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Language Controversy: भाषा विवाद में कूदे मंत्री संजय निषाद, बोले - हिंदी का विरोध करने वाले विदेशी

Language Controversy: देश में हिंदी को लेकर चल रहे विवाद पर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि कुछ लोग हिंदी भाषा का विरोध कर देश का माहौल खराब करने की कोशिश में लगे हुए हैं।

Krishna Chaudhary
Report Krishna ChaudharyPublished By Praveen Singh
Published on: 30 April 2022 3:14 PM GMT
Sanjay Nishad
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संजय निषाद (फाइल तस्वीर) 

Language Controversy: दो कलाकारों के बीच शुरू हुआ भाषा का विवाद अब पूरी तरह से राजनीतिक हो चुका है। कन्नड़ स्टार सुदीप किच्चा के समर्थन में कर्नाटक के नेताओं के बाद अब उत्तर प्रदेश से हिंदी के समर्थन में आवाज उठी है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने हिंदी भाषा के समर्थन में बोलते हुए ऐसा कुछ कह दिया है कि जिससे वो विवादों में घिर गए हैं। निषाद ने कहा कि जो लोग हिंदी को पसंद नहीं करते हैं, उन्हें विदेशी माना जाएगा।

अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के मत्सय पालन मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने यहां तक कहा दिया कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते हैं, उनके लिए इस देश में कोई जगह नहीं है। निषाद ने कहा कि कानून के मुताबिक हिंदी हिंदुस्तान की भाषा है। हमारे मन में सभी भाषाओं के लिए सम्मान है। मगर अगर कोई हिंदी का अपमान करता है तो उसे जेल में डाल देना चाहिए, भले ही वो कितना बड़ा नेता ही क्यों न हो।

देश का माहौल खराब करने की कोशिश

देश में हिंदी को लेकर चल रहे विवाद पर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि कुछ लोग हिंदी भाषा का विरोध कर देश का माहौल खराब करने की कोशिश में लगे हुए हैं। ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संविधान ने किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया है। संविधान की 8वीं अनुसूची में 22 राजभाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। ज्ञात हो कि निषाद पार्टी हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी थी। संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद भी बीजेपी से सांसद हैं।

कैसे शुरू हुआ भाषा विवाद

हिंदी को लेकर देश में रार कोई नई बात नहीं है। समय – समय पर दक्षिण के राज्यों से हिंदी के खिलाफ मुखर स्वर उठते रहता है। विशेषकर मोदी सरकार के पॉवर में आने के बाद इन राज्यों की शिकायत और बढ़ गई है। दरअसल बीजेपी की विचारधार में हिंदी का विशेष स्थान है, इसलिए मोदी सरकार आने के बाद केंद्र में हिंदी का चलन बढ़ा है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि हमें संवाद के तौर पर अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करना चाहिए। उनके इस बयान पर विपक्ष विशेषकर दक्षिण भारत के नेताओं औऱ कलाकारों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई थी।

वर्तमान में हिंदी को लेकर विवाद तब बढ़ा जब कन्नड़ स्टार सुदीप किच्चा ने हिंदी को राष्ट्रभाषा मानने से इनकार कर दिया और उनके बयान पर बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन ने पलटवार करते हुए कह दिया कि हिंदी ही उनकी मातृभाषा औऱ राष्ट्रभाषा है। दोनों कलाकारों के बीच छिड़े इस विवाद में देखते ही देखते कर्नाटक के सभी बड़े नेता कूद गए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई, एचडी कुमारस्वामी और सिद्धारमैया तक सभी ने एक स्वर में कन्नड़ स्टार सुदीप किच्चा के बयान का समर्थन किया।

Admin 2

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