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JP Nadda: नड्डा को भाजपा की कमान तय, पार्टी लोकसभा चुनाव उनके अगुवाई में लड़ेगी
JP Nadda: जे पी नड्डा का यह कार्यकाल जून,2024 तक ही होगा। अब जे पी नड्डा उन अध्यक्षों में शामिल हो गये, जिन्हें एक से अधिक का अध्यक्ष का कार्यकाल मिला।
JP Nadda: कभी भारतीय जनता पार्टी के संविधान में कोई परिवर्तन नितिन गड़करी को एक बार और अध्यक्ष बनाने के लिए किया गया था। आज वही जे पी नड्डा को दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के काम आया। नड्डा को दूसरा कार्यकाल मिलना तय है। हाँ, यह ज़रूर है कि उनका यह कार्यकाल जून,2024 तक ही होगा। अब जे पी नड्डा उन अध्यक्षों में शामिल हो गये, जिन्हें एक से अधिक का अध्यक्ष का कार्यकाल मिला।जे पी नड्डा की अगुवाई में ही पार्टी लोकसभा का आगामी चुनाव भी लड़ेगी।
ग़ौरतलब है कि अध्यक्ष पद पर नियुक्ति दो सालों के लिए हुआ करती थी और लगातार दो सत्रों तक हो सकती थी। 2012 में पार्टी संविधान में बदलाव हुआ। इस नियम को बदल कर अब ये तीन साल और लगातार दो सत्रों तक हो चुकी है।
- 1980 में पार्टी की स्थापना के बाद अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष बने। वह बाद में भारत के प्रधानमंत्री बने। उस पद पर सेवा करने वाले वे एकमात्र भाजपा अध्यक्ष हैं।
- 1986 में लाल कृष्ण आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष के रूप में शपथ ली। तीन अलग-अलग अवधियों में सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे।
- 2022 तक, 11 लोगों ने भाजपा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। जिसमें राजनाथ सिंह और अमित शाह भी शामिल हैं, इन्हें दो कार्यकाल भी निभाए हैं।
जेपी नड्डा की राजनीतिक यात्रा (JP Nadda Political Career)
पटना में 1960 में जन्मे जगत प्रकाश नड्डा ने बीए और एलएलबी की परीक्षा पटना से पास की थी। शुरू से ही वे एबीवीपी से जुड़े हुये थे। अपने राजनीतिक करियर में नड्डा जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के प्रभारी और चुनाव प्रभारी रहे हैं।
नड्डा ने 1978 में एबीवीपी से जुड़कर छात्र राजनीति शुरू की।इसके बाद 1991 से 1994 के बीच भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। उनकी पत्नी मल्लिका नड्डा भी 1988 से 1999 तक एबीवीपी की राष्ट्रीय महासचिव रहीं।
2014 में मोदी सरकार में मंत्री बनने से पहले वह नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह के अध्यक्ष रहते पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे। 2012 और 2018 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजा।
जेपी नड्डा पहली बार 1993 में हिमाचल प्रदेश से विधायक चुने गये और 1994 से लेकर 1998 तक राज्य विधानसभा में पार्टी के नेता रहे। इसके बाद वे दुबारा 1998 में फिर विधायक चुने गये। इस बार उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया।
2007 में वे फिर से चुनाव जीते। प्रेम कुमार धूमल की सरकार में उन्हें वन-पर्यावरण, विज्ञान व टेक्नालॉजी विभाग का मंत्री बनाया गया।
2010 के पहले तक जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश की राजनीति तक सीमित थे। तब वह प्रेम कुमार धूमल सरकार में वन मंत्री थे। कुछ वजहों से मुख्यमंत्री धूमल के साथ मतभेद बढ़ने पर 2010 में उन्हें वन मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
2014 के लोकसभा चुनाव में जेपी नड्डा ने भाजपा मुख्यालय से पूरे देश में पार्टी की चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की थी। उस वक्त उनका काम अभियान में जुटी विभिन्न समितियों से लेकर नेताओं की रैलियों आदि के समन्वय का था।
पार्टी ने जनवरी, 2019 में उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर भेजा। जेपी नड्डा अपनी रणनीति के दम पर 49 फीसद से अधिक वोट शेयर पार्टी के लिए जुटाने में सफल रहे। 20 जनवरी 2020 को उन्हें भारतीय जनता पार्टी का पहली बार अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
अभी तक के भाजपा अध्यक्ष (BJP National President List)
अटल बिहारी वाजपेयी : 1980 - 86
लाल कृष्ण आडवाणी : 1986 - 91
मुरली मनोहर जोशी : 1991 - 93
लालकृष्ण आडवाणी : 1993 - 98
कुशाभाऊ ठाकरे : 1998 - 2000
बंगारू लक्ष्मण : 2000 - 01
जन कृष्णमूर्ति : 2001 - 02
वेंकैया नायडू : 2002 - 04
लालकृष्ण आडवाणी : 2004 - 06
राजनाथ सिंह : 2006 - 09
नितिन गडकरी : 2009 - 13
राजनाथ सिंह : 2013 - 14
अमित शाह : 2014 - 20
अध्यक्ष राजनाथ सिंह के नेतृत्व में 2014 में देश में प्रचंड विजय हासिल की और सरकार बनाने में सफल हुई। दोबारा 2019 में अमित शाह के नेतृत्व में सफलता पाई।पार्टी अध्यक्ष के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी होती है जिसमें देशभर से वरिष्ठ नेता होते हैं और यह कार्यकारिणी पार्टी की उच्च स्तर के निर्णय लेने की क्षमता रखती है। इसके सदस्यों में से कुछ उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष और सचिव होते हैं ।जो सीधे अध्यक्ष के साथ काम करते हैं।