×

आइये जानते हैं कल मोदी के साथ खुल सकता है किसकी तकदीर का ताला

मोदी की कैबिनेट में किसे मौका मिलेगा किसे नहीं अभी यह कह पाना तो मुश्किल है लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने वाली भाजपा व सहयोगी दलों को उत्तर प्रदेश से जो 64 सांसद मिले हैं। उनमें से कम से कम एक दर्जन के मंत्री बनने की संभावना प्रबल है। जिसमें कम से कम छह नए चेहरे होंगे।

SK Gautam
Published on: 29 May 2019 8:38 PM IST
आइये जानते हैं कल मोदी के साथ खुल सकता है किसकी तकदीर का ताला
X

लखनऊ: केंद्र की सत्ता की अपनी दूसरी पारी खेलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 30 मई को शपथ लेंगे। मोदी के साथ करीब एक दर्जन से अधिक मंत्रियों के भी शपथ लेने की संभावना है।

मोदी की कैबिनेट में किसे मौका मिलेगा किसे नहीं अभी यह कह पाना तो मुश्किल है लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने वाली भाजपा व सहयोगी दलों को उत्तर प्रदेश से जो 64 सांसद मिले हैं। उनमें से कम से कम एक दर्जन के मंत्री बनने की संभावना प्रबल है। जिसमें कम से कम छह नए चेहरे होंगे।

कई दिन से अंदर खाने चल रही उठापटक को अब विराम लग गया है। सूची फाइनल हो चुकी है। इंतजार है बस इस बात का कि किसको कल शपथ लेने का न्योता मिलता है।

ये भी देखें : जानिए एक महिला ने क्यों कहा कि रेलवे में भी हैं राजदूत

2014 में 73 सीटें जीतने के बाद मोदी सरकार में उत्तर प्रदेश से दर्जनभर मंत्री शामिल किए गये। इस बार तो विधानसभा चुनाव को भी ध्यान में रखना है। जीते हुए मंत्रियों में किसे दोबारा शपथ लेने का मौका मिलेगा यह अभी स्पष्ट नहीं है।

कुछ सांसदों की तकदीर का ताला जरूर खुलना तय है इसमें कोई दोराय नहीं है। सियासी हल्कों में इस बात पर चर्चा तेज है कि अमित शाह कल शपथ ले सकते हैं और उन्हें कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत मिल सकती है।

अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पराजित करने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का मंत्रिमंडल में महत्व बढ़ेगा।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को सहेजते हुए रिकार्ड जीत दर्ज की है इसलिए उनके महत्व को कमतर नहीं किया जा सकता है।

हालांकि इस बीच एक सवाल और राजनीतिक हल्कों में तैर रहा है कि लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर इस बार कौन बैठेगा।

सहयोगी अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल पिछली बार राज्य मंत्री रही हैं इस बार उनका कद बढ़ सकता है। आठ बार के सांसद और कुर्मी समाज के नेता संतोष गंगवार को फिर जगह दिये जाने की संभावना है।

प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर महेंद्र नाथ पांडेय को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। योगी सरकार के मंत्री आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल व इलाहाबाद से जीतीं रीता बहुगुणा जोशी, कल्याण सिंह के पुत्र एटा सांसद राजवीर सिंह, मेनका गांधी भी मंत्री पद की लालसा रखने वालों में शामिल हैं। हालांकि वरुण गांधी को कैबिनेट में जगह मिलने के आसार कुछ कम हैं।

देवरिया में कलराज मिश्र की सीट पर जीते भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और ब्राह्मणों के बड़े नेता डाक्टर रमापति राम त्रिपाठी भी मोदी टीम में शामिल किये जा सकते हैं।

ये भी देखें : मोदी और रेड्डी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होंगे के. चंद्रशेखर राव

उत्तर प्रदेश में सपा बसपा गठबंधन के जातीय समीकरण को ध्वस्त करने और 2022 में आने वाले विधानसभा चुनाव को लक्ष्य करते हुए भाजपा पिछड़ों और दलितों के बीच कुछ चेहरे जरूर उभारेगी।

निषाद, कश्यप और बिंद बिरादरी में पकड़ बनाए रखने के लिए साध्वी निरंजन ज्योति की दोबारा ताजपोशी हो सकती है।

सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाले वीके सिंह, महेश शर्मा, डाक्टर सत्यपाल सिंह का दावा फिर बरकरार है।

तीन-चार बार के सांसद गोंडा के कीर्तिवर्धन सिंह, फैजाबाद के लल्लू सिंह, बलिया के वीरेंद्र सिंह मस्त, डुमरियागंज के जगदंबिका पाल और देवेंद्र सिंह भोले भी मंत्री पद की लालसा रखते हैं हालांकि कल इनकी तकदीर चमकेगी या नहीं कल ही पता चलेगा।

दलित वर्ग में कोरी समाज के प्रतिनिधि के रुप में जालौन के भानु प्रताप सिंह की भी पैरवी हो रही है। गाजीपुर से मनोज सिन्हा हालांकि चुनाव हार गए हैं लेकिन उनका भी कैबिनेट में समायोजन होने की उम्मीद की जा रही है।

अरुण जेटली खुद मंत्री पद लेने से मना कर चुके हैं। सुषमा स्वराज, मुरलीमनोहर जोशी, कलराज मिश्र की भूमिका बदली हुई हो सकती है।

ये भी देखें : बाराबंकी: जहरीली शराब पीने से मृत परिजनों की विलखती हुई ये तस्वीरें

एनडीए के घटक दलों की भी संख्या के हिसाब से कैबिनेट में भागीदारी हो सकती है।



SK Gautam

SK Gautam

Next Story