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झारखंड में जन्मा महागठबंधन, सीटों का बंटवारा 30 जनवरी को

पूर्व सीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर लगभग सवा घंटे चली मीटिंग के बाद एनडीए के खिलाफ दस इलाकाई पार्टियों ने महागठबंधन का ऐलान किया। यह भी तय हुआ कि लोकसभा चुनाव में इस महागठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस करेगी और विधानसभा चुनाव हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

Rishi
Published on: 20 Jan 2019 12:09 PM GMT
झारखंड में जन्मा महागठबंधन, सीटों का बंटवारा 30 जनवरी को
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रांची : पूर्व सीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर लगभग सवा घंटे चली मीटिंग के बाद एनडीए के खिलाफ दस इलाकाई पार्टियों ने महागठबंधन का ऐलान किया। यह भी तय हुआ कि लोकसभा चुनाव में इस महागठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस करेगी और विधानसभा चुनाव हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। सीटों का बंटवारा 30 जनवरी को होगा।

आपको बता दें, झारखंड की कुल 14 लोकसभा सीटों में से 12 बीजेपी के पास हैं। वहीं, विधानसभा की कुल 81 निर्वाचित सीटों में से 43 सीटें बीजेपी के पास हैं। बीजेपी की सहयोगी आजसू के 5 विधायक हैं।

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पिछले चुनाव में क्या था हाल

झारखंड में 2014 में हुए चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी। उसे 31.3 प्रतिशत वोट मिले। जबकि आजसू को 3,7 प्रतिशत वोट मिले। झारखंड मुक्ति मोर्चा को 20.4 प्रतिशत, झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) को 14 प्रतिशत और कांग्रेस को 10.5 प्रतिशत वोट मिले। इस तरह इन तीन पार्टियों को लगभग 45 प्रतिशत वोट मिला है।

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ये दल हुए शामिल

झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा (प्र), कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कमयुनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कमयुनिस्ट पार्टी, माले, एमसीसी, बीएसपी, फारवार्ड ब्लाक के नेता एक साथ बैठे थे।

फिलहाल ये गठबंधन कागजों में काफी मजबूत आ रहा है। लेकिन इस बात की उम्मीद कम ही है कि बड़े नेता हेमंत के नेत्रत्व को मान्यता देंगे। यदि सभी लोकसभा चुनावों तक गठबंधन में टिके रहे तो बीजेपी को सिर्फ नुकसान होगा ये तय है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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