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Jayant Chaudhary: रालोद के नए अध्यक्ष बने जयंत चौधरी, करना होगा बड़ी चुनौतियों का सामना

Jayant Chaudhary: जयंत चौधरी पिछले कई वर्षों से पार्टी उपाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे। जयंत के पिता और रालोद के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का 6 मई को कोरोना संक्रमण से निधन हो गया था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shivani
Published on: 26 May 2021 3:00 AM GMT
Jayant Chaudhary: रालोद के नए अध्यक्ष बने जयंत चौधरी, करना होगा बड़ी चुनौतियों का सामना
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Jayant Chaudhary: राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को पार्टी का नया अध्यक्ष (RLD Chief) चुना गया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में उन्हें पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया। पार्टी अध्यक्ष के रूप में जयंत चौधरी की राह आसान नहीं होगी और उन्हें कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद का जनाधार काफी सिकुड़ चुका है। ऐसे में पार्टी को मजबूत बनाना आसान काम नहीं होगा। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और यह जयंत चौधरी के लिए बड़ा इम्तिहान होगा।

सर्वसम्मति से चुना गया अध्यक्ष

जयंत चौधरी पिछले कई वर्षों से पार्टी उपाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे। जयंत के पिता और रालोद के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का 6 मई को कोरोना संक्रमण से निधन हो गया था। उसके बाद से ही नए अध्यक्ष के रूप में जयंत चौधरी की ताजपोशी की अटकलें लगाई जा रही थीं।
रालोद की ओर से जारी बयान के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के महासचिव त्रिलोक त्यागी ने जयंत चौधरी को पार्टी की कमान सौंपने का प्रस्ताव रखा। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुंशी रामपाल ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में जयंत चौधरी को ही पार्टी की कमान सौंपी जानी चाहिए। इसके बाद सर्वसम्मति से जयंत चौधरी को पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया गया।

पार्टी को मजबूत बनाने का वादा

पार्टी का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद जयंत ने सभी पार्टी नेताओं के प्रति आभार जताया और कहा कि वे चौधरी चरण सिंह व अजित सिंह के दिखाए रास्ते पर चलकर पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। जयंत चौधरी के बाबा चौधरी चरण सिंह और पिता अजित सिंह देश के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते रहे हैं।

चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे जबकि पिता अजित सिंह कई सरकारों में मंत्री रहे। उन्होंने कई प्रमुख मंत्रालयों की कमान संभाली। ऐसे में जयंत चौधरी को भी रालोद को मजबूत बनाने में अपनी ताकत दिखानी होगी।

जयंत के सामने बड़ी चुनौतियां

रालोद के नए अध्यक्ष के रूप में जयंत चौधरी को कई चुनौतियों का सामना करना होगा। हाल के वर्षों में रालोद का जनाधार लगातार सिमटता जा रहा है। कभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी को बड़ी ताकत माना जाता था मगर अब पार्टी की ताकत काफी घट चुकी है।
हालांकि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने से जयंत चौधरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूती मिली है। इस दौरान जयंत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय भी रहे। सियासी जानकारों का कहना है कि रालोद अध्यक्ष के रूप में जयंत भारतीय किसान यूनियन के साथ तालमेल बिठाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे।

विधानसभा चुनाव होगा बड़ी परीक्षा

मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद पार्टी नेताओं की चुप्पी से नाराज होकर युवा वर्ग ने रालोद को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। ऐसे युवाओं को फिर से पार्टी से जोड़ना जयंत के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा। अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और यह चुनाव जयंत का पहला बड़ा सियासी इम्तिहान होगा।
पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में रालोद का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। ऐसे में पार्टी को सियासी रूप से मजबूत बनाने की जिम्मेदारी जयंत पर होगी। जयंत ने पार्टी को पहले की तरह मजबूत बनाने का वादा किया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि वह अपने वादे पर कहां तक खरे उतरते हैं।
Shivani

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