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सल्तनत जा चुकी मगर व्यवहार सुल्तान जैसा: रमेश जयराम

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Published on: 8 Aug 2017 3:36 PM IST
सल्तनत जा चुकी मगर व्यवहार सुल्तान जैसा: रमेश जयराम
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कोच्चि: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पार्टी नेतृत्व को हैरत में डालने वाला बयान दिया है। भाजपा के मुकाबले लगातार कमजोर पड़ रही कांग्रेस को उन्होंने याद दिलाया है कि सल्तनत जा चुकी है, मगर हम फिर भी ऐसे व्यवहार करते हैं, जैसे अभी भी सुल्तान हों। रमेश ने कहा कि पार्टी नेताओं को यह समझना होगा कि इस समय पार्टी के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है।

साथ ही पार्टी के अप्रासंगिक होने का खतरा भी है। ऐसे में मोदी व शाह की जोड़ी का मुकाबला करने के लिए पार्टी के सभी नेताओं को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। हालात संभालने के लिए अभी तक जो प्रयास किए जा रहे हैं वे काफी नहीं हैं। ऐसे प्रयासों से भाजपा का मुकाबला नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस को बदलनी होगी कार्यशैली

रमेश ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह सोचकर बैठे रहना पूरी तरह गलत होगा कि भाजपा शासित राज्यों में सत्ता विरोधी लहर अपने आप काम करेगी और इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। पार्टी को प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा अध्यक्ष शाह की चुनौती का सामना करने के लिए यह अच्छी तरह समझना होगा कि पुराने नारे, पुराने फार्मूले अब कांग्रेस को जिंदा नहीं कर सकेंगे। मोदी व शाह के काम करने का अंदाज पूरी तरह अलग है और अगर हमने अपनी कार्यशैली नहीं बदली तो पार्टी को अप्रासंगिक होने से कोई नहीं बचा सकता।

आगे की स्लाइड में जानिए और क्या बोले रमेश

भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को अपनी कार्यशैली में लचीलापन लाना होगा। सामान्य दृष्टिकोण से काम करके उसका मुकाबला करना नामुमकिन है। रमेश ने पार्टी को आपातकाल के बाद 1977 की चुनावी हार की भी याद दिलाई। कहा कि पार्टी ने 1996 से 2004 तक भी चुनावी संकट का सामना किया था मगर मौजूदा स्थितियां पूरी तरह बदली हुई हैं। इस समय तो पार्टी के अस्तित्व पर ही संकट मंडराने लगा है। इसलिए स्थितियों में बदलाव किया जाना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पार्टी को यह समझना होगा कि देश बदल रहा है। पुरान मंत्री व समीकरण अब काम के नहीं रहे। जब देश बदल रहा है तो पार्टी को भी बदलना होगा।

राहुल के अनिश्चितता खत्म करने की उम्मीद

रमेश ने पार्टी के उन नेताओं पर तंज कसा जो अब भी ऐसा व्यवहार करते हैं मानो पार्टी में सत्ता में है। रमेश ने कहा कि हमारी सल्तनत छिन गयी मगर हम फिर भी खुद को सुल्तान समझ रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि राहुल गांधी पार्टी की बागडोर संभालने को लेकर जारी अनिश्चितता जल्द ही खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं। इसलिए अगले साल तक प्रमुख राज्यों पार्टी को अगले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे राहुल के 2015 और फिर 2016 में ही पार्टी अध्यक्ष बनने की उम्मीद थी मगर ऐसा नहीं हुआ। अब मुझे लगता है कि पार्टी में यह बदलाव 2017 के अंत तक ऐसा हो सकता है। वैसे उन्होंने यह बात भी कही कि उन्हें इसका कोई संकेत नहीं मिला है।

सामूहिक ताकत से ही मोदी का मुकाबला संभव

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस में कोई ऐसा है जो 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी का मुकाबला कर सके, रमेश ने कहा कि पार्टी के पास ऐसी कोई जादुई छड़ी नहीं है। सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस की सामूहिक शक्ति ही मोदी का मुकाबला कर सकती है। उन्होंने कहा कि मोदी का मुकाबला करना आसान नहीं। भाजपा ने काफी मजबूती हासिल कर ली है। उसका मुकाबला करने के लिए हमें सोचने का तरीका, कार्यशैली और संवाद शैली पूरी तरह बदलनी होगी।

रमेश ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने जनादेश के साथ धोखा किया है। वैसे उन्होंने स्वीकार किया कि नीतीश के एनडीए में वापस लौटने से भाजपा विरोधी गठबंधन को भारी झटका लगा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 44 विधायकों को बंगलुरू भेजना गलत नहीं था। भाजपा भी पहले इस तरह का काम कर चुकी है। इसलिए वह कांग्रेस को इसके लिए गलत नहीं ठहरा सकती।



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