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लालू को पैरोल दिलाने की कोशिशें तेज, कैबिनेट बैठक में आएगा प्रस्ताव

झारखंड सरकार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर जेल से बाहर लाने में जोर-शोर से जुटी हुई है। इस बाबत रविवार को होने वाली राज्य कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाया जा सकता है।

Aditya Mishra
Published on: 12 April 2020 5:08 AM GMT
लालू को पैरोल दिलाने की कोशिशें तेज, कैबिनेट बैठक में आएगा प्रस्ताव
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रांची: झारखंड सरकार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर जेल से बाहर लाने में जोर-शोर से जुटी हुई है। इस बाबत रविवार को होने वाली राज्य कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाया जा सकता है। राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री ने इसकी पुष्टि की है और उनका कहना है कि इस बाबत मुख्यमंत्री से भी बातचीत हो चुकी है।

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लालू प्रसाद को हो सकता है खतरा

झारखंड के कृषि मंत्री बादल का कहना है कि राजद के मुखिया लालू प्रसाद की उम्र 70 वर्ष से अधिक है और वे रिम्स में भर्ती हैं। वे कई अन्य बीमारियों का सामना कर रहे हैं और उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण का काफी ज्यादा खतरा है। बुजुर्गों को वैसे भी यह वायरस अपनी गिरफ्त में ज्यादा ले रहा है। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर छोड़ा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का दिया हवाला

बादल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश में यह कहा गया है कि जिन कैदियों की उम्र 70 वर्ष से अधिक हो गई है उन्हें कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए पैरोल पर छोड़ा जाए। कई राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जेल में बंद ऐसे कैदियों को छोड़ना भी शुरू कर दिया है। हम लालू प्रसाद यादव के मामले में इस निर्देश की अनदेखी नहीं कर सकते।

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सीएम से हो चुकी है बातचीत

झारखंड के वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि रविवार को राज्य कैबिनेट की बैठक होने वाली है। वह इस बैठक में लालू को पैरोल पर रिहा करने का प्रस्ताव रखेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बारीकी से इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और उनकी इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बातचीत भी हो गई है।

पैरोल न देने पर लगी थी मुहर

इससे पहले झारखंड के जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से रोकने के लिए हुई उच्चस्तरीय बैठक में लालू को पैरोल न देने पर मुहर लगी थी। बैठक में यह फैसला किया गया था कि आर्थिक अपराधों और सात साल से ज्यादा सजा वालों को पैरोल नहीं दी जाएगी।

यह भी तय हुआ था कि गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़कर सात साल से कम की सजा वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का राज्य सरकार कोर्ट में विरोध नहीं करेगी।

ऐसे मामलों में संबंधित कोटे ही फैसला ले सकती है। इस बैठक में हाईकोर्ट के जस्टिस एस सी मिश्रा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और जेल के आईजी शशि रंजन भी मौजूद थे।

जेलों में संक्रमण रोकने की कोशिश

झारखंड के जेल आईजी शशि रंजन ने बैठक के बाद बताया कि कोरोना को लेकर जेलों में भीड़ को देखते हुए सात साल से कम सजा वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि हम भी इस कोशिश में जुटे हुए हैं कि झारखंड के जिलों में कोरोना का संक्रमण न हो सके।

बैठक के बाद कयासों पर विराम

इस उच्चस्तरीय बैठक के बाद लालू प्रसाद के पैरोल पर रिहा होने के कयासों पर विराम लग गया था। दरअसल जब से देश में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है तब से बिहार और झारखंड में लालू प्रसाद यादव के पैरोल पर रिहा होने के कयास लगाए जा रहे हैं। राजद के नेता भी इस कोशिश में जोर-शोर से जुटे हुए हैं कि उन्हें जल्द से जल्द पैरोल मिल सके।

इस कारण मिल सकता है पैरोल

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को राजद का समर्थन हासिल है और राजद के नेता लालू प्रसाद यादव को पैरोल दिलाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं से लगातार संपर्क में बने हुए हैं। माना जा रहा है कि इन्ही कोशिशों का नतीजा है कि इस बाबत कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाया जा सकता है।

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