×

MP: फिर दोहराया गया इतिहास, माधवराव की तरह ज्योतिरादित्य नहीं बन पाए सीएम

साल 1980 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था। ऐसे में राजीव गांधी चाहते थे कि उनके मित्र व तत्कालीन रेल मंत्री माधवराव सिंधिया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाएं।

Manali Rastogi
Published on: 14 Dec 2018 12:04 PM IST
MP: फिर दोहराया गया इतिहास, माधवराव की तरह ज्योतिरादित्य नहीं बन पाए सीएम
X

भोपाल: साल 1980 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था। ऐसे में राजीव गांधी चाहते थे कि उनके मित्र व तत्कालीन रेल मंत्री माधवराव सिंधिया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाएं। इसके लिए उन्हें फौरन चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली से भोपाल भेजा गया।

यह भी पढ़ें: राजस्थान में CM पद को लेकर घमासान जारी, गहलोत के नाम पर राजी नहीं पायलट

हालांकि, ये बात भी सच है कि सीएम पद से अर्जुन सिंह किसी भी कीमत पर हटने को तैयार नहीं थे। लगभग तय ही था कि माधवराव सिंधिया ही अगले सीएम होंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। न अर्जुन सिंह सीएम बने न माधवराव सिंधिया। कमान मोती लाल वोरा को मिल गई। इसके बाद माधवराव सिंधिया के पास 1993 में सीएम बनने का मौका आया।

2001 में माधवराव सिंधिया की मृत्यु हो गई

तब माधवराव सिंधिया के अलावा दिग्विजय सिंह का नाम भी समय मुख्यमंत्री बनने वालों की लिस्ट में शामिल था। बता दें, तब विधानसभा का चुनाव दिग्विजय सिंह ने नहीं लड़ा था। मगर तब भी माधव सीएम नहीं बन पाए। इसके बाद सिंतबर 2001 में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में उनकी मृत्यु एक विमान हादसे में हो गई।

यह भी पढ़ें: मध्यप्रदेश की कमान कमलनाथ के हाथ, गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ किया काम

वहीं, इस साल हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कमलनाथ के साथ सीएम पद के उम्मीदवार थे लेकिन इतिहास फिर से दोहराया गया। जैसे पहले माधव सीएम नहीं बन पाए वैसे ही इस बार ज्योतिरादित्य के बजाए कमलनाथ को कमान सौंपी गई।

यह भी पढ़ें: MP की कमान संभालेंगे कमलनाथ, आज राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर आएगा फैसला

साल 2001 से राजनीति कर रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया एक जनवरी 1971 को ग्वालियर के सिंधिया राजघराने में जन्मे थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई दून स्कूल से पूरी की। इसके बाद वह अमेरिका चले गए। यहां उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और स्टैनफोर्ड स्कूल से एमबीए की पढ़ाई पूरी की।

ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं बन पाए सीएम

जिस तरह ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव 1993 में सीएम बनने से चूक गए थे, वैसे ही इस बार ज्योतिरादित्य के साथ हुआ। दरअसल, उनका मुकाबला सीनियर नेता कमलनाथ से था। मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से वह लगातार नौ बार सांसद रहे हैं और ये रिकॉर्ड कमलनाथ के नाम ही दर्ज है।



Manali Rastogi

Manali Rastogi

Next Story