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SP के लिए शुभ माना जाता है कानपुर से चुनावी आगाज, यही से होगी साईकिल यात्रा
कानपुर: कानपुर से चुनावी आगाज करना सभी पार्टियों के लिए बहुत शुभ रहा है। कांग्रेस और बीजेपी भी कानपुर से ही लोकसभा चुनाव का बिगुल फूकने की तैयारी में हैं। वहीं, सपा भी पीछे नहीं है। सपा कानपुर से लोकतंत्र बचाव-देश बचाव साईकिल यात्रा निकाल कर आने वाले लोकसभा चुनाव का बिगुल फूकने जा रही है।
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यह साइकिल यात्रा कानपुर बुंदेलखंड लोक सभा क्षेत्रों में जाकर अखिलेश सरकार की उपलब्धियों को बताने का काम किया जाएगा। दरअसल, 2012 विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने कानपुर से साईकिल यात्रा निकाली थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश में सपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी थी। सपा इस इतिहास को एक बार दोबारा दोहराना चाहती है और कानपुर से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रही है।
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लोकतंत्र बचाव-देश बचाव साईकिल यात्रा की शुरुआत 2 सितम्बर को कानपुर के बर्रा से होगी । जिसमे बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता कानपुर,कानपुर देहात,औरैया,कन्नौज,ईटावा समेत कई जनपदों में भ्रमण करेगे। जहां भी सपा कार्यकर्ता रात के वक्त रुकेंगे वहां पर संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
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सपा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर ग्रामीणों से मिलेंगे और उनको अखिलेश यादव के कार्यकाल में किये गए विकास कार्यों से अवगत करायेंगे। बीजेपी के झूठे वादों और गलत, जनविरोधी नीतियों की जानकारी देगे। इसके साथ ही सोशल मीडिया द्वारा दी जा रही गलत जानकारी और दुष्प्रचार से सतर्क रहने की अपील करेंगे।
इस साईकिल यात्रा की सबसे ख़ास बात यह रहेगी कि कही भी किसी भी वक्त सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गांव या फिर हाइवे पर साईकिल चलते हुए कार्यकर्ताओ को मिल सकते है। इसके साथ ही अखिलेश यादव अचानक से किसी भी संस्कृतिक कार्यक्रम में पहुच सकते है। अखिलेश खुद भी गाँव में चौपाल लगा सकते है और कार्यकर्ताओ के साथ साइकिल चलाकर इया अभियान में शामिल होंगे।
बीजेपी के लिए भी कानपुर से चुनावी अभियान शुभ माना जाता है। 2014 के लोकसभा चुनाव का अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर से की थी। कानपुर बीजेपी नगर इकाई ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि जिस प्रकार 2014 के लोकसभा चुनाव का आगाज कानपुर से हुआ था।
उसी प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव की भी शुरुआत कानपुर से की जाए। कानपुर से चुनावी आगाज बीजेपी के लिए बहुत ही शुभ रहा है। वही, इस मामले में कांग्रेस का भी बहुत पुराना इतिहास है। कांग्रेस की जब भी लोकसभा चुनावों में लोकप्रियता घटी है तो कानपुर से चुनावी अभियान की शुरुआत की गई है।
पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी भी इस टोटके को अपना चुके है। कांग्रेस की जिला कमिटी ने राहुल गांधी से मिलकर इस बात की जानकारी दी थी। उनसे यह आग्रह किया था कि लोकसभ चुनाव का आगाज कानपुर से करें।