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खट्टर सरकार-2.0 शपथ ग्रहण: उम्मीदों से भरी है दूसरी पारी

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक इतिहास रचा है। दरअसल वह हरियाणा के मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार बने हैं। यह उनके लिए उपलब्धि इसलिए है क्योंकि वह ऐसा करने वाले गैर-जाट नेता हैं।

Manali Rastogi
Published on: 27 Oct 2019 2:44 PM IST
खट्टर सरकार-2.0 शपथ ग्रहण: उम्मीदों से भरी है दूसरी पारी
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चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 40 सीटें जीतने के बाद रविवार को दीपावली के अवसर पर मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा की कमान संभाली। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने खट्टर को मुख्यमंत्री तो जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में खट्टर सहित मंत्रियों ने पद व गोपनीयता की शपथ ली।

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दुष्यंत चौटाला ने पिछले साल दिसंबर में उन्होंने जेजेपी के नाम से अपनी नई पार्टी बनाई थी। हरियाणा के कद्दावर सियासी परिवार के वारिस दुष्यंत को सियासत विरासत में मिली है। उनके परदादा और पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ताऊ के नाम से चर्चित थे। चुनाव से पहले दुष्यंत की पार्टी को विपक्षियों ने हल्के में लिया था, लेकिन चंद महीनों में ही दुष्यंत देवीलाल की विरासत के वारिस बनते नजर आ रहे हैं।

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खास बात यह कि कुछ वक्त पहले तक हरियाणा की जिस जननायक जनता पार्टी को लोग 'बच्चा पार्टी' कहते थे, उसे दुष्यंत ने एक साल के भीतर ही सत्ता के शीर्ष तक पहुंचा दिया। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बेदाग राजनीतिक छवि के नेता रहे हैं, जिनके पार्टी में शीर्ष स्तर पर वरिष्ठ नेताओं से अच्छे संबंध हैं। खट्टर 2014 में हरियाणा के मुख्‍यमंत्री बने, उनके रूप में प्रदेश को 18 वर्षों बाद कोई गैर-जाट सीएम मिला। लो-प्रोफाइल इमेज रखने वाले खट्टर, पहली बार करनाल से विधायक बने और फिर सीधे हरियाणा की सीएम की कुर्सी संभाली।

ये हैं संभावित मंत्रियों के नाम

अनिल विज, घनश्याम सर्राफ, संदीप सिंह, अभय सिंह यादव, सुभाष सुधा, सीमा त्रिखा, कंवरपाल गुर्जर इस रेस में है। साथ ही धीर सिंगला, नरेंद्र गुप्ता, डॉ कमल गुप्ता, ज्ञान चंद गुप्ता और दीपक मंगला के नाम की भी चर्चा है। हरियाणा में सुभाष बराला, कैप्टन अभिमन्यु और ओम प्रकाश धनखड़ जैसे बड़े जाट नेता और पिछली कैबिनेट में मंत्री रहे ये तमाम लोग चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में महिपाल ढांडा, कमलेश ढांडा, जेपी दलाल और प्रवीण डागर जैसे जाट चेहरे चुनाव जीते हैं। इनमें से एक चेहरे को मंत्री बनाना मजबूरी होगी क्योंकि ये पार्टी के टिकट पर जीत कर आए जाट चेहरे हैं।

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बता दें, हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों से 40 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था, जबकि सरकार बनाने के लिए उसे 6 और विधायक चाहिए थे। ऐसे में जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक इतिहास रचा है। दरअसल वह हरियाणा के मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार बने हैं। यह उनके लिए उपलब्धि इसलिए है क्योंकि वह ऐसा करने वाले गैर-जाट नेता हैं।



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