाल बिहार का भी है। यहां पर कोरोना की आड़ में विपक्षी दल भाजपा-जदयू की साझा सरकार पर लगातार हमलावर है। मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी को विपक्षी दल लगातार घेरने का काम कर रहे हैं।

आरजेडी-कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इस समय बिहार सरकार पर प्रवासियों को लेकर निशाना साध रहे है। आरजेडी नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर निशाना साधने में पीछे नहीं हैं।

हाल ही में एक ट्विट कर राबडी देवी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार और सुशील मोदी को लगता है कि, विपक्ष इतना जानदार, और सक्षम है तो फिर ये दोनों कुछ दिन अवकाश प्राप्त कर लें। हम सरकार का सारा काम जिम्मेवारीपूर्ण करेंगे. बोलों नकारा सृजन चोरों, क्या विपक्ष का ऑफर मंजूर है?

इससे पहले राबड़ी देवी ने लिख चुकी है कि कैसे नीतिश सरकार मजदूरों को सूखा भात और नमक खिला रही है। बेशर्म उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि विपक्ष मजदूरों को मेवा खिला दें। सारा काम विपक्ष करेगा तो 15 साल से नीतीश-मोदी क्या सिर्फ बिहार को लूटने और विपक्ष को गाली देने ही गद्दी पर बैठे है?



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राम केवी

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